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छत्तीसगढ़ :दो सूत्रीय मांगों को लेकर 17 दिनों से हड़ताल पर मनरेगा कर्मी

मनरेगा महासंघ के बैनर तले वे 4 अप्रैल से हड़ताल कर रहे हैं। पूरे छत्तीसगढ़ के 15 हज़ार कर्मचारी हड़ताल पर हैं फिर भी सरकार कोई सुध नहीं ले रही है।
 MNREGA workers on strike
फ़ोटो साभार: दैनिक भास्कर

छत्तीसगढ़ में मनरेगा कर्मचारी अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 17 दिनों से हड़ताल पर हैं। मनरेगा महासंघ के बैनर तले वे 4 अप्रैल से हड़ताल कर रहे हैं। प्रदेशभर में मनरेगा कर्मी नियमितीकरण एवं रोजगार सहायकों का वेतनमान निर्धारण करने तथा मनरेगा कर्मियों पर सिविल सेवा नियम 1966 के साथ पंचायत कर्मी नियमावली लागू करने की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। पूरे छत्तीसगढ़ के 15 हजार कर्मचारी हड़ताल पर हैं फिर भी सरकार कोई सुध नहीं ले रही है। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक इन कर्मचारियों ने ग्राम गोहरापदर में बाइक रैली निकालकर जनप्रतिनिधियों एवं क्षेत्रवासियों से सहयोग मांगा और नियमितीकरण की मांग को राज्य सरकार तक पहुंचाने की अपील की। इस तरह प्रदेश भर में मनरेगा कर्मियों ने रैली निकाली और अपने लिए सहयोग की मांग की।

400 किलोमीटर पैदल यात्रा कर रायपुर पहुंचेंगे

छत्तीसगढ़ में मनरेगा कर्मी राज्य सरकार को वादा याद दिलाने के लिए तपती गर्मी में हाथों में डंडे लिए 400 किलोमीटर की यात्रा पर निकल पड़े हैं। उन्होंने इसका नाम दांडी यात्रा दिया है। इस यात्रा के तहत हाथों में तिरंगा लिए सैकड़ों कर्मचारी दंतेवाड़ा से 12 अप्रैल को अपनी यात्रा की शुरुआत की थी। दंतेवाड़ा से करीब 400 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर वे रायपुर पहुंचेंगे।

जन घोषणा पत्र के वादे को पूरा नहीं किया

संघ के पदाधिकारियों ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मनरेगा के अंतर्गत प्रदेश भर के कर्मचारी अपने नियमितीकरण की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे हैं क्योंकि राज्य की भूपेश सरकार ने जन घोषणा पत्र में अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था। भूपेश बघेल ने कर्मचारियों के मंच से सभी कर्मचारियों को सरकार बनने एक साल के भीतर नियमित करने का वादा किया था। भूपेश सरकार को तीन साल बीत गए हैं लेकिन अभी तक उसने अपना वादा पूरा नहीं किया है जिससे दुखी होकर सभी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं। गौरतलब है कि राज्य सरकार की ओर से हड़ताल कर रहे कर्मचारियों के साथ अब तक किसी तरह की बातचीत नहीं हुई है जिससे इन कर्मचारियों में खासी नाराजगी है। इन कर्मचारियों को विपक्षी दलों ने समर्थन दिया है। इन दलों के नेताओं का कहना है कि भूपेश सरकार वादा पूरा करने में विफल रही है।

कर्मचारियों को विपक्षी दलों का समर्थन

बता दें कि हड़ताल के चलते मनरेगा के काम पूरी तरह से ठप हो गया है। मनरेगा कर्मियों की मांगों को जायज बताते हुए आम आदमी पार्टी, परिवहन संघ व भाजपा ने समर्थन दिया है। आप के प्रदेश उपाध्यक्ष देवलाल नरेटी ने मनरेगा कर्मियों का समर्थन करते हुए कहा था कि मनरेगा कर्मचारी अधिकारी, ग्राम रोजगार सहायक अपनी ईमानदारी से कार्य कर रहे हैं, लेकिन आज तक किसी भी सरकार द्वारा नियमितीकरण व वेतन विसंगति की मांग को पूरा नहीं करना सरकार की निष्क्रियता को दर्शाता है। उन्होंने कहा अल्प वेतन में काम करना बहुत ही दुखद लगता है। इस दौरान उन्होंने आप पार्टी के हमेशा साथ रहने का वादा व समर्थन किया।

15 लाख हैं सूबे में मनरेगा मजदूर

हड़ताल पर बैठे मनरेगा कर्मचारी रामचंद्र खरे समेत अन्य कर्मियों ने नई दुनिया को बताया कि धमतरी जिले में करीब डेढ़ लाख मनरेगा मजदूर हैं जबकि प्रदेश भर में कुल काम करने वाले सक्रिय मनरेगा मजदूरों की संख्या 15 लाख है। हड़ताल होने की वजह से इन मजदूराें को काम नहीं मिल रहा है, ऐसे में मजदूरों को प्रतिदिन 30 करोड़ रुपये का नुकसान होने लगा है। इस तरह पूरे हड़ताल के दौरान अब तक मनरेगा मजदूरों को 450 करोड़ रुपये के मजदूरी का नुकसान हुआ है।

मनरेगा काम शीघ्र शुरू करने की मांग

मनरेगा मजदूर टीकाराम साहू समेत अन्य मजदूरों ने बताया कि इन दिनों रबी धान फसल कटाई-मिंजाई शुरू नहीं हुई है, ऐसे में गांवों में सिर्फ मनरेगा योजना के तहत रोजगार ही परिवार चलाने का मुख्य जरिया है, लेकिन अधिकारी-कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से कामकाज पूरी तरह से बंद है। इससे मजदूरों की चिंता बढ़ गई है। मजदूरों को मनरेगा योजना के तहत काम नहीं मिलने के कारण अब कई मजदूर शहरों की ओर काम की तलाश में जा रहे हैं।

हड़ताल ख़त्म होने शुरू होगा मनरेगा का काम

शहर में दिहाड़ी मजदूरों की संख्या अचानक बढ़ गई है, ऐसे में सभी मजदूरों को शहरों में भी पर्याप्त काम नहीं मिल रहा है। ऐसे में मनरेगा मजदूरों ने शासन से अधिकारी-कर्मचारियों की मांगें शीघ्र पूरा कर मनरेगा काम शुरू कराने की मांग की है, ताकि उनके सामने रोजगार की संकट पैदा न हो। इस संबंध में धमतरी जिले के कलेक्टर पीएस एल्मा ने बताया कि मनरेगा योजना के अधिकारी-कर्मचारियों के हड़ताल खत्म होते ही मनरेगा कार्य शुरू किया जाएगा। फिलहाल अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल पर है।

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