Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

शामली: मॉब लिंचिंग का शिकार बना 17 साल का समीर!, 8 युवकों पर मुकदमा, एक गिरफ़्तार

क्या पश्चिमी यूपी ख़ासतौर से मुज़फ़्फ़रनगर और आसपास किसान आंदोलन के चलते बनी ऐतिहासिक हिन्दू-मुस्लिम एकता को एकबार फिर तोड़ने की कोशिशें की जा रही हैं। दरअसल यह सवाल इसलिए उठा है क्योंकि मुज़फ़्फ़रनगर के पड़ोसी ज़िले शामली में 17 साल के एक मुस्लिम युवक को कुछ युवकों ने मामूली विवाद में पीट-पीटकर मार डाला।
मॉब लिंचिंग का शिकार बना 17 साल का समीर!, 8 युवकों पर मुकदमा दर्ज, एक गिरफ़्तार
समीर के लिए इंसाफ़ मांगते परिजन

साल 2013 में पश्चिमी उत्तर प्रदेश का ज़िला मुज़फ़्फ़रनगर एक अफ़वाह के चलते जल गया था। उस समय हुए सांप्रदायिक हमले या दंगें के ज़ख़्म आज तक नहीं भरे। देशभर में चल रहे किसान आंदोलन के चलते धीरे-धीरे फिर यहां एकता स्थापित हो रही है। अभी 5 सितंबर को मुज़फ़्फ़रनगर में हुई ऐतिहासिक किसान महापंचायत ने हिन्दू-मुस्लिम एकता का एक नया संदेश दिया जिससे सत्ता पक्ष तक में खलबली मच गई। शायद यही वजह है कि कुछ लोगों को यह एकता रास नहीं आ रही।

इस कड़ी में 17 साल के मुस्लिम युवक समीर की हत्या की घटना देखी जा सकती है। वजह और भी हो सकती हैं, लेकिन मूल में कहीं न कहीं इस इलाके की शांति और एकता को भंग करने की कोशिश ही मिलेगी।

पुलिस ने इस मामले में 8 युवकों के ख़िलाफ़ हत्या का मामला दर्ज किया है, फ़िलहाल एक आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया गया है।

क्या है पूरा मामला?

शामली के बनत कस्बा निवासी 17 वर्षीय समीर, झिंझाना में गाड़ी मैकेनिक की दुकान पर काम करता था। बीते बुधवार, 8 सितंबर की बात है, वो अपने छोटे भाई आसिफ़ चौधरी के साथ एक बस से घर लौट रहा था। परिजनों की मानें तो बस में भीड़ अधिक होने के कारण समीर की कोहनी, बस में यात्रा कर रहे बनत कस्बा निवासी वतन राज (पुत्र सोनपाल) के पेट मे लग गई, गुस्साए वतन राज ने अपने साथियों के साथ मिलकर समीर व उसके छोटे भाई को अगले दिन बस स्टैंड पर घेर लिया, और समीर को इतनी बेरहमी से पीटा कि उसकी मौत ही हो गई।

मृतक समीर के साथ मौज़ूद उसके छोटे भाई आसिफ़ ने न्यूज़क्लिक के लिए बताया कि बस से उतरते समय एक युवक ने समीर को पकड़ लिया। उन्होंने समीर को पकड़ा और कई बार ऊपर उठाकर सर के बल सड़क पर पटक दिया। जिससे समीर बेहोश हो गया। गम्भीर चोटें आने के बाद वे समीर को अधमरा छोड़कर फ़रार हो गए।

आसिफ़ ने आगे बताया ''मैं शोर मचाता रहा और भीड़ भी जमा हुई, लेकिन जब हमलावार भाग गए तब जाकर लोग मदद के लिए आगे बढ़े। उनकी मदद से मैं अपने भाई को अस्पताल लेकर पहुंचा, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।''

समीर के ताऊ ने आगे की घटना का ज़िक्र करते हुए कहा "जानकारी होने के बाद हम लोग घटनास्थल पर पहुंचे। समीर को पीटने वाले सभी आरोपियों के नाम आसिफ़ के द्वारा मालूम हुए। आसिफ़ के अनुसार हमला करने वाले सभी आरोपी हिन्दू जाट थे''

समीर के ताऊ ने आगे कहा ''सभी हमलावर दबंग हैं, जो आये दिन कमज़ोर व्यक्तियों को पीटते रहते हैं। कुछ आरोपी हाल ही में जेल से रिहा होकर आये हैं। इसलिए मैं दावे से कह सकता हूं कि पुलिस सभी आरोपियों का आपराधिक रिकॉर्ड जानती है। यह सभी लोग शहर का माहौल ख़राब करना चाहते हैं, लेकिन हमने समीर के शव को लेकर कोई हंगामा नहीं किया। क्योंकि हम माहौल ख़राब करके उनके मक़सद को पूरा नही करना चाहते हैं। हम पुलिस स्टेशन गये और सभी आरोपियों के ख़िलाफ़ नामज़द FIR दर्ज कराई है।''

घर में कमाने वाला अकेला था समीर

समीर के पिता की 2 साल पहले कैंसर से मौत हो चुकी है, जिस वजह से समीर कम उम्र से ही कमाने लगा था। उसकी कमाई से ही घर चलता था। समीर के ताऊ का कहना है कि इस मामले में सरकार से समीर के परिवार को मुआवजा देने की अपील करूँगा"

आरोपियों का पक्ष

जब हमने आरोपियों के परिजनों से इस मामले की जानकारी प्राप्त करने के लिए संपर्क करने की कोशिश की, तो पड़ोसियों ने बताया कि पुलिस की दबिश के कारण आरोपियों के परिजन घरों से फ़रार हैं, इसलिए हमारा आरोपियों के परिजनों से संपर्क नही हो सका।

पुलिस का क्या कहना है

आदर्श मंडी पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर सुनील ने बताया "समीर अपने काम से लौट रहा था, 8 युवकों ने उसे पकड़ा और पीटा, ज़्यादा चोट लगने के कारण युवक की मौत हो गई। हमने इस मामले में 8 युवकों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किया है जिसमें वरदान चौधरी नाम के आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है, आगे बाक़ी के आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जायेगा।''

जब हमने इंस्पेक्टर सुनील नेगी से आरोपियों के विरुद्ध दर्ज पिछले आपराधिक मामलों की जानकारी मांगी तो नेगी ने जानकारी देने से इनकार करते हुए हमें बताया कि जांच का विषय है जांच के बाद ही कुछ बता सकते हैं।

ज़ाकिर अली स्वतंत्र पत्रकार हैं

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest