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कोविड-19 : 5 अफ़्रीकी देशों में अभी तक नहीं हुई मामलों की पुष्टि

हालांकि अफ़्रीकी देशों में बाक़ी दुनिया की तुलना में कोरोना के मामले कम है, लेकिन अगर यह बीमारी व्यापक स्तर पर फैल गई, तो इन देशों की ग़रीबी और ख़राब स्वास्थ्य सेवाओं की वजह से ख़तरा बहुत बढ़ जाएगा।
कोविड-19

अफ़्रीका में 2 अप्रैल को बोत्सवाना, बुरुंडी और सिएरा लीयोन में पहले कोरोना के मामले सामने आ गए, इसके बाद सिर्फ़ 5 देश बिना किसी संक्रमण के बचे हुए हैं।

ये पाँच देश मलावी, लेसोथो, साउथ सुडान, कोमोरोस और मध्य अफ़्रीका के साओ टोमे एंड प्रिंसिपे हैं। कोमोरोस और साओ टोमे एंड प्रिंसिपे अफ़्रीका के क्रमशः पूर्वी और पश्चिमी तटों पर स्थित टापू देश हैं। बाक़ी देश स्थलसीमा देश हैं। यह सभी देश महाद्वीप के दस सबसे कमज़ोर अर्थव्यवस्था में शामिल हैं।

हालांकि कम टेस्ट होना भी कम मामलों की वजह हो सकता है, लेकिन यह भी सच है कि अफ़्रीका में तुलनात्मक रूप से कम मामले सामने आए हैं। क्योंकि इन छोटे देशों में महाद्वीप के बाहर की यात्रा कम की जाती है।

इसके बावजूद, आसपास के देशों में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। 31 मार्च तक, महाद्वीप पर कुल 5,287 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। जिसमें से 3,465 मामले 24 से 31 मार्च के बीच में आए हैं। यह जानकारी अफ़्रीका सेंटर फॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने दी है।

जिन अफ़्रीकी देशों में अब तक वायरस नहीं पहुंचा है, यह वो देश हैं जिनके स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे दुनिया में सबसे कम विकसित हैं।

ग्लोबल हेल्थ सेक्युर्टी इंडेक्स 2019, जो महामारी में देशों की तैयार की रैंकिंग करता है, उसके अनुसार लेसोथो का स्थान 144, मलावी का 154, कोमोरोस का 160, साउथ सुडान का 180 और साओ टोमे एंड प्रिंसिपे का स्थान 192वां है।

यह देश महाद्वीप के अंदर अन्य देशों पर रोज़गार, आय और उत्पादों के लिए निर्भर करते हैं। ख़ास तौर से दक्षिण अफ़्रीका पर, जहाँ अब तक 1380 मामले सामने आ चुके हैं और अफ़्रीका में यह बीमारी का केंद्र बन गया है।

इन देशों की सरकारों ने चीन और अन्य देशों से समर्थन लेकर ख़ुद को तैयार रखने की कवायद शुरू कर दी है। उदाहरण के तौर पर मलावी और साउथ सुडान में भारी संख्या में इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

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