पिछले 3 दशकों से लगातार काम कर रहे पत्रकार कमाल ख़ान का 14 जनवरी की सुबह अचानक निधन हो गया। कमाल ख़ान एनडीटीवी के लखनऊ ब्यूरो के हेड थे। कमाल ख़ान राजनीतिक और सामाजिक ख़बरों पर अपनी पारखी नज़र बनाए रखते थे। उन्हें पत्रकारिता जगत के सबसे विश्वसनीय आवाज़ों में गिना जाता है।
अभी कल 13 जनवरी की रात को ही देश भर ने कमाल ख़ान को एनडीटीवी की एंकर नग़मा सहर के प्रोग्राम में सुना था, और आज 14 जनवरी की सुबह अचानक उनकी दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। कमाल की मौत से पूरे पत्रकारिता जगत में शोक की लहर है। एनडीटीवी ने लिखा, 'दिलों को छू लेने वाली पत्रकारिता का अंत...'
61 साल के कमाल खान के परिवार में उनकी पत्नी रुचि और बेटा अमन हैं।
हर पार्टी के राजनेता, मंत्रियों ने कमाल के निधन पर दुख जताया है।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी बताया कि उनकी कुछ ही दिनों पहले कमाल ख़ान से मुलाक़ात हुई थी।
कमाल ख़ान ने लंबे समय तक देश की राजनीति को कवर किया और उसे नज़दीकी से समझा था। हाल ही में होने वाले विधानसभा चुनाव को भी वे क़रीब से कवर कर रहे थे। उनकी आवाज़ और उनका लहजा बेहद मधुर था और उनके पीस टु कैमरा पर की गई टिप्पणियों से हर उम्र के पत्रकारों को सीख मिलती थी।
आज मेनस्ट्रीम मीडिया के 90% से ज़्यादा चैनल सरकार की भाषा बोल रहे हैं और सरकार का हर वक़्त गुणगान कर रहे हैं। ऐसे वक़्त में एक निष्पक्ष और विश्वसनीय पत्रकार कमाल ख़ान की कमी पत्रकारिता जगत में लंबे समय तक पूरी नहीं हो सकेगी।
न्यूज़क्लिक कमाल ख़ान के अचानक हुए निधन पर दुख व्यक्त करता है और उनके परिवार और तमाम चाहने वालों के प्रति अपनी संवेदनाएँ ज़ाहिर करता है।