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क्या वायरसरोधी, मलेरियारोधी दवायें COVID-19 का इलाज कर सकती हैं? WHO ने किया मेगा परीक्षण

संक्रमण को लेकर नयी दवा खोजने के बजाय, जिसे विकसित होने में कई महीने या साल लगेंगे, वैज्ञानिक और चिकित्सक पहले से उपलब्ध उन दवाओं की प्रासंगिकता और असर को आज़मा रहे हैं, जिसे इस उद्देश्य में उपयोग के लिए अनुकूल रूप से तैयार किया जा सकता है।
 COVID-19
Image Courtesy: NDTV

COVID-19 महामारी की दहशत के बीच इस रोग को ठीक करने के लिए पहले से इस्तेमाल की जाने वाली कुछ वायरसरोधी और मलेरिया रोधी दवायें आज़मायी जा रही हैं। यहां तक कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि क्लोरोक्वाइन, COVID-19 को ठीक कर सकती है। लेकिन रोगियों पर इसका उपयोग करने से पहले वैज्ञानिक और इलाज सम्बन्धी सत्यापन किया जाना अब भी बाक़ी है। इस सिलसिले में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में घोषणा की है कि वह सही उपचार की तलाश के लिए एक बड़े वैश्विक परीक्षण का आयोजन करेगा, जिसका नाम SOLIDARITY है।

इस अभूतपूर्व प्रयास में डब्ल्यूएचओ की ओर से वैज्ञानिक डेटा का एक ठोस संग्रह हासिल करना मुख्य उद्देश्य है और वह भी महामारी के बीच किया जाना है। इस अध्ययन की योजना सरल तरीक़े से बनायी गयी है ताकि ऐसे अस्पताल, जो रोगियों से अटे-पड़े हों, वे भी इसमें भाग ले सके। इसमें कई हज़ार मरीज़ों और दर्जनों देशों को शामिल किये जाने का लक्ष्य है।

COVID-19 से पीड़ित लगभग 15% मरीज़ ‘गंभीर’ श्रेणी में आते हैं और उन्हें गहन अस्पताल देखभाल की ज़रूरत होती है। नतीजतन, कुछ ही समय में अस्पताल परेशान हो जाते हैं और डॉक्टरों को इसके इलाज के लिए तत्काल कुछ दवाओं की ज़रूरत होती है। संक्रमण को लेकर नयी दवा खोजने के बजाय, जिसे विकसित होने में कई महीने या साल लगेंगे, वैज्ञानिक और चिकित्सक पहले से उपलब्ध उन दवाओं की प्रासंगिकता और प्रभावकारिता को आज़मा रहे हैं, जिसे इस उद्देश्य में उपयोग के लिए अनुकूल रूप से तैयार किया जा सकता है। वे उन आधिकारिक तौर पर अमान्य दवाओं की भी तलाश कर रहे हैं, जो अन्य दो कोरोनोवायरस संक्रमणों: SARS और MERS के इलाज में कामयाब साबित होते दिख रहे हैं।

वैज्ञानिकों ने संभावित COVID-19 दवाओं के रूप में कई मौजूदा यौगिकों का सुझाव दिया है, और WHO ने अपने SOLIDARITY कार्यक्रम में विश्व स्तर पर परीक्षण के लिए ऐसे चार यौगिकों को तय कर दिया है: एक प्रायोगिक वायरसरोधी यौगिक, रेमडेसिवीर;  मलेरियारोधी दवायें, क्लोरोक्वाइन और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन; दो एचआईवी रोधी दवाओं, लोपनावीर और रिटोनावीर का संयोजन, और इसी संयोजन के साथ इंटरफेरॉन-बीटा, जो एक प्रतिरक्षा प्रणाली है और यह वायरस को नष्ट कर सकता है। इन यौगिकों के उपयोग का कुछ डेटा पहले ही सामने आ चुका है: बताया जाता है कि चीन में हुए एक छोटे से अध्ययन में इस एचआईवी संयोजन के विफल होने की सूचना है। लेकिन, रोगियों की एक विशाल विविधता को देखते हुए एक बड़े परीक्षण की ज़रूरत है।

SOLIDARITY के लिए रोगियों का नाम दर्ज कराना आसान होगा-चिकित्सकों द्वारा उपयुक्त समझे जाने वाले COVID-19 रोगियों का डेटा WHO की वेबसाइट द्वारा एकत्र किया जायेगा। इसमें वे बुनियादी शर्तें भी शामिल होंगी, जो मधुमेह या एचआईवी संक्रमण जैसी बीमारी की कार्यप्रणाली को बदल सकती हैं। इसमें भागीदारी करने वालों को एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करना होगा, जिसे स्कैन किया जायेगा और डब्ल्यूएचओ को भेज दिया जायेगा। परामर्श चिकित्सक को यह बताना होगा कि उसके अस्पताल में कौन सी दवायें उपलब्ध हैं और उसके बाद, वेबसाइट रोगी को उपलब्ध दवाओं में से ही अनियमित रूप से चुनी गयी किसी किसी एक दवा का परामर्श देगी।

डब्ल्यूएचओ के टीकाकरण और जैविक विभाग के एक चिकित्सा अधिकारी, एना मारिया हेनो रेस्ट्रेपो कहती हैं, “उसके बाद, अधिक पैमाइश या दर्ज किये जाने की ज़रूरत नहीं है। चिकित्सक उस दिन को दर्ज करेंगे, जिस दिन मरीज़ ने अस्पताल छोड़ा था या उसकी मौत हो गयी थी, अस्पताल में रहने की अवधि को दर्ज किया जायेगा,  और रोगी को ऑक्सीजन या वेंटिलेशन की आवश्यकता थी या नहीं,इसे दर्ज किया जायेगा, बस इतना ही दर्ज किया जाना होगा।”

आइए,उन उपचारों पर एक नज़र डालें,जो SOLIDARITY कार्यक्रम का परीक्षण करेंगे:

रेमडेसिवीर (REMDESIVIR)

यह यौगिक (compound) कुछ अन्य सम्बन्धित वायरस के साथ-साथ मूल रूप से इबोला वायरस से लड़ने के लिए विकसित किया गया था। रेमडेसिवीर, वायरल नक़ल को रोकने का कार्य करता है। यह आरएनए के मातहत आरएनए पोलीमरेज़ नामक महत्वपूर्ण एंजाइम को रोकने के लिए ऐसा करता है,क्योंकि यह एंजाइम वायरल नक़ल (viral replication) को बढ़ाता है।

रेमडेसिवीर का परीक्षण पिछले साल कांगो में इबोला के इलाज के लिए किया गया था, लेकिन यह बेअसरदार निकला। दूसरी ओर, 2017 में उत्तरी कैरोलिना विश्वविद्यालय, चैपल हिल में किये गये एक अध्ययन में पाया गया कि रेमडेसिवीर SARS और MERS के कारण बनने वाले अन्य कोरोनवायरस को रोक सकता है।

अमेरिका में भी शुरुआती COVID-19 मरीज़ों को रेमडेसिवीर दिया गया था और NEJM (न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन) ने बताया कि अगले दिन मरीज़ों की स्थिति में सुधार हुआ था। इसके अलावा, एक कैलिफ़ोर्नियाई रोगी, जिसके बचने की संभावना कम थी, उसे भी रेमडेसिवीर देने  के बाद कथित तौर पर स्वास्थ्य लाभ मिला था।

हालांकि स्वस्थ किये जाने के कुछ मामलों का मतलब यह नहीं है कि कोई दवा सुरक्षित और असरदार है, लेकिन SOLIDARITY ने इस दवा को अपनी सूची में शामिल कर लिया है। यह संभवतः इलाज में इसके उपयोगी होने की सबसे बढ़िया संभावना है।

क्लोरोक्वाइन और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन  (CHLOROQUINE AND HYDROXYCHLOROQUINE)

मानक मलेरियारोधी यौगिक अब COVID-19 के संभावित इलाज के रूप में सुर्खियां बन रहे हैं। भारतीय बाज़ारों में यह दवा पहले ही स्टॉक से बाहर हो गयी है। लेकिन, इसके उपयोग को लेकर जो डेटा उपलब्ध  है,वह बहुत कमज़ोर है। यह दवा उन एंडोसोम्स की अम्लता को कम करने का कार्य करती है, जो कोशिकाओं के अंदर के कंपार्टमेंट होते हैं, जो बाहर की सामग्री को निगला करते हैं और ये SARS-CoV-2 के एंट्री प्वाइंट होते हैं। यह अपने नुकीले प्रोटीन का उपयोग कोशिका की सतह पर मौजूद रिसेप्टर्स पर जकड़ने के लिए करते हैं। एंडोसोम कोशिकाओं के अंदर ही होते हैं।

सेल कल्चर के अध्ययन से पता चला है कि क्लोरोक्वाइन, SARS-CoV-2 के ख़िलाफ़ कुछ हरक़तें पैदा करती है, लेकिन इसके लिए ज़रूरी खुराक बहुत अधिक है और इसकी विषाक्तता एक चिंता का विषय बनी हुई है।

फ़्रांस के शोधकर्ताओं ने दिखाया है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वाइन, जब COVID रोगियों को दिया जाता है, तो यह नाक के फाहे में वायरल लोड को काफी कम कर देती है। लेकिन यह कोई अनियमित नियंत्रण परीक्षण नहीं था और इसमें मृत्यु जैसे क्लिनिकल नतीजे की सूचना भी नहीं है।

बताया जाता है कि चीनी शोधकर्ताओं ने भी क्लोरोक्वाइन के साथ 100 से अधिक रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज करने की सूचना दी है, लेकिन इस सिलसिले में किसी तरह का कोई डेटा प्रकाशित नहीं किया गया है।

रेटोनावीर/लोपिनावीर (RITONAVIR/LOPINAVIR)
 
इस कॉंबिनेशन का इस्तेमाल एचआईवी संक्रमण के इलाज के लिए किया जाता है। लोपिनावीर,  एचआईवी प्रोटीज एंजाइम को रोकता है, यह एक ऐसा प्रमुख एंजाइम है, जो नये वायरस की समूहन के दौरान लम्बी प्रोटीन श्रृंखला को घटक पेप्टाइड्स में तोड़ता है। लोपिनावीर को हमारे ख़ुद के प्रोटीज द्वारा जल्दी से घटा देता है, यह एक ऐसा एंजाइम है,जो प्रोटीन को तोड़ता है। यही कारण है कि लोपिनवीर, एक प्रोटीज अवरोधक है और यह रेटोनावीर के साथ संयुक्त होता है।।

ऐसा माना जाता है कि यह कॉंबिनेशन, कोरोनवायरस सहित अन्य वायरस के प्रोटीज को भी रोकता है। लेकिन,COVID-19 के लिए इसका परीक्षण उत्साहजनक नतीजे नहीं देता है। NEJM (न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन) में प्रकाशित एक चीनी परीक्षण में कहा गया है कि यह कॉंबिनेशन COVID-19 रोगियों में महत्वपूर्ण सुधार नहीं दिखाता है।

रिटोनावीर / लोपिनावीर और इंटरफेरॉन-बीटा (RITONAVIR/LOPINAVIR AND INTERFERON-BETA)

इंटरफेरॉन बीटा एक ऐसा अणु होता है, जो शरीर में सूजन को नियंत्रित करने में शामिल होता है। इंटरफेरॉन बीटा के साथ रिटोनावीर / लोपिनावीर वायरसरोधी के संयोजन को SOLIDARITY द्वारा परीक्षण किया जायेगा।

अब सऊदी अरब में इन तीनों दवाओं के एक कॉंबिनेशन की शुरुआती अनियमित नियंत्रित परीक्षण को लेकर MERS के रोगियों के इलाज के लिए किया जा रहा है।

अभी तक COVID-19 के लिए कोई इलाज कारगर नहीं हो पाया है। वैक्सीन विकसित करने में निश्चित रूप से एक लंबा समय लगने वाला है, लेकिन पहले से उपलब्ध कंपाउंड में से ही कोई एक कंपाउंड निश्चित रूप से इस महामारी से निपटने में हमारी मदद करेगा।

अंग्रेजी में लिखा मूल आलेख आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।

Can Antiviral, Antimalarial Drugs Cure COVID-19? WHO Launches Mega Trial

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