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कार्टून क्लिक: निवेश-विनिवेश सब ठीक है, पहले मुद्दे पर आइए सरकार…!

पीएम केयर्स फंड को लेकर कई गंभीर सवाल हैं, लेकिन किसी का भी संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा।
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पीएम केयर्स फंड को लेकर कई गंभीर सवाल हैं, लेकिन किसी का भी संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा। इसी को लेकर कार्टूनिस्ट इरफ़ान व्यंग्य कर रहे हैं। आपको बता दें कि रक्षा मंत्रालय से वित्तीय सलाहकार के पद से सेवानिवृत्त हुए सुधांशु मोहंती ने भी न्यूज़क्लिक के साथ विशेष चर्चा में कहा था कि प्रधानमंत्री सिटिज़न असिस्टेंस एंड रिलीफ़ इन इमरजेंसी सिचुएशन्स (PM CARES) फंड की कोई ज़रूरत नहीं थीI उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी कर्मचारियों का इसमें योगदान अपनी मर्ज़ी से नहीं है वो ज़बरदस्ती करवाया जा रहा है, जिससे ये बहुत हद तक मुग़लिया शासन में ग़ैर-मुसलमानों पर लगाया जाने वाला जज़िया कर जैसा हैI उनका ये भी मानना है कि इस फंड का उद्देश्य केवल एक व्यक्ति को मसीहा के रूप में प्रसिद्ध करना है और वह व्यक्ति है नरेंद्र मोदीI

इसे देखें :"PM CARES फंड सरकारी कर्मचारियों पर मुग़लिया जज़िया कर जैसा है"

यह बात इससे भी साबित होती है कि किसी भी तरह की आपदा वाली परिस्थिति से निपटने के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएम एनआरएफ) पहले से काम कर रहा है। ऐसे में पीएम केयर्स फंड की क्या आवश्यकता थी? अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज एंड एसोसिएटेड हॉस्पिटल (एलएचएमसी), वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज (वीएमएमसी) एवं सफ़दरजंग हॉस्पिटल और अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के डॉक्टरों ने पीएम केयर्स फंड में एक दिन का वेतन दान किए जाने पर आपत्ति जताई।

इसे पढ़ें :एम्स, RML सहित कई अस्पतालों के डॉक्टरों ने पीएम केयर्स में पैसे देने से किया मना 

अब गूगल ने घोषणा की है कि वह भारत में गूगल फॉर इंडिया डिजिटाइजेशन फंड के तहत 10 बिलियन (अरब) डॉलर का निवेश करेगा। इसकी घोषणा कंपनी के सालाना गूगल फॉर इंडिया इवेंट के दौरान हुई। इसमें गूगल के सीईओ सुंदर पिचई ने कहा कि वह भारत में आने वाले 5-7 सालों में 10 अरब डॉलर का निवेश करेंगे।

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