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झारखंड: नहीं थम रहे महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध, फिर दो मासूमों के साथ बलात्कार!

राखी से ठीक पहले ही दो बहनों के कथित सामूहिक दुष्कर्म के बाद अब एक ही जिले से फिर दो मासूम नाबालिगों के साथ दुराचार का मामला सामने आया है। लगातार राज्य में बढ़ती महिलाओं के शोषण और उत्पीड़न की खबरों ने हेमंत सोरेन सरकार की कानून व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं।
महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध
Image Credit: Arpita Biswas/Feminism in India

झारखंड एक बार फिर दोहरे दुष्कर्म मामले को लेकर सुर्खियों में है। बंशीधर नगर में दो बहनों के साथ कथित सामूहिक बलात्कार के बाद अब गढ़वा जिले में रक्षाबंधन के दिन दो नाबालिग लड़कियों के साथ दुराचार का मामला सामने आया है। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। तो वहीं राज्य में लगातार दुष्कर्म मामलों की बढ़ोत्तरी ने हेमंत सोरेन सरकार की कानून व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिये हैं।

क्या है पूरा मामला?

प्राप्त जानकारी के मुताबिक पहली घटना में पीड़ित एक 14 साल की बच्ची है। जिसका पहले अपहरण हुआ और बाद में दुष्कर्म का बात सामने आई। पुलिस ने लड़की के परिजनों की शिकायत पर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक गढ़वा जिले के एसडीपीओ बहामान टूटी ने कहा कि जैसे ही पुलिस को इस मामले की सूचना मिली वैसे ही एक्शन लेते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि पीड़ित के घरवालों ने पहले लड़की की गुमशुदगी की रिपोर्ट शहर थाने में दर्ज कराई थी। लेकिन बाद में बलात्कार का मामला सामने आया।

दूसरा मामला गढ़वा के डंडई थाना क्षेत्र का है। यहां भी एक नाबालिग, जोकि आठ साल की बच्ची है उसके साथ बलात्कार का मामला सामने आया है। खबरों के मुताबिक बच्ची को अकेला घर पर खेलता देख आरोपी ने उसके साथ ये हरकत की। पुलिस के मुकाबिक आरोपी अब पुलिस की गिरफ्त में है।

राखी से पहले भी दो बहनों के साथ हुआ था सामूहिक दुष्कर्म !

मालूम हो कि इससे पहले भी 29 जुलाई को बंशीधर नगर थाना क्षेत्र में यूपी की दो नाबालिग लड़कियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म की खबर सामने आई थी। जिसे लेकर प्रशासन की बहुत किरकिरी हुई थी। जिले के पुलिस अधीक्षक श्रीकांत सुरेश राव खोत्रे ने सोमवार 3 अगस्त को गरबांध रोड स्थित जंगल में पहुंच कर घटनास्थल का निरीक्षण भी किया था। इस मामले में 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है लेकिन गिरफ्तारी के मामले में अब भी पुलिस के हाथ खाली हैं।

गौरतलब है कि दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार झारखंड में इस साल मई तक 716 बलात्कार के मामले सामने आए हैं। जिसमें सबसे ज्यादा 169 केस मई में दर्ज किए गए हैं। वहीं लॉकडाउन के दौरान सबसे अधिक दुष्कर्म के 86 केस रांची में दर्ज किए गए हैं। सामान्य दिनों में जहां हर चार दिन पर एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना होती थी, वहीं लॉकडाउन के दौरान यह आंकड़ा बढ़कर हर ढाई दिन पर एक पहुंच गया।

पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता ऋचा सिंह का मानना है कि कोरोना काल में देश ही नहीं विदेशों में भी महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाएं बढ़ी हैं। इस दौरान घरेलू हिंसा, बलात्कार, यौन उत्पीड़न के मामले लगभग दोगुना हो गए हैं।

ऋचा कहती हैं, “आप इतिहास उठाकर देख लीजिए, आपदा के समय महिलाओं का खूब शोषण होता है। कई मामलों में आप को अपराधी पीड़ित के जानने वाले लोग ही मिलेंगे, क्योंकि हमारे समाज में औरतों के ऊपर गुस्सा, तनाव या किसी भी गलती के लिए दोष मढ़ने की परंपरा रही है। इससे पहले भी जहां आपदाएं आई हैं, ऐसी घटनाओं में अचानक इजाफा भी हुआ है। महामारी में लोग बेरोजगार हो गए हैं, उनके पास करने को काम नहीं है, खाने को खाना नहीं है। ऐसे में निराश आदमी के अंदर विकृत मानसिकता उत्पन्न होने लगती है। फिर क्या महिलाओं को ही सब कुछ झेलना है।”

झारखंड के मामले में ऋचा कहती हैं कि अगर आप बीते दिनों ज़रा भी खबरों पर नज़र बनाए हुए हैं तो आप आसानी से समझ जाएंगे की राज्य में कानून की क्या स्थिति है। आए दिन कोई न कोई प्रदेश के क्राइम से जुड़ी खबर आपको हेडलाइन में मिल ही जाएगी। ये केवल हेमंत सोरेन सरकार की बात नहीं है। अपराधी तो रघुवर दास सरकार में भी बेलगाम थे, लेकिन सरकार बदलने के बाद स्थिति बदलने की उम्मीद थी, जिसमें फिलहाल निराशा ही हाथ लगी है।

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