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डीके शिवकुमार की गिरफ़्तारी के बाद कर्नाटक में प्रदर्शन

कर्नाटक के रमनगारा, चेन्नापट्टन और आसपास के कुछ अन्य शहरों से प्रदर्शन और सड़कों पर टायर जलाकर रास्ते रोकने का प्रयास करने की खबरें हैं। शिवकुमार के समर्थकों ने यहां बंद आहूत किया है।
डीके शिवकुमार

कर्नाटक में कांग्रेस के संकटमोचक माने जाने वाले नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री डीके शिवकुमार आज खुद संकट में हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के बाद शिवकुमार का नंबर आया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग)से जुड़े एक मामले में शिवकुमार को नयी दिल्ली में गिरफ्तार किया है, जिसके बाद से कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे हैं।

राज्य के रमनगारा, चेन्नापट्टन और आसपास के कुछ अन्य शहरों से प्रदर्शन और सड़कों पर टायर जलाकर रास्ते रोकने का प्रयास करने की खबरें हैं। शिवकुमार के समर्थकों ने यहां बंद आहूत किया है।

शिवकुमार का विधानसभा क्षेत्र कनकपुरा रमनगारा जिले में आता है। एहतियात के तौर पर जिला प्रशासन ने बुधवार को स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी घोषित कर दी है।

कांग्रेस नेता की गिरफ्तारी के बाद से कनकपुरा में कल, मंगलवार रात सरकारी बसों पर पथराव होने की भी सूचना है।

गौरतलब है कि शिवकुमार धन शोधन के मामले में चौथी बार मंगलवार को नयी दिल्ली स्थित ईडी के मुख्यालय में पेश हुए थे। वहीं पर एजेंसी ने उन्हें पीएमएलए के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया।

शिवकुमार की गिरफ्तारी की विपक्षी दलों ने जमकर आलोचना की है। पूर्व मुख्यमंत्रियों सिद्धरमैय्या और एचडी कुमारस्वामी का आरोप है कि भाजपा विपक्ष की आवाज दबाने के लिए केन्द्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है।

वहीं मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का कहना है कि कानून अपना काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें बहुत खुशी होगी यदि पूर्व मंत्री शिवकुमार सभी आरोपों से बरी हो जाएं।

पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और एचडी कुमारस्वामी ने भाजपा पर असहमति के स्वर को दबाने के लिए केन्द्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। 

वहीं, मुख्यमंत्री बी एस येदयुरप्पा ने कहा कि कानून अपना काम करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर पूर्व मंत्री पर लगे आरोप गलत साबित हुए तो उन्हें सबसे ज्यादा प्रसन्नता होगी।

सिद्धरमैया ने शिवकुमार की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए ट्वीट किया,‘‘यह सिर्फ भाजपा सरकार की ढ़ांचागत विफलताओं से ध्यान भटकाने और असंतोष की आवाज़ को रोकने की कोशिश है। डीके शिवकुमार उनकी प्रतिशोध की राजनीति का शिकार हुए हैं।’’

वहीं, जद (एस) नेता कुमारस्वामी ने कहा कि ईडी ने कई दिनों तक पूछताछ के बाद शिवकुमार को गिरफ्तार करने के पीछे उनके सहयोग नहीं करने को कारण बताया है,यहां तक कि उन्हें गणेश चतुर्थी पर एक दिन की भी छूट नहीं दी गई। 

कांग्रेस और युवा कांग्रेस की कर्नाटक इकाई ने भी शिवकुमार की गिरफ्तारी की निंदा की और कहा कि वे अपने नेता के साथ हैं।

प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट किया,‘‘जांच में पूरे सहयोग के बावजूद डी के शिवकुमार को ईडी द्वारा गिरफ्तार किया गया। यह राजनीतिक प्रतिशोध है और कांग्रेस के खिलाफ भाजपा का हथकंडा है।’’

ईडी अधिकारियों ने बताया कि लंबी पूछताछ के बाद उन्हें धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत है, इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया है।

ईडी ने शिवकुमार, नयी दिल्ली में कर्नाटक भवन में कर्मचारी हनुमनथैया और अन्य के खिलाफ पिछले साल धनशोधन का मामला दर्ज किया था।

हालांकि शिवकुमार ने किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया था और कहा था कि 2017 में राज्यसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के एक रिजार्ट में गुजरात कांग्रेस के विधायकों को सुरक्षित रूप से ठहराने में अहम भूमिका निभाने के लिए आयकर तलाशी ली गयी और बाद में ईडी ने कार्रवाई की। ऐसा आरोप था कि उस चुनाव के दौरान भाजपा इन विधायकों पर डोरे डाल रही थी।

सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल ने जब 2017 में गुजरात से राज्यसभा चुनाव लड़ा था तब शिवकुमार ने गुजरात कांग्रेस के 44 विधायकों को एकसाथ रखने के लिए उन्हें एक रिजार्ट में ठहराया था।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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