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बनारस: टेंट सिटी में आंधी और ओलावृष्टि का कहर, उखड़ गए कई पंडाल

उत्तर प्रदेश के बनारस में गंगा की रेत पर बसाए गए तंबुओं के शहर में कई पंडाल बारिश के साथ आई तेज़ आंधी में उड़ गए। टेंट सिटी की सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों के भी कई टेंट हवा में उड़ गए।
Tent City

उत्तर प्रदेश के बनारस में गंगा की रेत पर बसाए गए तंबुओं के शहर में कई पंडाल बारिश के साथ आई तेज़ आंधी में उड़ गए। टेंट सिटी की सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों के भी कई टेंट हवा में उड़ गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी महीने के पहले पखवाड़े में टेंट सिटी का लोकार्पण किया था। दावा किया गया था कि टेंट सिटी से बनारस के पर्यटन और तीर्थाटन को बढ़ावा मिलेगा।

वाराणसी में मंगलवार की देर शाम मौसम का मिज़ाज अचानक बिगड़ गया। तेज़ हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश के साथ ओलावृष्टि होने लगी। आंधी की रफ़्तार इतनी तेज़ थी कि गंगा पार बसाई गई टेंट सिटी के तमाम तंबू उड़ने लगे। वहां ठहरे मेहमान उस समय दहशत में आ गए जब टेंट सिटी की बिजली पूरी तरह गुल हो गई और चौतरफा अंधेरा छा गया। घुप अंधेरे के बीच बारिश के साथ ओलावृष्टि होने से लोग भयभीत हो गए।

बारिश के साथ आई तेज़ आंधी में तंबुओं के शहर के कई पंडाल तहस-नहस हो गए। वहां एक कॉटेज में ठहरा एक बंगाली परिवार हादसे में घायल हो गया। साथ ही टेंट सिटी की देखरेख करने वाली गुजरात की संस्था की एक महिला कर्मचारी और एक पुरुष भी इस आंधी में ज़ख्मी हो गए। घायलों को आनन-फानन में रामनगर स्थित राजकीय चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। बाद में उन्हें बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में रेफर कर दिया गया।

टेंट सिटी परिसर में सजाए गए फूल और पेड़-पौधे भी उखड़ गए। पंडालों के अंदर रेत का गुबार घुसने लगा। कई पंडालों के उखड़ने और वहां ठहराए जाने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के सवाल पर कोई कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं था। आरोप है कि इस मामले में टेंट सिटी के अधिकारी भी चुप्पी साधे रहे।

21 मार्च 2023 की रात तेज़ हवाओं के साथ बारिश से बनारस शहर के लंका, नदेसर, गोदौलिया, कैंट, मलदहिया, लहरतारा, बीएचयू परिसर, लहुराबीर, पिपलानी कटरा, मैदागिन आदि इलाकों में जल जमाव हो गया। सड़कों पर इतना पानी भर गया कि पैदल चलना मुश्किल हो गया। कई जगहों पर पेड़ों की डालियां टूटकर गिर गईं तो कहीं छतों पर रखे टीनशेड उड़ गए।

देखते ही देखते मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। बनारस शहर के अंधरापुल, लहुराबीर, रेलवे कॉलोनी, सिगरा, महमूरगंज, लहरतारा में कई जगहों पर सड़क पर पानी जमा हो गया। राहगीरों को आने-जाने में भी परेशानी हुई। ओलावृष्टि से बरेका, लहुराबीर, बीएचयू परिसर में सड़क सफेद नज़र आने लगी। बनारस के बड़ागांव इलाके में सौ-सौ ग्राम तक के  ओले गिरे जिससे गरीबों की झोंपड़ी और खपरैल के मकान क्षतिग्रस्त हो गए।

मौसम वैज्ञानिक एसएन पांडेय के मुताबिक, “बंगाल की खाड़ी से पुरवा हवाओं के आने के साथ ही राजस्थान के पूर्वी भाग में साइक्लोनिक सर्कुलेशन बने होने की वजह से मौसम में यह बदलाव आया है और पश्चिमी विक्षोभ की स्थिति पैदा हुई है। अगले तीन दिन तक मौसम ऐसे ही रहने की संभावना है।”

पूर्वांचल में बेमौसम बारिश और तेज़ हवाओं से गेहूं समेत दलहन की फसलों को नुकसान होगा। फूलपुर के किसान रमेश और कलावती मौर्या के मुताबिक़ 100 से 150 किसानों की गेहूं की फसल बर्बाद हो गई।

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