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बनारस: किसानों पर लाठीचार्ज के ख़िलाफ़ पीएम मोदी के गोद लिए गांव नागेपुर में विरोध प्रदर्शन!

“बनारस के मोहनसराय में प्रस्तावित ट्रांसपोर्टनगर योजना की ज़मीन इसलिए अधिग्रहित की जा रही है ताकि उसे पूंजीपतियों को देकर उन्हें ख़ुश किया जा सके। अन्नदाता पर लाठीचार्ज अमानवीय है।”
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के मोहनसराय में दो दशक पहले प्रस्तावित ट्रांसपोर्टनगर योजना से प्रभावित किसानों पर बर्बर लाठीचार्ज के ख़िलाफ़ नागेपुर में ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया और धरना दिया। नागेपुर वही गांव है जिसे कुछ साल पहले पीएम मोदी ने गोद लिया था। इस बीच वाराणसी जिला किसान सभा ने लाठीचार्ज की कड़ी भर्त्सना करते हुए लाठीचार्ज के दौरान घायल किसानों को मुआवज़ा देने की मांग की है।

आरोप है कि ट्रांसपोर्टनगर योजना के किसानों को बगैर मुआवज़ा दिए उनकी ज़मीनों पर बुलडोज़र कार्रवाई की गई। इसका विरोध कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज किया गया। इस पुलिसिया कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए नागेपुर में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले ग्रामीणों ने धरना-प्रदर्शन किया।

नागेपुर गांव के अंबेडकर पार्क में किसानों ने वाराणसी जिला प्रशासन के ख़िलाफ़ नारे लगाए और कहा, "वाराणसी विकास प्राधिकरण उस योजना के तहत ज़मीन पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहा है जिस योजना को रद्द करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है।" इसके अलावा किसानों ने आरोप लगाया कि "मनमाने तरीके से उनकी ज़मीन अधिग्रहित की जा रही है।"

किसानों ने मांग की कि उनके साथी किसानों के ख़िलाफ़ फर्जी मुकदमे वापस लिए जाएं और जेल में बंद अन्नदाता को तत्काल रिहा किया जाए। साथ ही नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत ट्रांसपोर्ट नगर परियोजना से प्रभावित किसानों को मुआवज़ा दिया जाए।"

लोक समिति के संयोजक नन्दलाल मास्टर ने कहा, "बनारस के मोहनसराय में प्रस्तावित ट्रांसपोर्टनगर योजना की ज़मीन इसलिए अधिग्रहित की जा रही है ताकि उसे पूंजीपतियों को देकर उन्हें खुश किया जा सके। किसानों की ज़मीन जबरिया छीनी जा रही हैं। अन्नदाता पर बर्बर लाठी चार्ज अमानवीय है। यह घटना आम किसानों का अपमान है। पूर्वांचल के जो किसान गर्मी, सर्दी और बरसात झेलकर लोगों का पेट भरते हैं उन पर सरकार लाठी चला रही है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"

नागेपुर के ग्राम प्रधान मुकेश ने कहा, "लाठियों से पिटाई करने के बाद तमाम किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। अज्ञात के रूप में दर्ज की गई रिपोर्ट के आधार पर ग्रामीणों को डराया जा रहा है। गिरफ्तार किए गए किसानों को रिहा करते हुए उनके ख़िलाफ़ दर्ज सभी मुकदमे वापस किए जाएं।"

इस आंदोलन-प्रदर्शन में दिहाड़ी मजदूर संयोजक रामबचन, मेवालाल, छविनाथ, पूरन, छक्कू, शंभूनाथ, पंचम, लल्लन, विनोद, हीरावती, तारा, सितारा, प्रभावती, कमला, सन्नो अनीता, सोनी, श्यामसुंदर, सुनील, आशा, शिवकुमार, सरोज, सुनील, मधुबाला आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।

इस बीच वाराणसी जिला किसान सभा की आपात बैठक में ट्रांसपोर्टनगर योजना के प्रभावित किसानों पर किए गए बर्बर लाठीचार्ज की भर्त्सना की गई है। ख़बर है कि लाठीचार्ज में करीब 35 से 40 किसान जख्मी हुए हैं। किसान सभा ने "घायल किसानों और क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवज़ा देने, उनकी ज़मीनों का अधिग्रहण न करने और गिरफ्तार किए गए लोगों को रिहा करने की मांग की है। घायल किसानों का इलाज मुफ्त में कराया जाए।"

किसान सभा का कहना है कि "वीडीओ और जिला प्रशासन को चाहिए कि वह बातचीत से समाधान निकाले। अगर ऐसा नहीं किया गया तो आगामी लोकसभा चुनाव में पूर्वांचल के किसान भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी का कड़ा विरोध करेंगे।"

बैठक में किसान सभा के जिला सचिव अनिल कुमार सिंह के अलावा मुन्नीलाल पटेल, मुरलीधर, सियाराम यादव आदि प्रमुख लोग शामिल थे।

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