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छत्तीसगढ़ः कर्मचारियों से हुए भेदभावपूर्ण रवैये को लेकर सीटू का प्रदर्शन

सेल की सभी इकाइयों में वेतन समझौते में कर्मचारियों के साथ हुए भेदभावपूर्ण रवैये और लंबित मांगों को लेकर दल्लीराजहरा में माइंस कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया गया।
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फ़ोटो साभार: नई दुनिया

छत्तीसगढ़ में स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (सीटू) के आह्वान पर सेल की सभी इकाइयों में वेतन समझौते में कर्मचारियों के साथ हुए भेदभावपूर्ण रवैये और लंबित मांगों को लेकर दल्लीराजहरा में दो दिन पहले माइंस कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया गया। इस दौरान प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की गई।

धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सीटू के सचिव पुरषोत्तम सिमैया ने कहा कि पिछले 66 महीने से लंबित वेतन समझौते को आगामी एनजेसीएस की बैठक में लंबित मुद्दे एवं ठेका श्रमिकों के वेतन वृद्धि का सर्वसम्मति से निर्णय लिया जाए। सेल में ऐतिहासिक मुनाफा होने के बावजूद कर्मियों को इसके लाभ से वंचित रखा गया है। प्रबंधन की ओर से ग्रेच्युटी सीलिंग के माध्यम से श्रमिकों को उनके द्वारा अर्जित धनराशि से वंचित करने की एकतरफा कदम उठाया गया है। जिसके लिए सीटू ने कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कानूनी लड़ाई शुरू कर दिया है।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार माइंस के केवल तीन यूनियन की सहमति से रातों-रात 10 प्रतिशत के स्थान पर 8 प्रतिशत बिना एरियर्स का सर्कुलर सेल स्तर पर जारी कर दिया गया। इसके जारी करने के बाद बाद सेल के सभी खदानों के श्रमिक इसका विरोध कर रहे हैं। इसी तरह डंपर, शाॅवेल, ड्रिल ऑपरेटरों, ड्राइवरों का वाशिंग अलाउंस एमओयू में अस्पष्टता के कारण बंद कर दिया गया है।

सीटू की मांग है कि इसे तत्काल बहाल करने की है। इसका यह भी कहना है कि स्थायी श्रमिकों की नियुक्ति में लगातार हो रही कटौती के साथ साथ अधिकतर आउटसोर्सिंग के कारण सेल में ठेका श्रमिकों के शोषण करने में प्रबंधन जितना सक्रिय है ठीक उतना ही उनके वेतन समझौता को संपन्न करने व विभिन्न सुविधाओं को देने में निष्क्रिय है।

बेसिक वेतन में बढ़ोतरी के साथ वेतन वृद्धि

यूनियन के उपाध्यक्ष विनोद मिश्रा का कहना है कि सेल के उत्पादन प्रक्रिया में ठेका श्रमिकों के महत्वपूर्ण योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इसलिए हमारी मांग के अनुसार उनकी वेतन वृद्धि बेसिक वेतन में बढ़ोतरी के साथ ही होनी चाहिए अन्यथा पूरे सेल के ठेका श्रमिक एक साथ हड़ताल में जाने के लिए बाध्य होंगे।

धरना प्रदर्शन के दौरान ही यूनियन ने सेल चेयरपर्सन व डायरेक्टर भिलाई इस्पात संयंत्र को मुख्य महाप्रबंधक खदान समीर स्वरूप के माध्यम से एक ज्ञापन दिया।

सेल कर्मचारियों के 39 महीने का बकाया दिया जाए

यूनियन के अध्यक्ष प्रकाश सिंह क्षत्रिय ने कहा कि प्रबंधन यूनियनों में फूट डालकर श्रमिक हितों पर लगातार कुठाराघात कर रहा है। इसे अन्य यूनियनों को भी समझना होगा। उन्होंने कहा कि आगामी एनजेसीएस बैठक में सेल कर्मचारियों के 39 महीने का बकाया, पे स्केल, एचआरए, नाइट एलाउंस, पदनाम व ठेका श्रमिकों के वेतन वृद्धि सहित माइंस कर्मचारियों के दासा समेत सभी मुद्दों पर संपूर्ण समझौता करने, व्यापक व सार्थक चर्चा करने की मांग को लेकर ही पूरे सेल इकाई में सीटू ने धरना प्रदर्शन का आयोजन किया है।

क्या है इनकी मांगें
इनकी मांगों में 1 जनवरी 2017 से सभी बकाया पीईआरकेएस सहित तुरंत भुगतान करना शामिल है। साथ ही 13 प्रतिशत एमजीबी के ऊपर दो अतिरिक्त इंक्रीमेंट देने की मांग है। वहीं ठेका श्रमिकों का मूल वेतन वृद्धि के साथ जल्द से जल्द वेतन समझौता करने की मांग भी शामिल है। इनके अलावा मकान भत्ता, रात्रि पाली भत्ता, वाशिंग अलाउंस में पर्याप्त वृद्धि के साथ एकतरफा ग्रेच्युटी सीलिंग आदेश वापस लेने की मांग शामिल है।

वहीं खदान श्रमिकों को नए वेतनमान पर 10 प्रतिशत दासा भुगतान किया जाए तथा बंद किए गए वाशिंग अलाउंस फिर से चालू किया जाए। ट्रांसफर निलंबन व इंक्रीमेंट में कटौती वापस लिया जाए। पूर्व की तरह एस-1, एस-3, एस-6, ग्रेड में नई नियुक्ति बहाल किया जाए। साथ ही सेल की किसी भी इकाई का निजीकरण नहीं होना चाहिए और श्रमिक-विरोधी श्रम कोड निरस्त करने की मांग शामिल हैं। 

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