राहुल सांकृत्यायन आज होते तो सिंघू बार्डर पर या जेल में!
भारत के महान् लोक-बुद्धिजीवी राहुल सांकृत्यायन(1893-1963) की 9 अप्रैल को जयंती है. लगभग सवा सौ पुस्तकों के लेखक-अनुवादक-संपादक और महापंडित के रूप में विख्यात राहुलजी ने समाज, धर्म और राजनीति के रिश्तों पर काफी कुछ लिखा है. उन्होंने राजनीति या राष्ट्र निर्माण में धर्म की भूमिका को सिरे से खारिज किया. यही नहीं, उन्होंने मनुष्यता को कलुषित करने वाले धर्मों के क्षय का आह्वान किया. योद्धा विचारक की जयंती के अवसर पर #AajKiBaat में उन्हें याद कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार Urmilesh.
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