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एअर इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की निविदा जारी, प्रस्ताव पर श्रमिक संगठन करेंगे बैठक

सरकार द्वारा एअर इंडिया के निजीकरण की सोमवार को निविदा जारी करने के बाद कंपनी के विभिन्न श्रमिक संगठन नई दिल्ली में बैठक करेंगे। एअर इंडिया के करीब दर्जनभर मान्यता प्राप्त श्रमिक संगठन हैं।
air india

नई दिल्ली: सरकार एक और सरकारी कंपनी को निजी हाथों में बेचने की तैयारी में हैं।   एअर इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की निविदा सरकार ने सोमवार को जारी कर दी। इस संबंध में सरकार ने 17 मार्च तक आरंभिक बोलियां के रुचि पत्र मंगाए हैं।

दो साल से भी कम अवधि में एअर इंडिया को बेचने की यह सरकार की दूसरी कोशिश है। पिछली बार सरकार का यह प्रयास असफल रहा था। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में सरकार ने एअर इंडिया में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी और प्रबंधकीय नियंत्रण निजी हाथों में देने के लिए निविदा जारी की थी। लेकिन दोनों बार ही कर्मचारी और मज़दूर संगठन के विरोध के कारण सरकार नहीं कर सकी थी। इस बार भी मज़दूर संगठन इसका विरोध कर रह रहे हैं, इसको लेकर सोमवार को सभी मज़दूर संगठनों ने बैठक बुलाया।  इस मीटिंग में वो आगे की रणनीति तय करेंगे।

सोमवार को जारी निविदा दस्तावेज के अनुसार, एअर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के तहत सरकार एअर इंडिया की सस्ती विमानन सेवा ‘एअर इंडिया एक्सप्रेस’ में भी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी।

इसके अलावा एअर इंडिया के सिंगापुर एयरलाइंस (सैट्स) के साथ संयुक्त उपक्रम ‘एअर इंडिया-सैट्स एयरपोर्ट सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड’ (एआईसैट्स) की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची जाएगी। एआईसैट्स हवाईअड्डों पर विमानों के खड़े होने और रखरखाव इत्यादि की सेवाएं देती है।

एअर इंडिया का प्रबंधन भी सफल बोली लगाने वाले को हस्तांतरित कर दिया जाएगा।

आपको बता दें कि पिछली बार सरकार का यह प्रयास असफल रहा था। वर्ष 2018 में सरकार ने एअर इंडिया में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी और प्रबंधकीय नियंत्रण निजी हाथों में देने के लिए निविदा जारी की थी।

सरकार ने 17 मार्च तक एअर इंडिया खरीदने के इच्छुक पक्षों से रुचि पत्र मांगे हैं।
एअर इंडिया की एअर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेस, एअर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेस, एयरलाइन एलाइड सर्विसेस और भारतीय होटल निगम में भी हिस्सेदारी है। इन सभी को एक अलग कंपनी एअर इंडिया एसेट होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) को हस्तांतरित कर दिया जाएगा और यह एअर इंडिया की प्रस्तावित हिस्सेदारी बिक्री के सौदे का हिस्सा नहीं होंगी।

निविदा दस्तावेजों के अनुसार एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस पर बंद होते समय 23,286.50 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया रह जाएगा। एअर इंडिया पर बाकी का कर्ज एआईएएचएल को हस्तांरित कर दिया जाएगा। एअर इंडिया की इस विनिवेश प्रक्रिया के लिए परामर्शक की भूमिका ईवाई करेगी।

श्रमिक संगठन दिल्ली में करेंगे बैठक

सरकार द्वारा एअर इंडिया के निजीकरण की सोमवार को निविदा जारी करने के बाद कंपनी के विभिन्न श्रमिक संगठन यहां बैठक करेंगे। सूत्रों ने जानकारी दी कि सरकार के एअर इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की घोषणा करने के बाद यह बैठक बुलायी गयी है। उल्लेखनीय है कि दिन की शुरुआत में सरकार ने कंपनी की हिस्सेदारी बेचने के लिए निविदा दस्तावेज सोमवार को जारी कर दिए।
 
एअर इंडिया के विभिन्न श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि यहां सरकार के निजीकरण प्रस्ताव पर बातचीत करेंगे। एअर इंडिया के करीब दर्जनभर मान्यता प्राप्त श्रमिक संगठन हैं।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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