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गोडसे का जन्मदिन मनाते हिंदू महासभा के छह लोग गिरफ़्तार

‘‘गोडसे के जन्मदिन के समारोह के दौरान हिंदू महासभा के सदस्यों ने मंदिर परिसर में गोडसे की तस्वीर के पास दिये जलाए, मिठाइयां बांटी और भजन गाए। यहां तक कि उन्होंने कार्यक्रम की वीडियो बनाई और तस्वीरें ली।’’
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फोटो साभार: Times of India

गोडसे को लेकर विवाद थम नहीं रहा है, कभी बीजेपी तो कभी हिन्दू महासभा तो कभी कोई और महात्मा गांधी के इस हत्यारे को लेकर गौरवगान करते ही रहते हैं। हालांकि कानून के डर से बाद में मुकर भी जाते हैं।

अभी बीजेपी की भोपाल से लोकसभा उम्मीदवार और मालेगांव बम विस्फोट की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर की ओर से नाथूराम गोडसे को लेकर दिए गए बयान पर तमाम माफ़ी-तलाफ़ी के बाद विवाद थमा था कि अब गुजरात के सूरत के लिम्बायत इलाके में एक मंदिर में रविवार को महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का जन्मदिन मनाने के लिए हिंदू महासभा के छह कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया।

गोडसे का जन्म 19 मई 1910 को पुणे जिले के बारामती में हुआ था जो उस समय बंबई प्रेजीडेंसी का हिस्सा था।

सूरत पुलिस आयुक्त सतीश शर्मा ने बताया कि हिंदू महासभा कार्यकर्ताओं ने शहर के लिम्बायत इलाके में सूर्यमुखी हनुमान मंदिर के परिसर में जश्न मनाया जिसके बाद उन्हें सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया।

शर्मा ने कहा, ‘‘गोडसे के जन्मदिन के समारोह के दौरान इन हिंदू महासभा के सदस्यों ने मंदिर परिसर में गोडसे की तस्वीर के पास दिये जलाए,मिठाइयां बांटी और भजन गाए। यहां तक कि उन्होंने कार्यक्रम की वीडियो बनाई और तस्वीरें ली।’’

उन्होंने कहा, ‘‘गांधी जी की हत्या करने वाले गोडसे के जन्मदिन का जश्न मनाने की उनकी हरकत से नागरिकों की भावनाएं काफी आहत हुई। यह लोगों को भड़काने और शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की कोशिश है।’’

अधिकारियों ने बताया कि इन छह लोगों को आईपीसी की धारा 153, 153ए और 153बी के तहत गिरफ्तार किया गया।

पुलिस ने गिरफ्तार लोगों की पहचान हिरेन मशरूवला भारवाडवीराल माल्वीहितेश सुनारयोगेश पटेल और मनीष कलाल के रूप में की है।

हिंदू महासभा के इस कृत्य की निंदा करते हुए सत्तारूढ़ भाजपा के प्रवक्ता भरत पांड्या ने कहा कि गांधीजी की आलोचना करना ‘‘आसमान पर थूकने’’ की तरह है। उन्होंने कहा कि अपरिपक्व लोगों ने ऐसे समारोह का आयोजन किया जिनके पास महात्मा गांधी की शिक्षाओं के प्रति कोई दूरदृष्टि नहीं है।

बहरहालकांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर भाजपा पर हमला किया।

गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा, ‘‘भाजपा को देश को बताना चाहिए कि क्या वे महात्मा गांधी की विचारधारा का प्रचार करते हैं या गोडसे की। चाहे अनंत कुमार हेगड़े हो या प्रज्ञा सिंह ठाकुरभाजपा नेता गोडसे की विचारधारा का प्रचार करने में व्यस्त हैं। यह गंभीर चिंता का विषय है।’’ उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी के ‘‘दोहरे रवैये’’ का पर्दाफाश हो गया है।

गुजरात के गृह मंत्री प्रदीप सिंह जड़ेजा ने कहा कि राज्य सरकार गोडसे के जन्मदिन के ऐसे समारोह को बर्दाश्त नहीं करेगी और दावा किया कि पुलिस को शीघ्र निर्देश देने से सभी छह महासभा सदस्यों को गिरफ्तार किया गया।

आपको बता दें कि हिन्दू महासभा गोडसे के कृत्य को लेकर हमेशा गर्व करती रही है। अभी इसी साल महात्मा गांधी की पुण्यतिथि 30 जनवरी को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हिन्दू महासभा की नेता पूजा शकुन पांडेय ने अन्य कार्यकर्ताओं के साथ महात्मा गांधी के पुतले को गोली मारी थी और इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर उसे जारी किया था। इस दौरान गोडसे की जय-जयकार भी की गई थी।

और अभी पिछले दिनों प्रज्ञा ठाकुर का मामला तो आपको याद ही होगा। एक सवाल के जवाब में प्रज्ञा ने मीडिया से कहा, 'नाथूराम गोडसे देशभक्त थे,देशभक्त हैं और देशभक्त रहेंगे। उन्हें हिंदू आतंकवादी बताने वाले अपने गिरेबान में झांककर देखें। अबकी बार चुनाव में ऐसे लोगों को जवाब दे दिया जाएगा।'

इस बयान के बाद बीजेपी की काफी किरकिरी हुई, जिसके बाद बीजेपी ने खुद को इससे अलग कर लिया। इसके बाद प्रज्ञा को भी माफी मांगते हुए कहना पड़ा कि 'मैं नाथूराम गोडसे के बारे में दिए गए मेरे बयान के लिए देश की जनता से माफी मांगती हूं। मेरा बयान बिलकुल गलत था। मैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का बहुत सम्मान करती हूं।'

लेकिन जब तक प्रज्ञा ने माफी मांगी तब तक गोडसे पर प्रज्ञा सिंह के बयान का बचाव करते हुए केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने विवादित बयान दे दिया लेकिन बाद में भी उन्होंने भी उसे वापस लेते हुए सफाई में कहा कि उनका ट्विटर अकाउंट हैक हो गया था।

अनंत कुमार हेगड़े के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पहले ट्वीट किया गया था कि गोडसे के प्रति नजरिया बदलने की जरूरत है और माफी मांगने की जरूरत नहीं है।

सिलसिला यही नहीं थमा। कर्नाटक बीजेपी के सांसद नलिन कुमार कतील तो और भी कई कदम आगे निकले। उन्होंने गोडसे की तुलना राजीव गांधी से कर दी। इसके बाद बीजेपी की तरफ से राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को आगे मामला संभालना पड़ा और सफाई देनी पड़ी। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर खेद जताना पड़ा।

लेकिन ये एक बार नहीं है, बार-बार महात्मा गांधी को लेकर बीजेपी, संघ, हिन्दू महासभा इत्यादि के नेता-कार्यकर्ता इस तरह के बयान देते रहते हैं। ऑन कैमरा कभी-कभी मामला पकड़ में आता है लेकिन ऑफ कैमरा तो लगभग सभी हिन्दुत्ववादी गांधी के प्रति नफ़रत और गोडसे के प्रति अपने प्यार का खुलकर इज़हार करते हैं।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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