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कार्टून क्लिक: वाकई “मानव जब ज़ोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है”

मोदी जी ने दिनकर की पंक्तियां कोरोना के ख़िलाफ़ जंग को याद करते हुए दोहराईं लेकिन अगर इसे किसान आंदोलन के संदर्भ में पढ़ा जाए तो इसमें एक नया अर्थ, नया व्यंग्य और नयी चुनौती पैदा होती है।
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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज, कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण अभियान की शुरुआत करते हुए कवि रामधारी सिंह दिनकर को भी याद किया और कहा कि "राष्ट्रकवि दिनकर जी ने कहा था- मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है।" मोदी जी ने रश्मिरथी की ये पंक्तियां कोरोना के ख़िलाफ़ जंग को याद करते हुए दोहराईं लेकिन अगर इसे किसान आंदोलन के संदर्भ में पढ़ा जाए तो  इसमें एक नया अर्थ, नया व्यंग्य और नयी चुनौती पैदा होती है। कार्टूनिस्ट इरफ़ान ने इसमें यही नया अर्थ पैदा करने की कोशिश की है। देखिए इरफ़ान की गुगली।  

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