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दिल्ली : कोरोना के इस दौर में ग़रीब मज़दूरों की हालत को लेकर सीपीआई(एम) ने केजरीवाल को लिखा पत्र

सीपीआई(एम) दिल्ली राज्य कमेटी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है। उन्होंने लॉकडाउन की स्थिति में मजदूरों एवं कामगार वर्गों की हालत पर चिंता जाहिर करते हुए राशन की उनकी घोषणा को अपर्याप्त बताते हुए कुछ सुझाव भी दिए।  
सीपीआई(एम)

दिल्ली : भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) की दिल्ली राज्य कमेटी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है। उन्होंने लॉक-डाउन की स्थिति में मजदूरों एवं कामगार वर्गों की हालत पर चिंता जाहिर करते हुए राशन की उनकी घोषणा को अपर्याप्त बताते हुए कुछ सुझाव भी दिए। सीपीआई(एम) की दिल्ली राज्य कमेटी ने कहा कि सरकार उनके सुझावों पर गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए उसे अविलंब क्रियान्वित किया जाए।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल  को लिखे अपने पत्र में  सीपीआई(एम) ने लिखा है, “हमने आपको 30 अप्रैल को पत्र लिखकर दिल्ली की स्थिति से वाकिफ कराते हुए आपके सामने कुछ ठोस सुझाव रखे थे। उनमें से कुछ सुझाव पर आपने घोषणा भी की है। खासकर जैसे-जैसे लॉकडाउन का अंतराल आगे बढ़ रहा है मजदूरों के अंदर काम को लेकर अनिश्चितता काफी बढ़ गई है। उनका काम बंद है। उनके रोजगार छिन गए हैं। भुखमरी की स्थिति का वे सामना कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें मुफ्त राशन की व्यवस्था बहुत जरूरी है। केंद्र सरकार ने 5 किलो प्रति महीने मुफ्त अनाज की घोषणा की है। आपने दो महीने तक मुफ्त अनाज की घोषणा भी की है। "

सीपीआई(एम) ने मांग की है कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की घोषणा को लागू करते हुए प्रत्येक व्यक्ति को 10 किलो मुफ्त अनाज हर महीने तब तक दिया जाए जब तक हालात सामान्य न हो जाएं।  

सीपीआई(एम) ने अपने पत्र में राशन कार्ड न बनने की शिकायत करते हुए  लिखा है कि "दिल्ली सरकार का ध्यान इस तरफ खींचना चाहती है कि पिछले 5 साल से जितने भी राशन कार्ड के लिए आवेदन लिए गए हैं उन पर सरकार की तरफ से कोई कार्यवाही नहीं हुई है। जिसके कारण पिछले पांच साल में किसी का भी राशन कार्ड नहीं बना है। दिल्ली सरकार की घोषणा में मात्र राशनकार्डधारियों को ही मुफ्त अनाज की घोषणा की गई है। ऐसे में उन लाखों परिवारों को इस घोषणा का लाभ नहीं मिलेगा।"

सीपीआई(एम) ने अनुरोध किया है कि पिछली बार की तरह इस बार भी किसी भी दिल्ली निवासी को वैध सरकारी डॉक्यूमेंट के आधार पर जिस तरह से पिछली बार कूपन की व्यवस्था की गई थी और उन्हें राशन किट दिया गया था, उसी तरह इस बार भी जारी किया जाए। इसके साथ ही उन्हें 7500 रुपये प्रति माह नगद सहायता प्रदान की जाए।

सीपीआई(एम) ने सरकार को आगाह किया और कहा कि राशन की व्यवस्था को अगर जल्द से जल्द नहीं दुरुस्त किया गया तो पलायन और भुखमरी का वह दौर शुरू होगा जिससे कोरोना संकट और भी गहरा हो जाएगा। अंत में सीपीआई(एम) राज्य कमेटी ने दिल्ली सरकार से मांग की कि सभी मेहनतकश परिवारों को रु 7500 प्रति माह की नगद सहायता के साथ ही मुफ्त राशन किट जिसमें अनाज, तेल, नमक, मसाले, साबुन, आदि देने की व्यवस्था की जाए। 

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