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असम चुनाव: बीजेपी के सहयोगी छोड़ रहे उसका साथ, बीपीएफ कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल 

हग्रमा मोहिलारी की अगुवाई वाले बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के विपक्षी गठबंधन में आ जाने के बाद महागठबंधन का विस्तार हुआ है और विधानसभा चुनाव में स्थिति मजबूत हुई है।
असम चुनाव
फोटो साभार : राष्ट्रीय खबर

असम में कांग्रेस की अगुवाई वाले छह दलों के विपक्षी महागठबंधन का शनिवार को विस्तार हुआ। गठबंधन में बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) भी शामिल हो गए, जिससे असम में तीन चरणों के विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ उसकी स्थिति और मजबूत हो गई। बीपीएफ वर्तमान में भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में शामिल है। उसका इस तरह चुनाव से ठीक पहले उसका साथ छोड़ना बीजेपी के लिए बड़ा नुकसान बताया जा रहा है जबकि सूत्रों की माने तो जो सहयोगी अभी बीजेपी के साथ हैं भी वो भी कईबार बीजेपी के नीतियों के ख़िलाफ़ अपना गुस्सा दिखते रहे है। ऐसे मौहौल में बीजेपी की स्थिति जितनी कमजोर हो रही है उतना ही विपक्षी महागठबंधन मज़बूत हो रहा है।  

भाजपा-नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के खिलाफ मजबूती से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस ने पहले एआईयूडीएफ, भाकपा, माकपा, भाकपा (माले) और आंचलिक गण मोर्चा (एजीएम) के साथ महागठबंधन का गठन किया था।

भाजपा विरोधी समूह को मजबूत करने के लिए शनिवार को बीपीएफ और राजद गठबंधन में शामिल हो गया। राजद बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है और जिसके राज्यसभा में पांच सदस्य थे, लेकिन लोकसभा में कोई भी नहीं है।

भाजपा असम गण परिषद (एजीपी) और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के साथ असम चुनाव में उतरेगी। लेकिन कई सवाल को लेकर एजीपी भी बीजेपी का मुखर विरोध करती रही है। ऐसे में देखना होगा इन दोनों के बीच कैसा चुनावी तालमेल होता है।  

बीपीएफ ने दिन में घोषणा की कि वे आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए महागठबंधन में शामिल होंगे। इस फैसले का स्वागत करते हुए, कांग्रेस ने भरोसा जताया कि पार्टी फिर से सत्ता में आएगी।

इसी तरह असम कांग्रेस प्रमुख रिपुन बोरा और एआईयूडीएफ प्रमुख बदरुद्दीन अजमल की मुलाकात के बाद राजद नेता तेजस्वी यादव ने घोषणा की कि उनकी पार्टी असम में महागठबंधन का हिस्सा होगी।

चुनाव के बाद महागठबंधन तय करेगा असम के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार

असम में कांग्रेस नीत विपक्षी महागठबंधन ने रविवार को कहा कि मुख्यमंत्री पद का उसका उम्मीदवार विधानसभा चुनाव के बाद अन्य घटक दलों के साथ चर्चा के बाद तय किया जाएगा।

महागठबंधन के घटक दलों के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में असम के पार्टी प्रभारी कांग्रेस महासचिव अनिरूद्ध सिंह ने कहा कि इस गठबंधन की मुख्य चिंता भाजपा एवं उसके सहयोगियों को हराना है।

उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव हो जाने के बाद सभी दल साथ बैठेंगे और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में तय करेंगे। ’’

सिंह ने कहा कि हग्रमा मोहिलारी की अगुवाई वाले बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के विपक्षी गठबंधन में आ जाने के बाद महागठबंधन आगामी चुनाव में विधानसभा की कुल 126 में 100 सीटें जीतने के लक्ष्य तक जरूर पहुंच जाएगा।

सन् 2001 से असम में 15 सालों तक सत्तासीन रही कांग्रेस ने इस विधानसभा चुनाव में भाजपा की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का मुकाबला करने के लिए एआईयूडीएफ, भाकपा, माकपा, भाकपा माले, आचंलिक गण मोर्चा के साथ मिलकर एक महागठबंधन बनाया। शनिवार को बीपीएफ भी उसके साथ हो चला।

भाजपा नीत सरकार का हिस्सा रहे बीपीएफ ने शनिवार को घोषणा की थी कि वह भाजपा के साथ दोस्ताना संबंध या गठबंधन में नहीं रहेगा।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा ने दो नये क्षेत्रीय दलों-- असम जातीय परिषद एवं राइजोर दल को महागठंधन से जुड़ने का न्यौता दिया। राज्य में 27 मार्च, एक अप्रैल और छह अप्रैल को तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं।

( समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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