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छत्तीसगढ़ : न मोबाइल बांटना काम आया न मोदी और शाह की सभाएं

छत्तीसगढ़ में भाजपा के द्वारा न मोबाइल बांटना काम आया और न टिफिन बांटना काम आया। किसानों के कर्ज माफ़ी और समर्थन मूल्य के वादे ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की वापसी कर दी।
MODI RAMAN
Image Courtesy: Patrika

छत्तीसगढ़ में किसान, आदिवासियों, मजदूरों और मेहनतकश जनता ने कांग्रेस को जनादेश दे दिया। भाजपा का सबसे सुरक्षित किला छत्तीसगढ़ की रमन सरकार औंधे मुंह गिर गई। प्रदेश में  भाजपा के द्वारा न मोबाइल बांटना काम आया और न टिफिन बांटना काम आया। किसानों के कर्ज माफ़ी और समर्थन मूल्य के वादे ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की वापसी कर दी। बता दें कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया है कि किसानों का कर्ज माफ़ किया जाएगा, किसानों को 2500 रुपये समर्थन मूल्य दिया जाएगा। यहां तक कि भाजपा की सरकार जो दो साल से समर्थन मूल्य नहीं दे पाई, उसे भी कांग्रेस देगी। इन्हीं वादों के चलते प्रदेश में किसानों ने एकतरफा जनादेश देकर कांग्रेस को गद्दी सौंप दी है। 

राजनीति के जानकार बताते हैं कि प्रदेश में पहले से ही बदलाव की लहर उठ चुकी थी। जिस तरह से पिछले कई सालों से मजदूर,किसान,कर्मचारी लगातार सड़क की लड़ाई लड़कर जन आन्दोलन के माध्यम से रमन सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे, उससे साफ़ प्रतीत हो रहा था कि प्रदेश में अब बदलाव की लहर उठ चुकी है। चुनाव के समय कांग्रेस द्वारा किसानों को लेकर घोषणा और बेरोजगारी, आदिवासियों की भूमि खरीदी जैसी मुद्दों ने गाँव-गाँव में कांग्रेस के पक्ष में लहर पैदा कर दी थी इसका नतीजा है कि आज कांग्रेस 65 प्लस के साथ प्रदेश में सत्ता में आ गई है। 

छत्‍तीसगढ़ में कांग्रेस को सबसे अच्छा दो तिहाई बहुमत मिला। जबकि भाजपा की हालत इस चुनाव में बेहद खराब हो गई। बस्‍तर के 12 सीटों पर 11 में कांग्रेस ने कब्‍जा जमाया है, जबकि एकमात्र दंतेवाड़ा सीट पर ही भाजपा ने जीत दर्ज कराई है। बस्‍तर से भी ज्‍यादा बुरी स्थिति भाजपा की सरगुजा संभाग में हुई। यहां पूरी के पूरी 14 सीटों पर कांग्रेस ने एकतरफा कब्‍जा जमा लिया है। भाजपा या अन्‍य पार्टी को सरगुजा में एक भी सीट नहीं मिली है।

मैदानी इलाकों में भी भाजपा को कांग्रेस ने करारी शिकस्‍त दी है। दुर्ग संभाग के कुल 20 विधानसभा सीटों पर जहां कांग्रेस की 17 सीटों पर जीत हुई है, वहीं भाजपा को मात्र 3 सीटें मिली हैं।

इधर बिलासपुर संभाग की 24 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने 13 सीटों पर जीत का परचम लहराया है, तो जोगी कांग्रेस-बसपा गठबंधन और अन्‍य दलों ने कुल 6 सीटों पर कब्‍जा जमाया है। बिलासपुर संभाग में भाजपा सिर्फ 5 सीटें ही जीत पाई। रायपुर संभाग में कुल 20 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से कांग्रेस ने 13 सीटों पर जब्‍जा जमा लिया है, वहीं 2 सीटों पर अन्‍य दलों ने भी जीत हासिल की है। भाजपा को मात्र 5 सीटें मिली हैं।

छत्तीसगढ़ में सरकार विरोधी लहर के चलते रमन कैबिनेट के आधा दर्जन कद्दावर मंत्रियों को शिकस्त झेलनी पड़ी है। जिन मंत्रियों को अपनी सीट गंवानी पड़ी उनमें प्रेम प्रकाश पांडेय, राजेश मूणत, रामसेवक पैकरा, भैयालाल रजवाड़े, केदार कश्यप और महेश गागड़ा, विक्रम उसेंडी  के नाम शामिल हैं। इसके अलावा भाजपा के कई और बड़े चेहरों को भी हार का सामना करना पड़ा है। 

“छत्तीसगढ़ के सामाजिक कार्यकर्ता आलोक शुक्ला ने कहा है कि बैलेट पेपर में तीनों राज्यों में कांग्रेस आगे रही अर्थात शासकीय कर्मचारियों ने सत्ता के खिलाफ वोट किया है। आदिवासी, किसान, मजदूर और छोटे व्यापारियों ने एकतरफा वोट कांग्रेस को दिया है। छत्तीसगढ़ में संसाधनों की लूट, भ्रष्टाचार, प्रशासनिक आतंक और दमन के खिलाफ जनता ने जनादेश दिया है।”
 
छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों ने खुद अपनी लड़ाई लड़ी। हम राहुल गांधी के शुक्रगुजार हैं जिन्होंने जनता की लड़ाई लड़ी। हमें अनुमान से ज्यादा सीटें मिली। 

राहुल गांधी ने अंतागढ़, कोंडागांव, जगदलपुर, भानुप्रतापपुर, डोंगरगढ़, महासमुंद, बलौदाबाजार, जांजगीर-चांपा, खरसिया, कठघोरा, तखतपुर, भिलाईनगर, बैकुण्ठपुर, जशपुर, अंबिकापुर और कवर्धा में सभाएं कीं। इसमें से सिर्फ बलौदाबाजार और जांजगीर-चांपा में कांग्रेस हारी है।

चार संभाग में मोदी की सभा, चारों में भाजपा चित 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जगदलपुर, अंबिकापुर, बिलासपुर और महासमुंद में सभाएं की। इसमें पांचों संभाग के उम्मीदवार शामिल हुए। संभागवार परिणामों में रायपुर संभाग में 20 में भाजपा को पांच, बिलासपुर संभाग की 24 में 7, सरगुजा संभाग की 14 में सभी सीट पर भाजपा हार गई। दुर्ग संभाग की 20 में तीन और बस्तर संभाग की 12 में से एक सीट पर ही भाजपा उम्मीदवारों को जीत मिली।

शाह की दस सभाएं और दो रोड शो भी न आए काम

प्रधानमंत्री मोदी के अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी छत्तीसगढ़ में पूरी ताकत झोंकी लेकिन काम न आई। उन्होंने खुज्जी, खैरागढ़, कोंडागांव, राजिम, पामगढ़, पाटन, अभनपुर, पत्थलगांव, खरसिया और धमतरी में प्रचार किया। इसमें खैरागढ़ और धमतरी में ही भाजपा की जीत हुई है।
 

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