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केरल, बंगाल के बाद यूपी और दिल्ली सरकार ने भी की आम जनता को राहत देने की घोषणा 

“देर से सही लेकिन सरकार ने कुछ कदम तो उठाए। लेकिन ये अभी नाकाफ़ी हैं क्योंकि ज़मीनी स्तर पर सरकार अभी कुछ ख़ास नहीं कर पा रही है। शहर और गांवों में लोग डरे हुए हैं। उन्हें इस महामारी की उचित जानकारी नहीं है।”
Yogi and Kejriwal
Image courtesy:The Hans India

देश और दुनिया में जिस तरह से लगातार कोरोना वायरस अपने पैर पसार रहा है। उससे पूरी दुनिया चिंतित है, इससे बचने के लिए सभी लोग अपने स्तर पर काम कर रहे हैं। भारत भी इससे लड़ने का प्रयास कर रहा है। अब इस महामारी का भारत में भी विस्तार हो रहा है, इससे लड़ने के लिए गुरुवार को प्रधानमंत्री ने जनता कर्फ्यू की बात कही थी जबकि केरल के मुख्यमंत्री ने आम जनता को राहत देने के लिए 20 हज़ार करोड़ के स्पेशल पैकज की घोषणा की, जिसमें दिहाड़ी मजदूर से लेकर समाज के सभी निम्न तबकों के लिए राहत दी गईं। जिसके बाद से ही सोशल मीडिया पर केरल सरकार की खूब तारीफ़ हो रही है और लोगों ने यह भी मांग की अन्य सरकार भी इस तरह के उपाय करें।

जिसके बाद शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और आज यानी शनिवार को  उत्तर प्रदेश और दिल्ली के मुख्यमंत्रियों ने भी आम जनता को राहत देने का ऐलान किया है। जबकि अभी देश की कई और राज्य की जनता इस तरह की राहत का इंतजार कर रही है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने सुबह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पूरे देश के अंदर कोरोना वायरस अभी दूसरे चरण में है। हम इस चरण पर इसको रोकने में अगर सफल होते हैं तो यह दुनिया के लिए बड़ा संदेश होगा। इस संक्रमण को रोकने के लिए हमारी कार्रवाई युद्ध स्तर पर चल रही है। हर जिला अस्पताल और मेडिकल कालेज में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं। 

उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 23 मरीज चिन्हित हुए थे, इनमें से नौ पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। कोरोना वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि इन चुनौतियों से लड़ने के लिए खुद को तैयार करने की जरुरत है। बचाव का पक्ष सबसे महत्वपूर्ण है। योगी ने कहा कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए पूरे देश में जो एहतियात बरते जा रहे हैं, उसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने भी पूरी सतर्कता बरती है। 

मुख्यमंत्री ने अपील की कि रविवार को जनता कर्फ्यू के दौरान अनावश्यक तौर पर बाजार में न जाएं। हम सभी अपने घरों में रहें। उन्होंने कहा कि सरकार के पास पर्याप्त मात्रा में दवाएं और खाद्यान मौजूद हैं। किसी भी चीज की किल्लत बाजार में नहीं होगी। सभी को सब सामान मिलेगा, दुकानों पर लाइन कतई न लगाएं, अनावश्यक बाजार में मत जाएं, जमाखोरी बिल्कुल न करें। 

उन्होंने कहा कि कल यूपी में सभी मेट्रो सेवाएं बंद रहेंगी। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिहवन निगम की सभी बस सेवाएं सुबह छह बजे से रात्रि 10 बजे तक बंद रहेंगी। नगर बस सेवाएं भी सुबह छह से रात्रि 10 बजे तक बंद रहेंगी।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इसका असर दिन प्रतिदिन आजीविका कमाने वाले लोगों पर पड़ेगा। इसके लिए हमारी सरकार ने वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर दिहाड़ी मजदूरों के लिए प्रदेश सरकार ने भरण-भोषण के भत्ते की मंजूरी दी है।

योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार तत्काल प्रभाव से 35 लाख मजदूरों को भरण-पोषण के लिए 1000 रुपये प्रति व्यक्ति देगी। यह भुगतान डीबीटी के माध्यम से सीधे अकाउंट में भेजा जाएगा।

उन्होंने मनरेगा मजदूरों को तुरंत भुगतान देने का एलान किया है। इसी के साथ ही उन्होंने 1.65 करोड़ से ज्यादा अन्त्योदय योजना, मनरेगा और श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिक एवं दिहाड़ी मजदूरों को एक माह का निशुल्क राशन अप्रैल में उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं।

प्रदेश के अंदर श्रम विभाग में 20.37 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं। भरण पोषण के रूप में एक हजार रुपए डीबीटी के माध्यम से प्रत्येक के अकाउंट में भेजा जाएगा। जिन श्रमिकों के खाते नहीं है, उनके खाते यथाशीघ्र खुलवाकर विभाग में लेबर सेस फंड से सभी श्रमिकों को प्रतिमाह एक एक हजार रुपए डीबीटी के माध्यम से उपलब्ध करवाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अंदर घुमन्तू जैसे ठेला, खोमचा, रेहड़ी और रिक्शा चलाने, साप्ताहिक बाजार आदि का कार्य करने वाले की संख्या करीब 15 लाख है। इनके लिए भी सरकार एक हजार रुपए भरण पोषण तत्काल रूप से देगी। इसे भी डीबीटी के माध्यम से उनके अकाउंट में भेजा जाएगा। इनका डेटाबेस नगर विकास द्वारा अगले 15 दिनों में तैयार किया जाएगा। ऐसे सभी श्रमिकों के खातों में प्रतिमाह 1000 रुपए की धनराशि हस्तान्तरित की जाएगी। इस पर सरकार का करीब 150 करोड़ रुपए का व्यय भार अऩुमानित है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि शहरी क्षेत्र में ऐसे दिहाड़ी मजदूर जिनके पास राशन कार्ड उपलब्ध नहीं है, उनके कार्ड प्राथमिकता के आधार पर बनाए जाएंगे। प्रदेश में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जो भी कार्य करने वाले लोग खासतौर पर मजदूर या ठेला, खोमचा लगाने वालों को तत्काल खाद्यान्न उपलब्ध करवाने के आदेश दिए गए हैं।

योगी सरकार की इन घोषणाओं को लेकर मजदूरों और सीपीएम पार्टी के नेता  हीरालाल यादव ने कहा देर से सही लेकिन सरकार ने कुछ कदम तो उठाए। लेकिन ये अभी बहुत नाकाफ़ी हैं क्योंकि ज़मीनी स्तर पर सरकार अभी कुछ खास नहीं कर पा रही है। शहर और गांवों में लोग डरे हुए हैं। उन्हें इस महामारी की उचित जानकारी नहीं है। इसका फायदा ढोंगी और तांत्रिक उठा रहे है लोगो से पैसे की वसूली कर रहे है। इसके साथ ही कई तरह की अफ़वाहें फैल रही हैं, इसको लेकर सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे। 

दिल्ली में भी राहत का ऐलान

दिल्‍ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कोरोना के प्रकोप को देखते हुए समाज के ज़रूरतमंद लोगो को राहत देने का निर्णय किया है।  उन्‍होंने कहा कि दिहाड़ी मजदूरों को कोरोना के कारण ज्‍यादा परेशानी हो रही है। उनके सामने रोजी-रोटी का संकट आ रहा है। इसलिए सरकार ने यह ऐलान किया है कि हम 72 लाख लोगों को मुफ्त राशन देंगे। यह 72 लाख लोग वे हैं जो दिल्‍ली सरकार के राशन स्‍कीम के तहत रजिस्‍टर हैं। वैसे दिल्ली के राशन स्‍कीम में कुल 18 लाख परिवार आते हैं।

इसके अलावा भी केजरीवाल ने कई अन्य घोषणाए कीं।  उनपर एक नज़र डाल लेते हैं-  

1.सभी पेंशनधारियों को डबल पेंशन यानी  4000-5000 पेंशन 7 अप्रैल तक दे दी जाएगी। इससे करीब 8.5 लाख लोगो को फायदा होगा।

2. इसके साथ ही सभी लोगों जिन्हें राशन मिलता है उन्हें 50% अधिक राशन दिया जाएगा। अभी दिल्ली में एक व्यक्ति को 5 किलो राशन मिलता है। उसे बढ़ाकर अब 7.5 किलो कर दिया गया है।

3. दिल्ली सरकार के सभी शेल्टर होम में मुफ़्त लंच और रात का भोजन दिया जाएगा।

4. जिनको आइसोलेशन यानी अलग रहने की ज़रूरत है, उनके लिए पेड होटल व्यवस्था की जाएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि   दिल्‍ली में फिलहाल लॉकडाउन नहीं है मगर ज़रूरत पड़ेगी तो किया जा सकता है।

पश्चिम बंगाल की घोषणाओं पर एक नज़र:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी शुक्रवार को कुछ घोषणाएं की हैं।

-7 करोड़ 85 लाख लोगों को 2 रुपये किलो चावल के बजाय अगले 6 महीने तक यानी सितंबर महीने तक मुफ्त में चावल उपलब्ध कराए जाएंगे।

- गैर सरकारी कर्मचारियों की उपस्थिति 50 फ़ीसदी करने का सुझाव, कर्मचारियों के कार्य अवधि में कटौती की जाए।

-आपात सेवा संयुक्त कर्मचारियों के लिए दुर्गापूजा के बाद विशेष छुट्टी की व्यवस्था।

- कोरोना जैसी आपदा में सहायता के लिए स्टेट इमरजेंसी रिलीफ फंड तैयार किया गया।

उम्मीद की जानी चाहिए कि बाक़ी राज्य भी इस तरह की घोषणाएं करेंगी। क्योंकि इस महामारी के समय में सबसे अधिक अगर किसे पर मार पड़ेगी तो वो समाज में सबसे पिछड़े तबके के मज़दूर हैं। इसलिए ज़रूरी है कि सरकारें उनके लिए राहत की व्यवस्था करे।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

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