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कार्टून क्लिक :  इस बर्बरता/अत्याचार का कौन जवाब दे, किसकी है ज़िम्मेदारी?

देश की जनता जिसके कांधे पर महंगाई को लाद दिया गया है और वह लगातार उसे लेकर चलने के मजबूर है।
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मध्य प्रदेश के गुना जिले में एक महिला के साथ बर्बरता का मामला सामने आया है। हिन्दुस्तान अख़बार की एक ख़बर के मुताबिक महिला को उसके पति समेत ससुराल वालों ने एक रिश्तेदार को कंधे पर बिठाकर तीन किलोमीटर तक चलने के लिए मजबूर किया। पुलिस का कहना है कि आदिवासी महिला को उसके ही परिजनों ने इसके लिए मजबूर किया था। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद सोमवार को यह मामला सामने आया था। पुलिस ने इस मामले में अब तक तीन लोगों को अरेस्ट किया है।

इस घटना से दुखी और आक्रोशित होते हुए कार्टूनिस्ट इरफ़ान जनता पर होने वाली महंगाई की मार को भी रेखांकित कर रहे हैं। जनता जिसके कांधे पर महंगाई को लाद दिया गया है और वह लगातार अपना मुंह बंद कर उसे लेकर चलने के मजबूर है। इस मामले में कौन जवाब देगा, किसकी गिरफ़्तारी होगी, किसे सज़ा मिलेगी!

आपको मालूम है कि इस समय पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। साथ ही रसोई गैस के दाम में भी 50 रुपये प्रति सिलेंडर की भारी बढ़ोतरी की गई है। राजस्थान में पेट्रोल की कीमत मंगलवार को 99.87 रुपये प्रति लीटर हो गई, जो भारत में अब तक का उच्चतम स्तर है। पेट्रोल की कीमत में लगातार आठवें दिन बढ़ोतरी की वजह से यह दाम वृद्धि हुई है।

सरकारी स्वामित्व वाले ईंधन खुदरा विक्रेताओं के मूल्य अधिसूचना के अनुसार पेट्रोल की कीमत में 30 पैसे प्रति लीटर और डीजल में 35 पैसे की बढ़ोतरी की गई है।

इसके साथ ही तेल कंपनियों ने रसोई गैस (एलपीजी) की कीमत में 50 रुपये प्रति सिलेंडर और जेट ईंधन (एटीएफ) में 3.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई।

राष्ट्रीय राजधानी में अब एलपीजी की कीमत 769 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम का सिलेंडर हो गई है। इसके अलावा पेट्रोल 89.29 रुपये प्रति लीटर और डीजल 79.70 रुपये में मिल रहा है। जबकि मुंबई में, पेट्रोल की कीमत बढ़कर 95.75 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 86.72 रुपये लीटर हो गई।

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि की वजह से खुदरा कीमतें बढ़ी हैं। इसका कारण स्थानीय बिक्री कर या मूल्यवर्धित कर (वैट) और माल भाड़ा अलग अलग राज्यों में भिन्न भिन्न होना है। उच्च वैट लगाने वाले राज्यों में इन ईंधनों की दरें अधिक हैं।

कीमतों में लगातार बढ़ोतरी की कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने आलोचना की है, जिसने आम आदमी पर बोझ कम करने के लिए करों में तत्काल कटौती किये जाने की मांग की है।

तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पिछले सप्ताह संसद को बताया था कि सरकार उत्पाद शुल्क में कमी करने के बारे में विचार नहीं कर रही है ताकि रिकॉर्ड ऊंचाई पर जा पहुंची कीमतों को कम किया जा सके।

केंद्रीय और राज्य कर, खुदरा बिक्री मूल्य, पेट्रोल के लिए 60 प्रतिशत और डीजल के लिए 54 प्रतिशत हिस्सा बनते हैं।

केंद्र सरकार पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क पर 32.90 रुपये और डीजल पर 31.80 रुपये प्रति लीटर वसूलती है।

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