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बिहार: एक और आश्रयगृह पर उठे गंभीर सवाल

पटना के आसरा आश्रयगृह में दो महिलाओं की मृत्यु हुई, बिना पुलिस को जानकारी दिए उनका पोस्टमार्टम और एक महिला का दहासंस्कार भी कर दिया गयाI
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Image Courtesy: प्रभात खबर

बिहार में पिछले एक माह रोज़ एक नए आश्रयगृह में यौनउत्पीड़न, यौन हिंसा, बलात्कार, हिंसा और अन्य गड़बड़ीयाँ समाने आ रही हैंI इसी क्रम में बिहार के एक और आश्रयगृह को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं, वहाँ भी लापरवाही की ख़बरें सामने आ रही हैंI

पटना के राजीवनगर के चंद्रविहार इलाके में स्थित एक आश्रयगृह में रहने वाली दो महिलाओं की  शुक्रवार रात संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतकों की पहचान 17 साल की पूनम और 40 साल की बबली के रूप में की गयी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार डीएम कुमार रवि ने कहा कि दोनों मृत्यु बीमारी की वजह से हुई। दोनों महिला डायरिया व बुखार से पीड़ित थीं। उनके इलाज में लापरवाही हुई है।

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ह एक गंभीर सवाल है कि बिना पुलिस की जानकारी के दोनों मृतक महिलाओं का पोस्टमार्टम कर दिया जाता है और एक का आनफानन में अंतिम संस्कार भी कर दिया जाता हैI इस मामले में पुलिस ने आसरा आश्रयगृह  की संचालिका मनीषा दयाल के साथ ही, उनके साथी NGO अनुमय ह्यूमन रिसोर्सेज फाउंडेशन के सचिव चिरंतन कुमार को रविवार को ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया थाI कल उनकी कोर्ट में पेशी हुई और उन्हें पुलिस हिरासत में भेज दिया गया हैI

इस मामले में एक के बाद एक ट्वीट करते हुए बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कई गंभीर प्रश्न उठाए हैं, उन्होंने बिहार सरकार और प्रशासन पर निशाना साधा हैI तेजस्वी ने कहा कि 2 युवतियों की संदिग्ध हालात में मौत हुई और बिना पुलिस को जानकारी दिए पोस्टमॉर्टम कर दिया गयाI अब जाँच की नौटंकी करने वाले पटना के डीएम और एसएसपी पहले कहाँ थेI पुलिस को खबर भी नहीं हुई, उसमें से  एक का दाह संस्कार भी कर दिया गयाI आगे लिखते है कि “पटना आश्रय गृह एक संगठित सेक्स रैकेट का अड्डा लग रहा हैI पड़ोसी कह रहे हैं कि बेसहारा लड़कियों के पास रातभर बड़ी-बड़ी गाड़ियाँ आती थींI रात भर शेल्टर होम से लड़कियों के रोने और चीखने की अवाजें आती थीं”I

 

पटना शेल्टर होम एक संगठित सेक्स रैकेट का अड्डा लग रहा है।पड़ोसी कह रहे है बेसहारा लड़कियों के पास रातभर बड़ी-बड़ी गाड़ियाँ आती थी।

2 युवतियों की संदिग्ध हालात में मौत हुई है।बिना पुलिस को जानकारी दिए पोस्ट्मॉर्टम हुआ।

अब DM/SSP वहाँ घंटो जाँच की नौटंकी कर रहे है, पहले कहाँ थे?

— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 13, 2018

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नीतीश के सुशासन पर गंभीर प्रश्न चिन्ह?

यहाँ गंभीर प्रश्न यह उठता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नाक के नीचे, मुख्यमंत्री आवास से बस थोड़ी  ही  दूर पर स्थित पटना के आसरा गृह में दो युवतियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई।

बिहार के पिछले विधानसभा चुनाव में एक नारा बहुत ही ज़ोर से गूंज रहा था की “बिहार में बहार है, फिर से नीतीश कुमार है”I आजकल यहाँ एक दूसरा नारा सुनाई दे रहा है “बिहार में रोज़ हो रहे बलात्कार है, फिर भी चुप है नीतीश कुमार”I ये नीतीश जी के सुशासन के दावों की पोल खोलता हैI

विपक्ष यह कह रहा हैं कि नीतीश जी कुर्सी के लालच में पना राजधर्म भूल गए हैI क्या अब उनकी  अंतरात्मा उनको कचोट नहीं रही? उन्होंने महागठबंधन को ये कहते हुए छोड़ा था कि उनके लिए राजद के साथ कानून व्यवस्था को ठीक से चला पाना मुश्किल हो रहा हैंI लेकिन हम देख रहे हैं कि जब से बिहार में नई सरकार आई है, तब से बिहार में हर तरह के अपराधों में वृद्धि हुई हैI इसका वे कोई भी उत्तर क्यों नहीं देते? उनकी ये आपराधिक चुप्पी मार कर बैठे है और बिहार में रोज़ बहन-बेटियों को दरिंदगी से नोचा जा रहा है लेकिन फिर भी सुशासन बाबू चुप हैंI”

इस आश्रयगृह को एक NGO अनुमय ह्यूमन रिसोर्सेज फाउंडेशन द्वारा चलाया जाता हैI आसरा नाम के इस आश्रयगृह  की संचालिका मनीषा दयाल ने महज़ दो साल में बेइंतिहा कामयाबी पाई और ज़मीन से आसमाँ तक सफर तय किया। कई लोग बताते हैं कि मनीषा एक एनजीओ में काम करती थीं, फिर मनीषा ने वहाँ से नौकरी छोड़कर अपनी संस्था बनायी और तेज़ी से राजनीतिक गलियारे में अपनी पहचान बनाईI

मनीषा दयाल

उनके बिहार के कई बड़े–बड़े राजनेताओं और अधिकारियों के साथ अच्छे सम्बंध थेI  उनके फेसबुक पर बिहार के कई बड़े नेताओं और अधिकारियों के साथ तसवीरें थीं, जो सोशल मिडिया पर वायरल हो रही हैंI अब उनका  फेसबुक अकाउंट बंद हो गयाI

देश में हो रहे कुकर्मो पर मोदी की चुप्पी लोगों को अब चुभ रही हैं-

देश भर के अलग–अलग भाजपा शासित राज्यों से आश्रय गृह से बलात्कार, दुर्व्यवहार और लापरवाही की घटनाएँ सामने आ रही हैंI चाहे वो बिहार मुज़फ्फरपुर बालिका गृह का कुकर्म हो, यूपी के देवरिया बालिका गृह में हुआ कुकर्म या फिर भाजपा शासित मध्य प्रदेश में मूक-बधिर बालिकाओं के आश्रय गृह में कुकर्म की बात हो, किसी पर भी को देश के इतिहास में सबसे  साहसिक और मज़बूत प्रधानमन्त्री मोदी जी की चुप्पी, अब देश के लोगों को खल रही हैI ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा बुलंद करने वाले पीएम मोदी तीन बड़े सूबों में बेटियों के साथ हुई इन भयावह घटनाओं पर चुप रहें, तो चुप्पी अखरती हैI

 

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