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संवैधानिक मानववाद या कारपोरेट-हिन्दुत्ववाद और यूपी में 'अपराध-राज'!

संविधान दिवस के मौके पर भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोपों-प्रत्यारोपो की खूब बौछार हुई. क्या सच है-संविधानवाद और परिवारवाद का? क्या भारत की सरकारें सचमुच संविधान के विचार और संदेश के हिसाब से चलती हैं? क्या संविधानवाद के साथ हिन्दुत्ववाद और कारपोरेटवाद चल सकता है? इन सवालों पर तथ्यात्मक और तार्किक टिप्पणी के साथ #HafteKiBaat के इस एपिसोड में यूपी में बढ़ती नृशंसता का ब्योरा दे रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश:

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