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असम में हालात लगातार खराब, लोगों ने किया कर्फ्यू का उल्लंघन, पुलिस ने चलाई गोलियां

असम में नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का दौर और तेज हो गया है। राज्‍य के कुछ स्‍थानों पर पुलिस को गोली भी चलानी पड़ी है। इस बीच सीएम ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
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Image courtesy: NewIndianexpress

गुवाहाटी: असम में नागरिकता विधेयक को लेकर विरोध और तेज हो गया है। गुवाहाटी में हजारों लोग कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए बृहस्पतिवार को सड़क पर उतर आए और कई स्थानों पर स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस को गोलियां भी चलानी पड़ी।

पुलिस ने बताया कि लालुंग गांव में उन्हें गोलियां भी चलानी पड़ी क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने उन पर पत्थरबाजी की। प्रदर्शनकारियों का दावा है कि इस घटना में चार लोग घायल हो गए। यही नहीं पुलिस को गुवाहाटी-शिलांग रोड सहित अन्य इलाकों में भी गोलियां चलानी पड़ी। ये क्षेत्र युद्ध क्षेत्र में तब्दील हो चुके हैं क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने दुकानों और इमारतों में तोड़फोड़ करने के साथ ही सड़कों पर टायर जलाए। प्रदर्शकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प भी हुई है।

छात्र संगठन आसू और किसान संगठन केएमएसएस ने लताशील मैदान में लोगों को जुटने के लिए आह्वान किया था। इसमें सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया। प्रतिबंध के बावजूद भी इस रैली में फिल्म और संगीत क्षेत्र की कई हस्तियों ने हिस्सा लिया। कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ जुबिन गर्ग भी सभा में शामिल हुए।

आसू के सलाहकार सामूजल भट्टाचार्य ने इस सभा में कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस विधेयक का पारित होना सुनिश्चित कराके असम के लोगों के साथ धोखा किया है।’

आसू और नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (एनईएसओ) के नेताओं ने कहा कि वह हर साल 12 दिसंबर को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाएंगे। कामरूप जिले में कार्यालय, स्कूल और कॉलेज पूरी तरह से बंद रहे। यहां दुकानें बंद हैं और राष्ट्रीय राजमार्ग 31 सहित विभिन्न मार्गों पर सड़कों से गाड़ियां नदारद है क्योंकि इसे बंद किया जा रहा है।

पुलिस ने बताया कि उन्हें रंगिया शहर में तीन गोलियां चलानी पड़ी क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने उन पर पत्थर और जले हुए टायर फेंके। शहर के कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज भी हुआ।

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस को गोलाघाट जिले में भी हवा में गोलियां चलानी पड़ी क्योंकि प्रदर्शकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 39 बंद कर रखा था और पुलिस उन्हें तितर-बितर करने का प्रयास कर रही थी।

लखीमपुर और चराईदेव जिलों के चाय बागानों में श्रमिकों ने काम करना बंद कर दिया है। इसके अलावा गोलाघाट के नुमालीगढ़ और तिनसुकिया जिलों के कुछ इलाकों में भी श्रमिकों ने काम करना बंद कर दिया है।

राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थान बंद हैं। राज्य के विभिन्न इलाकों में सेना के पांच कॉलम तैनात हैं और वे गुवाहाटी, तिनसुकिया, जोरहाट और डिब्रूगढ़ में फ्लैग मार्च कर रहे हैं।
असम से आने-जाने वाली कई ट्रेनें और उड़ानें निलंबित कर दी गई है।

कर्फ्यू के कारण हवाई अड्डे पर फंसे लोग

नागरिकता विधेयक को लेकर असम में हालात लगातार चिंताजनक बने हुए हैं और अनिश्चितकालीन कर्फ्यू तथा इंटरनेट सेवाएं बंद होने से सैकड़ों यात्री गुवाहाटी हवाई अड्डे पर फंसे हुए हैं।

शहर से 30 किलोमीटर दूर बोरझार स्थित लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के भीतर और बाहर छात्रों से लेकर कामकाजी पेशेवर, बुजुर्गों से लेकर महिलाओं तक की भीड़ देखी जा सकती है।

सुरक्षाबल हवाई अड्डे पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। असम पुलिस और कमांडो की तैनाती की गई है। हवाई अड्डा परिसर के भीतर प्रीपेड टैक्सी काउंटर पर सेवायें बंद हैं। आईआईटी गुवाहाटी से सिविल इंजीनियरिंग में एमटेक कर रही पूजा शर्मा और पीएचडी कर रहे हर्षल कावले भी हवाई अड्डे पर फंसे हुए हैं।

पूजा ने कहा, ‘पता नहीं अमीनगांव में मैं कैंपस तक कैसे पहुंचूंगी । मैंने आईआईटी गुवाहाटी अधिकारियों से बात करने की भी कोशिश की लेकिन सड़कों पर वाहनों का प्रवेश निषेध है तो मैं यहां फंसी हुई हूं।’

सुबह की फ्लाइट से जयपुर से यहां आई कंचन पारीख ने कहा, ‘मेरे माता-पिता गुवाहाटी में रहते हैं। दो साल पहले शादी के बाद मैं जयपुर बस गई।’

उसने कहा, ‘मैंने कुछ दिन पहले अपने टिकट बुक किये थे लेकिन मेरी मां ने शहर के हालात को देखते हुए मुझे टिकट रद्द कराने को कहा। मैंने टिकट रद्द नहीं कराये क्योंकि विमान सेवायें चालू थीं। मुझे नहीं पता था कि यहां हालात इतने खराब हैं। मैंने अपने पिता से संपर्क किया जो यहां दुपहिया वाहन से आये।’

यात्रियों की परेशानी और बढ़ गई है क्योंकि स्थानीय टैक्सी चालक उनसे मनमाने किराये वसूल रहे हैं। ईटानगर, दीमापुर और आइजोल जाने वाले कई यात्रियों के पास इंतजार के अलावा कोई चारा नहीं है।

सैनिक उस्मान साब अपनी पत्नी और साढे़ तीन साल के बच्चे के साथ बेंगलुरू से आये हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं दीमापुर में रहता हूं लेकिन पता नहीं गुवाहाटी रेलवे स्टेशन कैसे पहुंचूं।’

दीमापुर के रहने वाले और जयपुर से एक शादी में शिरकत करके आये एक चार्टर्ड अकाउंटेंट अजीत जैन ने कहा, ‘मैं एक शादी के लिये जयपुर गया था लेकिन ट्रेन रद्द हो गई। मैंने गुवाहाटी की फ्लाइट की टिकट कराई। अब मैं दीमापुर जाने का जरिया तलाश रहा हूं।’

नागरिकता (संशोधन) विधेयक बुधवार को राज्यसभा में पारित हो गया। इससे पहले यह विधेयक सोमवार को लोकसभा में पारित हो चुका है। इसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थी- हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

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