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अलीगढ़ : पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प के बाद इंटरनेट बंद, पांच घायल

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के पुराने शहर इलाके में रविवार को सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच हिंसक टकराव में घायल हुए लोगों में से दो की हालत नाजुक है। सोमवार को भी शहर का माहौल तनावपूर्ण है।
UP Violence
Image Courtesy: Hindustan Times

अलीगढ़ : अलीगढ़ जिले के पुराने शहर इलाके में रविवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच हिंसक टकराव में कम से कम पांच लोग घायल हो गए। उनमें से दो की हालत नाजुक है। सोमवार की सुबह मुस्लिम इलाकों में दुकानें बंद थीं, लेकिन बाजारों में भीड़ थी। वहीं, शाहजमाल में महिलाओं का धरना जारी है। एएमयू में भी धरना दिया जा रहा है। अनूप शहर रोड पर लोगों ने जाम लगा दिया है। यहां दो माह से धरना चल रहा है। देर रात तक शहर में पुलिस उपद्रवियों को तलाशती रही।

अलीगढ़ के जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने बताया कि शहर कोतवाली क्षेत्र के अपर कोट इलाके में प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव किया और सार्वजनिक संपत्ति में तोड़फोड़ की। पुलिस ने उग्र भीड़ को तितर-बितर करने के लिए रबर की गोलियां चलाई और आंसू गैस के गोले इस्तेमाल किए।

उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद एहतियात के तौर पर शहर में इंटरनेट सेवाएं रविवार आधी रात तक के लिए बंद कर दी गई हैं। इस घटना में पांच लोग घायल हुए हैं। इनमें 22 साल का लड़का तारिक भी शामिल है। उसके पिता के मुताबिक किसी बदमाश ने उनके बेटे को गोली मारी। अगर उस व्यक्ति को सामने लाया जाएगा तो वह उसे पहचान लेंगे।
 
वारदात में घायल चार अन्य लोगों को छर्रे और रबर बुलेट से चोटें आई हैं। उनमें से दो को आंखों पर चोट लगी है। जिलाधिकारी ने बताया कि यह घटना उस वक्त घटी जब पुलिस ने शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहम्मद अली रोड पर गत शनिवार से जारी धरना प्रदर्शन के स्थल को खाली कराने की कोशिश की। शाम करीब 5 बजे जब पुलिस ने अपर कोट क्षेत्र में महिला प्रदर्शनकारियों को यह कहते हुए रोकने की कोशिश की कि ईदगाह इलाके में सीएए के खिलाफ पिछले शनिवार से ही प्रदर्शन चल रहा है। ऐसे में प्रदर्शनकारियों को कोतवाली के नजदीक प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जा सकती।

जिलाधिकारी ने बताया कि जब शहर मुफ्ती अब्दुल खालिद समेत प्रबुद्ध मुस्लिम वर्ग के लोगों की मदद से हालात को संभालने की कोशिश की जा रही थी तभी भीड़ में से किसी ने पथराव शुरू कर दिया। उसके बाद स्थिति बिगड़ने लगी। इस दौरान दंगाइयों ने बिजली का एक ट्रांसफार्मर जलाने की कोशिश की लेकिन आग को जल्द बुझा लिया गया।

सिंह ने बताया कि स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है। इलाके में पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है और उन लोगों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है जो शनिवार से ही महिलाओं को अपर कोट इलाके में प्रदर्शन करने के लिए उकसा रहे थे।

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, डीएम चंद्रभूषण सिंह ने बताया कि धरने पर बैठी महिलाओं को लगातार समझाने का प्रयास किया। शहर मुफ्ती, ईदगाह के इमाम ने समझाया पर महिलाएं नहीं मानीं। एएमयू की कुछ छात्राओं ने माहौल खराब कराया है। उन्हें चिह्नित किया जा रहा है। महिलाओं के साथ आए युवकों ने पुलिस पर पथराव किया। बाबरी मंडी में भी माहौल खराब करने की कोशिश की। फिलहाल हालात सामान्य हैं।

इस बीच, अलीगढ़ परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक प्रीतिंदर सिंह ने प्रदर्शनकारियों द्वारा नजदीक के एक मंदिर में पथराव किए जाने की खबर को गलत बताते हुए कहा कि मंदिर में कहीं कोई तोड़फोड़ नहीं हुई है।

उन्होंने बताया कि पुलिस जीप पर पथराव के मामले में कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। हम सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाल रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। हिंसा के दौरान घायल हुए 22 वर्षीय युवक तारिक को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय स्थित जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालत गंभीर बताई जाती है। उसके पेट में गोली लगी है।

अस्पताल के एक प्रवक्ता के मुताबिक तारिक का रविवार रात ऑपरेशन किया जाएगा लेकिन डॉक्टरों को अंदेशा है कि उसकी बाईं आंख की रोशनी जा सकती है। इसके अलावा राशिद नाम के एक अन्य युवक की आंख में चोट आई है लेकिन वह खतरे से बाहर है। कुल मिलाकर पांच लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

इसके पूर्व, अलीगढ़ पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स ने रविवार को सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कचहरी जा रहे भीम आर्मी कार्यकर्ताओं को रास्ते में ही रोक लिया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि भीम आर्मी से जुड़े प्रदर्शनकारी जब पुराने शहर से कटपुला पुल को पार करने जा रहे थे, तभी बड़ी संख्या में पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों ने उन्हें रोक लिया।

पुलिस द्वारा अवरोध उत्पन्न किये जाने के बाद प्रदर्शनकारी ईदगाह की तरफ चले गये जहां बड़ी संख्या में महिलाएं सीएए के खिलाफ पिछले तीन हफ्तों से प्रदर्शन कर रही हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजमुनि ने बताया कि इस मामले में तीन लोगों के खिलाफ निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर माहौल खराब करने की कोशिश के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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