Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

बिहार: बालिका सुधारगृह में मासूम बच्चियों से सालों से हो रहा था बलात्कार!

बालिका सुधारगृह में रहने वाली लड़कियाँ नेताओं से लेकर अधिकारियों तक के घर भेजी जाती थीं I
बिहार बालसुधारगृह

बालिका सुधारगृह, जो पीड़ित-शोषित बालिकाओं को पुनर्वास, पुनरुत्थान और  संरक्षण के लिए बनाया जाता है, जब वो ही बालिकाओं को यौन शोषण और देहव्यापार  की ओर धकेलेने का केंद्र बन जाए तो इन लड़कियों की ज़िन्दगियों में उम्मीद कहाँ से जागेगी I

बिहार के मुजफ्फरपुर के बालिका सुधारगृह सेवा ‘संकल्प समिति’ में सामने आया, जहाँ काफी समय से बालिकाओं के साथ यौनाचार हो रहा है और उनसे देहव्यापार  करवाया जा रहा थाI पटना मेडिकल कॉलेज (पीएमसीएच) ने अब तक 29  बालिकाओं से यौनाचार की पुष्टि की हैI  चौंकाने वाली बात यह  है कि यहाँ रहने वाली बच्चियों ने अपनी एक साथी की हत्या  किये जाने का भी आरोप लगाया हैI

इस पूरे मामले का खुलासा मुंबई की प्रतिष्ठित संस्था ‘टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस’ (TISS) की एक संस्था ‘कोशिश’ से जारी सोशल ऑडिट रिपोर्ट के बाद हुआ थाI, रिपोर्ट के अनुसार यहाँ रहने वाली लड़कियाँ नेताओं से लेकर अधिकारीयों तक के घर भेजी जाती थीं। जांच के बाद एक और तथ्य सामने आया कि  सुधारगृह  की 44 लड़कियों में  से 3 गर्भवती पाई गईं हैं। 6-14 साल तक की  लड़कियाँ इस सुधारगृह में रहतीं हैं। 

यह मामला तब सामने आया जब TISS की टीम की सिफ़ारिश पर सुधारगृह के प्रबंधकों के खिलाफ़ एकआईआर दर्ज़ की गयी और जाँच शुरू हुईI

इस घटना के तार अब स्थानीय प्रशासन और बिहार के राजनेताओं तक जा रहे है I

TISS की टीम के एक सदस्य ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि, “उन्होंने बिहार के क़रीब 38 ज़िलों की 110 संस्थाओं का ऑडिट कियाI लगभग सभी जगह प्रबन्धन में अनियमित्ताएँ सामने आयींI परन्तु 10 ऐसी संस्थाएँ थीं जहाँ स्थिति बहुत ही भयावह दिखीI उन्हीं में से एक था मुज़फ्फरपुर का बालिका सुधारगृह, जहाँ बालिकाओं के साथ बहुत ही दुर्व्यवहार किया जाता था”I

 इसे भी पढ़े: क्या यही है बिहार का सुशासन ?

एक सामाजिक कार्यकर्ता ने नाम न बताने की गुज़ारिश नहीं पर बताया कि किस तरह से इस सुधारगृह की अनुमति  देने में भारी अनियमित्ताएँ बरती गयींI यह बिहार के सबसे बड़े रेडलाईट इलाकों में से, एक चत्रभुज, के पीछे है I नियमनुसार इस तरह के सुधारगृह की अनुमति  से पहले उस स्थान का भौतिक निरीक्षण  करना अनिवार्य होता है, जो इस मामले में नहीं किया गयाIनहींI  यह सीधे-सीधे जेजे (बाल सुरक्षा कानून) गाइड लाईन का उल्लंघन है I

आगे उन्होंने कहा कि TISS की रिपोर्ट के अनुसार इस तरह के सुधारागृह  में काउंसलर और विशेषज्ञों की एक टीम को होना आवश्यक है जिससे बच्चों को सामान्य जीवन जीने में  मदद मिले, परन्तु वहाँ  यह सुविधा नहींनहीं थी

यह भी सामने आया है कि इस पूरे मामले में वहाँ के चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफिसर भी शामिल हैं और उनकी गिरफ्तारी हो चुकी है  I उन पर ही इस सुधार गृह की जाँच का ज़िम्मा था I

यह तो सत्यापित हो गया है कि वहाँ से बच्चियों को अन्य जगह ले जाया जाता था और उनके साथ यौनाचार किया जाता था I साथ ही यह खुलासा किया कि जिस फ्लोर पर बच्चियाँ रहती थी उसकी एक सीढी सीधे बृजेश ठाकुर जो की इस मामले के मुख्य आरोपी है वो ही इस संस्था के चलता था उसके कमरे में जाती थीं और कई बच्चियों ने कहा कि वो रात्रि में अपने कमरे में सोती थी परन्तु सुबह वो खुद को बृजेश के कमरे के बैड पर पाती थीं I

आगे सामाजिक कार्यकर्ता बताया किस तरह से बच्चियों के साथ जबरन सम्बंध बनाए जाते थे उन्होंने बच्चो के बातचीत के आधार पर ये कहा की जिस बच्ची के साथ सम्बंध बनाना होता था उसका चयन पहले ही कर लिया जाता था और चिन्हित बालिका के रात्रि के भोजन में नशीली दवाइयाँ मिला दिया जाता था ,फिर उनके साथ सम्बंध बनाए जाता था I

बच्चियों की मानसिक स्थित बहुत ही बुरी है

 एक सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि “बच्चियों को सिर्फ नशीली दवाईयाँ ही नहीं कई अन्य तरह की दवाईयाँ भी दी जाती थीं जिससे वो किसी के साथ सम्बन्ध बनाने के समय विरोध ना करे I इन दवाओं से उनके स्वास्थ पर और मानसिक संतुलन पर बहुत भी बुरा असर पड़ा हैI

ज़िला प्रशासन और पुलिस ने बालिका गृह की सभी बालिकाओं को पटना और मधुबनी शिफ्ट कर सुधारगृह को अपने कब्जे में ले लिया हैI ,आज वो बहुत ही बुरे दौर से गुज़र रहीं हैं और उनका बर्ताव बिलकुल भी सामान्य नहीं है I

 

ऐसी परिस्थिति को देखते हुए दिल्ली और बैंगलोर से एक विशेषज्ञों की एक टीम बिहार गई है और बच्चियों से बातचीत कर उन्हें सामान्य करने की कोशशि कर रहे है I किसी भी बाहरी व्यक्ति को उनसे से मिलने की अनुमति नहीं है I

अभी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर समेत सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है I पुलिस ने सहायक निदेशक के शिकायती आवेदन के आधार पर धारा 376 और 120 (बी) के साथसाथ पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया हैI हम यहाँ बता दे की बृजेश ठाकुर के हिंदी के स्थानिय समाचार पत्र प्रातःकमल के संपादक थेI उनके बारे में कहा जाता है कि उनके भाजपा और नीतीश कुमार के साथ  निकट संबंध है और उनका उत्तरी बिहार की राजनीति में बहुत ही अच्छी पकड़ है I इसलिऐ शुरुआत में पुलिस उन पर कार्यवाही करने से बच रही थी परन्तु मीडिया और जनता के दबाब के कारण उसकी भी गिरफ्तारी हो गई है I

इसे भी पढ़े : बिहार: सुशासन बाबू के राज में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से बदहाल

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपनी प्रेसवार्ता में  कहा कि बच्चों को किसी से भी नहीं मिलने दिए जा रहा क्योंकि वो  बालिकाओं पर दबाव डालकर बयान बदलवाना चाहते हैं क्योंकि इसमें सरकार और कई सफेदपोशधारी शामिल हो सकते हैIइसलिए ज़रूरी है कि इसकी पूरी जाँच सही से होI जाँच एक निष्पक्ष एजेंसी से करवाई जाए और  हाईकोर्ट की निगरानी में  हो I इसको लेकर आज बिहार विधानसभा में विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव दिया और चर्चा की माँग की थी I

अब बिहार के अन्य इलाकों से भी इस तरह की घटनाएँ सामने आ रही हैंI छपरा के भी एक सुधारगृह में बच्चियों से यौनाचार और मारपीट की बात सामने आ रही है I तेजस्वी यादव ने कहा अभी ऐसे और भी मामले के लिए हमें तैयार होना चाहिएI

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest