जामिया हिंसा मामले में अदालत ने शरजील इमाम को बरी किया

दिल्ली की एक अदालत ने जामिया हिंसा मामले में छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम और आसिफ इकबाल तन्हा को शनिवार को बरी कर दिया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरुल वर्मा ने दोनों को 2019 में जामिया नगर पुलिस थाने में दर्ज एक मामले में आरोपमुक्त कर दिया। इस मामले में विस्तृत आदेश अभी नहीं मिल पाया है।
बहरहाल, इमाम अभी जेल में ही रहेगा, क्योंकि वह 2020 में पूर्वोत्तर दिल्ली में हुए दंगों की साजिश के मामले में आरोपी है।
पुलिस ने संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) का विरोध कर रहे लोगों और पुलिस के बीच झड़पों के बाद भड़की सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।
देशद्रोह के मामले में भी शरजील को मिल चुकी है ज़मानत
ज्ञात हो कि चार महीने पहले देशद्रोह के एक मामले में दिल्ली की एक अदालत ने 30 हज़ार रुपये के निजी मुचलके पर ज़मानत दी थी। इस मामले में उन पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया गया था, जिसके कारण 2019 में जामिया नगर इलाके में हिंसा हुई थी।
जनवरी 2020 को हुई थी गिरफ्तारी
शरजील इमाम पिछले तीन साल से जेल में बंद है। उनके भाषण का वीडियो सामने आने के बाद वह चर्चा में आ गए थे। इसके बाद उन्हें नागरिकता संशोधन अधिनियम के ख़िलाफ़ हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन से जुड़े कई मामलों में आरोपी बनाया गया। शरजील इमाम को साल 2020 के जनवरी महीने में भड़काऊ भाषण और देशद्रोह से जुड़े एक और मामले में गिरफ़्तार किया गया था।
(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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