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माकपा और कांग्रेस मिल कर लड़ेंगे त्रिपुरा विधानसभा चुनाव

कांग्रेस महासचिव अजय कुमार और माकपा के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी के बीच कल शाम को हुई बैठक के बाद यह घोषणा की गई। माकपा के राज्य मुख्यालय में हुई बैठक में वाम मोर्चा के संयोजक नारायण कार भी मौजूद थे।
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मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस ने शुक्रवार को घोषणा की कि दोनों दल त्रिपुरा में होने वाले विधानसभा चुनाव साथ मिल कर लड़ेंगे।

कांग्रेस महासचिव अजय कुमार और माकपा के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी के बीच कल शाम को हुई बैठक के बाद यह घोषणा की गई। माकपा के राज्य मुख्यालय में हुई बैठक में वाम मोर्चा के संयोजक नारायण कार भी मौजूद थे।

कुमार ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा,‘‘ रणनीति तैयार करने तथा सीटों के तालमेल को अंतिम रूप देने के लिए कांग्रेस का एक दल माकपा के राज्य सचिव के साथ विचार विमर्श करेगा। हम विधानसभा चुनाव साथ मिल कर लड़ेंगे।’’

वहीं,चौधरी ने कहा ,‘‘ लोग भाजपा के शासन को समाप्त करना चाहते हैं ऐसे में लोगों की इच्छाओं को सम्मान देते हुए हमने साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।’’

ज्ञात हो कि पूर्वोत्तर के छोटे से राज्य त्रिपुरा में इस साल फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत गरमा गई है। जहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने शासन के पांच वर्षों के दौरान दो मुख्यमंत्रियों को देखा है। वह अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए अपने सभी शीर्ष नेताओं और संसाधनों को आगे बढ़ा रही है। वहीं विपक्ष भी आक्रामक है और बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए गठबंधन भी कर रहा है।

भाजपा, अलगाववादी इंडिजिनस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के साथ गठबंधन करके 25 साल से शासन कर रही वाम सरकार को हराकर राज्य में पहली बार सत्ता में आई थी।

हालांकि, इस बार विपक्ष बीजेपी को सत्ता से बेदख़ल करने के लिए एकजुट होकर काम करता दिख रहा है। बुधवार को, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कांग्रेस के साथ एक "सेक्युलर" चुनावी गठबंधन की पुष्टि की और उन्होंने कांग्रेस के पूर्व नेता और त्रिपुरा के शाही वंशज प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मन द्वारा 2019 में गठित लोकप्रिय टिपरा मोथा के साथ प्री-पोल गठबंधन करने की अपनी पार्टी की इच्छा ज़ाहिर की थी।

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ येचुरी ने कहा था कि इस हफ़्ते के अंत में कांग्रेस के साथ औपचारिक गठबंधन की घोषणा की जाएगी। येचुरी, अगरतला में पत्रकारों से बात कर रहे थे। त्रिपुरा चुनाव के लिए कांग्रेस पर्यवेक्षक मुकुल वासनिक भी अगरतला में ही थे।

येचुरी ने कहा था कि "सीट बंटवारे" के फॉर्मूले पर जल्द ही काम किया जाएगा, इसके साथ ही आगे उन्होंने कहा था कि सीपीआई(एम) की त्रिपुरा राज्य कमेटी टिपरा मोथा के साथ प्री-पोल गठबंधन के भी पक्ष में है।

उन्होंने कहा था कि, "हम आने वाले चुनावों को न केवल त्रिपुरा के लिए, बल्कि लोकतंत्र, क़ानून के शासन और संविधान के लिए भी महत्वपूर्ण मानते हैं", आगे उन्होंने कहा था कि ये पूर्वोत्तर, भारत और देश के विकास के संदर्भ में महत्वपूर्ण मुद्दे हैं।

त्रिपुरा में कुल 60 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 20 सीटें आदिवासी बहुल इलाक़ों में हैं। चुनावी कड़ाही में उबाल आने के साथ, बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि ये महत्वपूर्ण सीटें किस ओर जाती हैं। जैसा कि विपक्ष (लेफ्ट और कांग्रेस) अब एक साथ हो चुके हैं ऐसे में सत्तारुढ़ बीजेपी को कड़ी चुनौती मिलने की बड़ी संभावना है।

(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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