कार्टून क्लिक: ख़ाकी का 'भगवा लुक'
कर्नाटक के उडूपी ज़िले में एक पुलिस थाने के कभी सिपाहियों ने वर्दी की जगह भगवा रंग के कपड़े पहने। फिर तर्क आया कि विजयदशमी का दिन था इसलिए वर्दी की जगह “भगवा लुक” का आनंद ले लिया।
बात तो क़ायदे की है, इसलिए वक्त आ गया है कि अब अपने पुराणों-वेदों-शास्त्रों की ओर लौटा जाए। इसलिए अब शिवरात्रि हो तो शिवजी की तरह गले में साँप लटकाया जाए, कमर से नीचे शेर की खाल पहनी जाए, और मेट्रो, ऑटो, बस में सवारी करने के बजाय उस विशेष दिन नंदी की सवारी की जाए। इसी तरह रामनवमी के दिन भी पुलिस वाले बंदूक़ से ड्यूटी पर ना आएं बल्कि धनुषबाण लेकर घर से निकलें। इसी तरह पर्यावरण दिवस पर पेड़-पौधों की टहनियाँ और पत्ते धारण कर लें।
अब विपक्षी नेता इसकी तुलना यूपी के गुंडाराज से कर रहे हैं। पर उन्हें पता नहीं इसमें एक बेसिक सा अंतर है। अंतर ये है कि कर्नाटक में थानेदार जी, भगवा की भूमिका निभा रहे हैं, यूपी में भगवाधारी, थानेदार की भूमिका निभा रहे हैं।
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।