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यूक्रेन में अमेरिका को लगा एक बड़ा झटका

डेमोक्रेटिक पार्टी के 30 वामपंथी अमेरिकी सांसदों ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए एक याचिका दी है जिसमें कहा गया है रूस के साथ बातचीत से समझौता किया जाए, जो अपने आप में एक असाधारण घटना है।
Sergey Shoigu
रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने यूक्रेन और उसके पश्चिमी आकाओं द्वारा 'डर्टी बम' की साजिश का पर्दाफाश कर दिया है।

यूक्रेन में कुछ बदला है। तभी तो डेमोक्रेटिक पार्टी के 30 वामपंथी अमेरिकी सांसदों ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए एक याचिका दी है जिसमें कहा गया है रूस के साथ बातचीत से समझौता किया जाए, जो अपने आप में एक असाधारण घटना है।

अमेरिकी कांग्रेस में, उनका लगभग 100 सदस्यों का धड़ा है जिसे वे कांग्रेसनल प्रोग्रेसिव कॉकस कहते हैं- जिसकी अध्यक्षता वाशिंगटन राज्य की प्रतिनिधि प्रमिला जयपाल करती हैं। वे डेमोक्रेटिक समाजवादियों और स्वयंभू "प्रगतिशील पूंजीपतियों" के लिए एक प्रेरक धड़ा है, लेकिन पार्टी के बॉस जिस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते, वह यह है कि वे ट्रम्पिस्ट बाजीगरी के रास्ते में खड़े हैं और ट्रम्पवाद को हराने की उनकी क्षमता 2024 में महत्वपूर्ण हो सकती है।

इसलिए, यूक्रेन पर उनकी याचिका पर, बाइडेन प्रशासन की कम महत्वपूर्ण प्रारंभिक प्रतिक्रिया को अंतिम शब्द के रूप में नहीं माना जा सकता है। कम से कम पिछले 48 घंटों में अमेरिकी कमेंट्री में उनके खिलाफ कोई हमला नहीं हुआ है।

उन्होंने राष्ट्रपति बाइडेन को संबोधित अपने पत्र में चार प्रमुख तत्व पेश किए हैं:

  • वाशिंगटन को युद्ध समाप्ती के लिए “बातचीत के ज़रिए युद्धविराम के समर्थन में  जोरदार कूटनीतिक प्रयास" करने चाहिए, जिसमें अमेरिका में यूक्रेन को सैन्य सहायता देने के लिए अमेरिकी करदाताओं के दसियों अरब डॉलर खर्च किए हैं। 
  • ऐसे प्रयासों को "रूस के साथ सीधी बातचीत" के साथ आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
  • शांति के लिए बनाई जाने वाली किसी भी रूपरेखा में "शत्रुता समाप्त करने के लिए प्रोत्साहन, जिसमें कुछ प्रकार के प्रतिबंधों में राहत शामिल हो, और एक स्वतंत्र और आज़ाद यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी स्थापित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को एक साथ लाना शामिल है जो सभी पक्षों, विशेष रूप से यूक्रेनियन के लिए स्वीकार्य हो।" [महत्व देकर कही गई बात]
  • पश्चिमी नेरेटिव के बावजूद युद्ध व्यापक रूप धारण कर रहा है और "कूटनीति का विकल्प सिर्फ युद्ध का लंबा चलना है, जो दोनों के लिए निश्चित तौर पर विनाशकारी और अनजाने जोखिम से भरा होगा।"

यदपि, याचिका पर हस्ताक्षर करने वाले सांसदों को इस बात की जानकारी होगी कि बाइडेन  प्रशासन एक कठोर नीति का अनुसरण कर रहा है, लेकिन अगर मध्यावधि चुनाव में डेमोक्रेट्स की करारी हार होती है तो चीजें बदल सकती हैं।

इसमें कई बाहरी कारक भी काम कर रहे हैं। जैसे कि, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ की चीन की योजनाबद्ध यात्रा, वाशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति के अनावरण के तुरंत बाद आई है, जिसमें चीन को दुश्मन के रूप में देखा गया था। यूरोपीय देश इससे असहमत हैं।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने कहा है कि अमरीका को क्रेमलिन से संपर्क बनाना चाहिए, जो हंगरी के पीएम विक्टर ओर्बन की मांग की भी प्रतिध्वनि लगती है। आर्थिक संकट से बुरी तरह प्रभावित यूरोप में इस बता को लेकर भारी असंतोष है कि अमेरिकी तेल कंपनियां "युद्ध मुनाफाखोरी" कर रही हैं।

लेकिन यह रडार के नीचे छिपा हुआ सच है कि यूक्रेन एक गैर-कार्यशील अर्थव्यवस्था का टोकरा है। अमेरिका अपने यूरोपीय सहयोगियों से उस अर्थव्यवस्था को बचाए रखने की उम्मीद नहीं कर सकता है।

इस बीच, रूस ने बड़े पैमाने पर सेना तैनात की है ताकि कुछ ही हफ्तों में एक बड़ा आक्रमण शुरू किया जसा सके, जो मॉस्को की शर्तों पर युद्ध को समाप्त करने के उद्देश्य से किया गया है।

हालाँकि, इन सब के साथ सामंजस्य बिठाना यूक्रेन युद्ध को नेविगेट करने वाले यूएस-यूके के लिए एक अकल्पनीय घटना है, जो अंत में निर्णायक साबित हो सकता है।

जो बात सामने उभर कर आ रही है वह यह कि ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वालेस ने पिछले हफ्ते वाशिंगटन की गुप्त यात्रा की थी, जो ब्रिटिश पहल की तुलना में व्हाइट हाउस द्वारा सम्मन की गई यात्रा अधिक लगती है। वालेस ने गहरे स्वर में कहा थे कि जब वे जा रहे थे तो सोचा वहाँ चर्चा की जाने वाली चीजें बहुत संवेदनशील हैं।

जब रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने अपने फ्रांसीसी, ब्रिटिश और अमेरिकी समकक्षों को जब शनिवार को हड़बड़ी में फोन किया और बताया कि युद्ध में यूक्रेन "'डर्टी  बम" का इस्तेमाल कर सकता है, तो फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन विदेश मंत्रियों ने इस पर तुरंत एक संयुक्त बयान जारी कर "रूस के सफ़ेद झूठ और आरोपों" को खारिज कर दिया और इसे "युद्ध बढ़ाने का बहाना" कहा।

बहरहाल, रूसी आरोप पर कार्रवाई करते हुए, आईएईए को एक जांच करने के लिए कहा गया है। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सोमवार को एजेंसी के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी से मुलाकात की और "यूक्रेन की यात्रा पर आईएईए के तुरंत जाने का स्वागत किया।"

ब्लिंकन ने सोमवार को स्टोलटेनबर्ग के साथ भी बात की और अजीब ढंग से, "यूक्रेन के प्रति निरंतर पश्चिमी एकता और समर्थन का आह्वान भी किया।" लेकिन, दिलचस्प बात यह है कि विदेश विभाग ने चुपचाप अपनी वेबसाइट से यूएस-यूके-फ्रांस के संयुक्त बयान को हटा दिया है।

यह तब ज़ाहिर हुआ जब रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने सोमवार को खुलासा किया कि "इस उद्देश्य के लिए स्थापित किए जा सकने वाले संस्थानों को इंगित करने वाली विस्तृत जानकारी रक्षा मंत्री [सर्गेई शोइगु] के माध्यम से संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और टर्की में अपने समकक्षों के साथ उनके संपर्कों के दौरान व्यक्त की गई थी। हमारे रक्षा मंत्रालयों के बीच और संपर्क साधने की योजना है।”

लावरोव ने कहा: "वास्तव में हमारे कुछ सहयोगियों ने हमारे पास मौजूद जानकारी पर पेशेवर सैन्य स्तर की चर्चा करने का सुझाव दिया है। यह एक तरह का ऐसा दृष्टिकोण है जिसका  समर्थन किया जाना चाहिए।"

क्या कीव के पास युद्ध को आगे बढ़ाने और अमेरिका और नाटो को इसमें घसीटने के लिए की कोई योजना बी हो सकती है? इसका कोई आसान जवाब नहीं हैं।

लब्बोलुआब यह है कि एक तरफ मास्को और दूसरी तरफ वाशिंगटन, लंदन और पेरिस के बीच "रचनात्मक जुड़ाव" शुरू हो गया है। लेकिन यह वास्तव में टच-एंड-गो जैसा जुड़ाव है। मॉस्को के दैनिक इज़वेस्टिया ने सोमवार को प्रसिद्ध रूसी सैन्य विशेषज्ञ व्लादिस्लाव शुरीगिन के हवाले से कहा: “यह 'डर्टी बम क्या है? इसे बनाने के लिए, किसी बिजली संयंत्र से परमाणु कचरे के साथ एक बैरल खोदना, उन्हें एक कैप्सूल में डालना और फिर उसमें 100 किलो टीएनटी को भरना जरूरी है।”

शुरीगिन ने समझाया: “इस मामले में भी, संक्रमण 500 मीटर, या शायद एक किलोमीटर के दायरे तक होगा। और फिर यह सब मिट्टी में धसने लगता है… अगर यह पानी में फट गया या इसने पानी को संक्रमित कर दिया, तो यह नीचे की ओर बह जाएगा, तल पर लेट जाएगा और धीरे-धीरे बह जाएगा। नीपर के पानी को रेडियोधर्मी बनाने के लिए, मुझे यह भी नहीं पता कि कितना [पानी] निकालना होगा। याद रहे फुकुशिमा ने छह महीने तक समुद्र में जहर घोला था और किसी की भनक तक नहीं लगी थी। यूक्रेन के अधिकारियों की मंशा बहुत स्पष्ट नहीं है। अगर वे इसे हम पर दोष देना चाहते हैं, तो यह आसान नहीं होगा; यह नासमझी की बात है कि, जब हमारे पास "साफ" बम हैं, तो हमें "गंदे" बमों की जरूरत क्यों होगी।"

यह कोई रहस्य नहीं है कि एम-I6 और एसएएस कीव में यूक्रेनी सैन्य कमान में ड्राइविंग सीट पर और अग्रिम पंक्ति में हैं। यह कुत्ते की पूंछ हिलाने जैसा है। एम-I6 युद्ध की गतिशीलता को कैलिब्रेट करता है जबकि सीआईए और पेंटागन बाइडेन की रूस रणनीति के प्रति सफलता का दावा करते हैं। एम-I6 का उस तरह का पूरा इतिहास है- चाहे वह ईरान में हो या स्वेज संकट - यहाँ तक कि हांगकांग में भी इसका इतिहास है।

वेस्टमिंस्टर में मौजूदा शासन परिवर्तन एम-16 के प्रति जवाबदेही को समाप्त कर देता है। बेशक, बोरिस जॉनसन- जो ज़ेलेंस्की का सबसे अच्छा दोस्त, गुरु और अभिभावक है- एक थका हुआ मामला बन जाता है। उन्होंने सावधानी से अपनी टोपी रिंग से हटा ली और दूर चले गए।

ऐसा कर इसने कीव को उसके अंतिम हुर्रे या खुशी से वंचित कर दिया गया है, क्योंकि रूस ने  "'डर्टी बम" का मसला उठा दिया है, और युद्ध को समाप्त करने के लिए अपने भव्य या व्यापक आक्रमण का मार्ग साफ कर लिया है। तय रूसी आक्रमण आगे बढ़ेगा या नहीं, यह 15-16 नवंबर को बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन के मौके पर बाइडेन और राष्ट्रपति पुतिन के बीच किसी भी बैठक पर निर्भर करेगा।

बड़ा सवाल यह है कि क्या यह बाइडेन टीम में एक ही किस्म की सोच रखने वाले पुरुषों के लिए एक वेक-अप कॉल है। शायद, इसकी अपेक्षा बहुत अधिक है। लेकिन इसमें कोई शक़ नहीं है कि 30 सांसद सही साबित हुए हैं।

एम॰के॰ भद्रकुमार एक पूर्व राजनयिक हैं। वे उज्बेकिस्तान और तुर्की में भारत के राजदूत रह चुके हैं। व्यक्त विचार व्यक्तिगत हैं।

मूल रूप से अंग्रेज़ी में प्रकाशित लेख को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

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