Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

लॉकडाउन उल्लंघन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर कार्रवाई की मांग

दूसरों को लॉकडाउन का सख्ती से पालन करने का निर्देश देकर सीएम योगी आदित्यनाथ खुद अयोध्या में धार्मिक समारोह में शामिल हुए। अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद के समन्वयक शरद शर्मा के मुताबिक उन्होंने अनुष्ठान में हिस्सा नहीं लिया था, लेकिन जब रामलला की मूर्ति अस्थायी मंदिर से स्थानांतरित की जा रही थी तो वहां तक़रीबन 70-80 लोग मौजूद थे।
योगी आदित्यनाथ
Image Courtesy: Adityanath Twitter

अयोध्या: बुधवार, 25 मार्च के सुबह-सवेरे अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति को अस्थायी टिन शेड वाली व्यवस्था से निकालकर एक दूसरे अस्थायी मंदिर में ले जाया गया। इस धार्मिक कार्य को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद अपने हाथों से संपन्न किया।

सूत्रों के मुताबिक, इस धार्मिक समारोह में मुख्यमंत्री व जिलाधिकारी सहित 20 से ज़्यादा लोग शामिल हुए थे। यह मुद्दा जल्द ही सोशल मीडिया की बहसों का भी हिस्सा बन गया, क्योंकि इस धार्मिक समारोह की तस्वीर ऐसे वक्त में सामने आई थीं, जब कुछ घंटे पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस की रोकथाम के क्रम में 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। 

लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता डॉक्टर सुधीर कुमार के अनुसार, "उत्तर प्रदेश में अभी तक 38 लोग कोविड-19 से संक्रमित पाये गये हैं, जिसमें से कुछ लोग पूरी तरह ठीक हो गये हैं और उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज भी किया जा चुका है।" 

जॉन्स होपकिन्स यूनिवर्सिटी के एक अनुमान के मुताबिक इस महामारी से वैश्विक स्तर पर 4,88,264 लोग संक्रमित हुए हैं और 169 देशों में 22,065 लोगों की जान भी जा चुकी है। भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस के 694 मामलों की पुष्टि की है। इनमें से सक्रिय मामलों की संख्या 649 है। कोरोना वायरस की वजह से देश में 14 लोगों की जान भी जा चुकी है।

हमने अयोध्या के जिलाधिकारी से संपर्क करके समारोह में शामिल हुए लोगों की जानकारी लेनी चाहिए और जानना चाहा कि समारोह के दौरान प्रोटोकॉल के कायदे निभाये गये थे या नहीं, उन्होंने हमेशा की तरह फोन नहीं उठाया और न ही टेक्स्ट संदेशों का जवाब दिया। हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार के प्रिंट मीडिया सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने ट्विटर पर एक राजनीतिक ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा था कि समारोह में केवल 20 लोग शामिल थे और सारे प्रोटोकॉल का ध्यान रखा गया था। 

twit new.jpg

वरिष्ठ पत्रकार राम दत्त त्रिपाठी ने कहा कि "उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सार्वजनिक समारोह में हिस्सा लेकर एक गलत उदाहरण पेश किया है। दुनिया भर के शीर्ष डॉक्टरों ने सबको घर पर रहने और एक-दूसरे से दूरी बनाए रखने की सलाह दी है। प्रधानमंत्री और यूपी के मुख्यमंत्री ने खुद भी इसी के मुताबिक कर्फ्यू लागू किया है।" 

न्यूज़क्लिक के हाथ लगे समारोह के कथित वीडियो में योगी आदित्यनाथ सहित 15 से ज़्यादा लोग दिखाई देते हैं। वीडियो में यह स्पष्ट दिखाई देता है कि सभी लोग एक-दूसरे के बहुत करीब खड़े हैं और दूरी बनाये रखने के निर्देशों का पालन भी नहीं कर रहे हैं। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर कार्रवाई की मांग

सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने मांग की है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर जानबूझकर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लागू किये गये कानूनी लॉकडाउन का उल्लंघन करने, अयोध्या में राम मंदिर समारोह में शामिल होने, दर्जनों लोगों को इस समारोह में शामिल करने और सोशल मीडिया पर इसका ढिंढोरा पीटने के लिए कार्रवाई की जानी चाहिए। 

देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सहित देश के अन्य जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को संबोधित करते हुए नूतन ने अपने ट्वीट में लिखा कि अगर आप चाहते हैं कि लोग आपके निर्देशों को ठीक से मानें तो आपको उन लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करनी चाहिए जो जानबूझकर लॉकडाउन का उल्लंघन कर रहे हैं, अन्यथा इससे लोगों में बहुत बुरा संदेश जायेगा। 

अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद के समन्वयक शरद शर्मा के मुताबिक उन्होंने अनुष्ठान में हिस्सा नहीं लिया था, लेकिन जब रामलला की मूर्ति अस्थायी मंदिर से स्थानांतरित की जा रही थी तो वहां तक़रीबन 70-80 लोग मौजूद थे।

राज्य के सबसे दूरस्थ इलाकों में से एक में तैनात निजी मेडिकल प्रैक्टिस करने वाले डॉ. एस कुमार का कहना है कि राज्य के मुख्यमंत्री की यह हरकत बताती है कि उनकी प्राथमिकताएं क्या हैं। 

डॉ. कुमार के अनुसार, "समारोह कुछ लोगों के साथ बंद दरवाजे के भीतर हो सकता था, इतने लोगों के साथ वहां जाने की ज़रूरत ही नहीं थी। बीती रात ही प्रधानमंत्री ने खुद हाथ जोड़कर सभी लोगों से एक-दूसरे से दूरी बनाये रखने की अपील की थी। इस वक़्त सबसे ज़रूरी है कि हम विज्ञान में भरोसा करें, डॉक्टरों की सलाह मानें, डरें नहीं और ऐसा कुछ भी न करें जिससे वायरस फैलने का खतरा हो।" डॉ. एस कुमार ने सवाल भी उठाया कि "अगर किसी और ने ऐसा किया होता, तो उसके ख़िलाफ़ क्या कदम उठाये गये होते? 

अंग्रेजी में लिखा मूल आलेख आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।

Hours After PM’s Appeal, UP CM Flouts Curfew, Attends Religious Ceremony in Ayodhya

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest