Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

संभावित मानवीय संकट को लेकर यूएन का यूएस से हौदी को आतंकवादी घोषित करने के फैसले को पलटने का आग्रह

हौदी युद्ध ग्रस्त यमन में 2014 के बाद से राजधानी साना सहित बड़ी आबादी पर नियंत्रण किए हुए है और सऊदी नेतृत्व और अमेरिका समर्थित गठबंधन के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ रहा है।
houthis

यूनाइटेड नेशन ऑफिस फॉर द कोऑर्डिनेशन ऑफ ह्यूमनिटेरियन अफेयर्स के महानिदेशक मार्क लोकोक ने गुरुवार 14 जनवरी को सुरक्षा परिषद में चेतावनी दी कि हाल ही में डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन द्वारा हाइथिस को "विदेशी आतंकवादी संगठनके रूप में घोषित करने से बड़े पैमाने पर भुखमरी होगी जिसे हमने 40 साल में भी नहीं देखा है।” और अमेरिका से इस फैसले को रद्द करने का आग्रह किया।

लोकोक ने चेतावनी दी कि ऐसा करने में विफलता के कारण देश में खाद्य पदार्थों की कीमतों में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी होगी जो पहले से ही अमेरिका की मदद से सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा इस देश पर लगाए गए युद्ध और नाकाबंदी के कारण "सदी की दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय संकट" का सामना कर रहा है। उन्होंने आशंका जताई कि प्रतिबंध जारी रहने पर खाद्य वस्तुओं की कीमतें 400% तक जा सकती हैं।

रविवार 10 जनवरी को ट्रम्प प्रशासन द्वारा हाउथिस या अंसार अल्लाह को एक विदेशी आतंकवादी संगठन के रूप में घोषित किया गया था। अमेरिकी कांग्रेस को भेजी गई अधिसूचना के अनुसार ये घोषणा राष्ट्रपति के रुप में डोनाल्ड के कार्यकाल के समाप्त होने के एक दिन पहले यानी 19 तारीख से लागू होगा।

लोकोक ने इस तथ्य को दोहराया कि देश में लगभग 50,000 यमनी पहले से ही गंभीर भुखमरी का सामना कर रहे हैं और अन्य 5 मिलियन इसका सामना करने की कगार पर हैं। यह फैसला यमन में 30 मिलियन की कुल आबादी के कम से कम आधी आबादी को प्रभावित करेगा क्योंकि देश अपनी कुल खाद्य आवश्यकताओं का 90% आयात करता है।

इस बीच, दुनिया की प्रमुख राहत एजेंसी रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति ने यह भी चेतावनी दी कि हाउथिस को एक आतंकवादी संगठन के रूप में घोषित करने से इस देश में नागरिकों के बीच बचाव और राहत कार्य पहुंचाने के इसके प्रयासों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

हाउथिस को एक आतंकवादी संगठन के रूप में घोषित करने के इस फैसले से चैरिटी समूहों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के लिए हाउथिस से निपटना मुश्किल हो जाएगा क्योंकि उसका अधिकांश यमनी लोगों और राजधानी सना पर नियंत्रण है। यह अंतरराष्ट्रीय लेनदेन पर प्रतिबंध के कारण धन के प्रवाह में बाधा पैदा कर सकता है जो इस फैसले का एक हिस्सा होगा।

इस फैसले की अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा पहले ही आलोचना की जा चुकी है। इनमें से कुछ ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन से आग्रह किया है कि जब वे 20 जनवरी को अपना पद संभाल लें तो इस फैसले के निरस्त करने की घोषणा करें।

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest