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छत्तीसगढ़: महिला की दुष्कर्म के बाद बर्बर हत्या, ज़िम्मेदार कौन?

छत्तीसगढ़ में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। हाल ही में प्रदेश के अकलतरा नगर से एक ऐसा बलात्कार और हत्या का मामला सामने आया है, जो न सिर्फ हैरान करने वाला है बल्कि महिला सुरक्षा के तमाम दावे करती सरकारों के लिए शर्मनाक भी है।
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Image courtesy : Feminism in India

निर्भयाकांड को करीब एक दशक होने वाले हैं। इसके अपराधियों को फांसी चढ़े भी करीब 4 चार का समय हो गया है। सख्त कानून, फास्ट ट्रैक अदालते, समाज का बदला रवैया इन सब के बावजूद आज भी देश के अलग-अलग हिस्सों से बार-बार निर्भया जैसी बर्बर्ता की खबरें आम हैं। अब महिलाओं के साथ दुष्कर्म के बाद उनकी बर्बर हत्या का नया ट्रेंड चल पड़ा है। हाल ही में छत्तीसगढ़ से एक ऐसा बलात्कार और हत्या का मामला सामने आया है, जो न सिर्फ हैरान करने वाला है बल्कि महिला सुरक्षा के तमाम दावे करती सरकारों के लिए शर्मनाक भी है।

बता दें कि साल 2020 में जारी एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक देश में औसतन हर दिन बलात्कार के 88 मामले दर्ज हुए और इनमें हर दिन छत्तीसगढ़ में दर्ज होने वाले मामलों की संख्या छह थी। 2020 में ही विधानसभा में प्रस्तुत एक जानकारी के अनुसार जनवरी 2019 से जनवरी 2020 तक राज्य में बलात्कार के 2575 मामले दर्ज किये गए। वहीं 2018 में राज्य में बलात्कार के 2081 मामले दर्ज किये गये थे, जिनमें नाबालिग़ों की संख्या 1219 थी। इनमें से 41 मामले तो ऐसे थे, जिनमें पीड़ित की उम्र छह साल से कम थी। 80 पीड़िताओं की उम्र 12 साल से कम थी। इसी तरह 557 बच्चों की उम्र 16 साल से कम थी। साल 2017 में भी राज्य में दर्ज बलात्कार के 1908 मामलों में 1134 नाबालिग़ थे, जिनमें 47 बच्चे छह साल से कम उम्र के थे. 77 की उम्र 12 से कम थी और 396 की उम्र 16 साल से कम थी।

क्या है पूरा मामला?

घटना छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा नगर की है। यहां 3 जुलाई को एक महिला का शव अर्धनग्न हालत में उसके घर से बरामद किया गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि पीड़िता की मौत दुष्कर्म के बाद प्राइवेट पार्ट में चोट लगने से हुई ब्लीडिंग और गले व सीने की हड्डी टूटने और फेफड़े के फटने से हुई है। रेप के बाद महिला के शरीर के साथ बर्बरता भी की गई थी। ये बात खुद आरोपी ने पुलिस के सामने स्वीकारी है।

खबरों की मानें तो मृतक पीड़िता अपने घर में अकेली रहती थी। करीब तीन साल पहले मृतका के पति की मौत हो गई थी और वो दूसरों के घरों में चौका बर्तन कर अपना गुज़ारा करती थी। पुलिस के मुताबिक आरोपी सूरज शातिर अपराधी है और इसके पहले भी वो कई आपराधिक मामलों में जेल जा चुका है।

पुलिस और आरोपी का क्या कहना है?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि इस मामले की जानकारी लगते ही पुलिस की ओर से एक स्पेशल टीम बनाई गई थी। वारदात को अंजाम देने वाले शख्स की तलाश में मुखबिर भी दौड़ाए गए। जांच के दौरान पुलिस को सूचना मिली कि सूरज भोई का नाम का एक अपराधी अलकतरा इलाके में देखा गया हैं। जिसके बाद पुलिस ने एक ढाबे से आरोपी सूरज भोई को हिरासत में लिया और कड़ाई से पूछताछ के बाद सूरज ने जुर्म कबूल कर लिया।

पुलिस को आरोपी सूरज भोई ने बताया कि जब वो 2 जुलाई की देर रात पोड़ीभाठा इलाके में घूम रहा था, तब उसे एक घर का दरवाजा खुला मिला। उस घर में पीड़िता को अकेला देख सूरज उस घर में घुस गया और डरा धमकाकर महिला का रेप किया। आरोपी सूरज ने बताया कि वो पीड़िता का दूसरी बार भी रेप करना चाह रहा था लेकिन पीड़िता किसी तरह उसके चंगुल से छूटकर भागी और बाहर आकर चिल्लाने की कोशिश करने लगी। पीड़िता को ऐसा करने से रोकने के लिए सूरज पीड़िता के बाल पकड़कर उसे अंदर लाया और फर्श पर पटक दिया।

पुलिस के मुताबिक सूरज ने बताया कि पीड़िता को पीटने के दौरान उसने लोहे के तवे का हैंडल पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में डाल दिया। इसके बाद वो पीड़िता के सीने पर चढ़ गया और उसकी गर्दन को अपने दोनों हाथ से दबायाय़ इस दौरान पीड़िता के छटपटाने पर उसने अपने पैरों से पीड़िता का गला दबा दिया जिससे महिला ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। वारदात के बाद आरोपी सूरज मृतका के हाथ से चांदी की चूड़ियां निकालकर फरार हो गया।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदेश हत्या, डकैती और अन्य अपराधों में मध्य प्रदेश और बिहार से आगे निकल गया है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की 2020 की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में एक लाख की आबादी में हत्या के मामले 3.3% हैं। यही आंकड़ा बिहार में 2.6% है। अपराध की यह दर मध्य प्रदेश, गुजरात और पंजाब में कम है। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष बार-बार कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार को घेर रहा है, तो वहीं कांग्रेस माओवाद से लेकर नत्सलवाद तक तमाम तर्क देकर अपनी साख बचाने में जुटी है। हालांकि आरोप-प्रत्यारोप के बीच असली जमीनी सच्चाई पर सभी पर्दा डालने में मस्त हैं और जनता न्याय और सुरक्षा की आस में टकटकी लगाए अपराध के तले त्रस्त है।

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