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दिल्ली आबकारी नीति घोटाला: ईडी ने छापेमारी के बाद एक करोड़ रुपये की नकदी ज़ब्त की

जांच एजेंसी ने शुक्रवार को पंजाब, दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) और आंध्र प्रदेश में 35 से अधिक स्थानों पर दिन भर छापेमारी की।
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अब खत्म की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति में हुए कथित घोटाले को लेकर धन शोधन जांच के सिलसिले में छापेमारी के बाद करीब एक करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

जांच एजेंसी ने शुक्रवार को पंजाब, दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) और आंध्र प्रदेश में 35 से अधिक स्थानों पर दिन भर छापेमारी की।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, शराब कारोबारियों, वितरण कंपनियों और इससे जुड़ी संस्थाओं के खिलाफ छापेमारी के दौरान एक स्थान से करीब एक करोड़ नकदी जब्त की गई है।

सूत्रों ने बरामदगी वाले स्थानों के बारे में जानकारी गोपनीय रखी लेकिन उनका कहना था कि कुछ डिजिटल उपकरणों और दस्तावेज जब्त किये गये हैं।

सूत्रों के अनुसार, दिल्ली स्थित एक टेलिविजन समाचार संगठन के एक निदेशक से जुड़े परिसर के अलावा शहर के एक कारोबारी जिसकी कंपनी विभिन्न मादक पेय पदार्थों का आयात और वितरण करती है और पंजाब के एक पूर्व विधायक के परिसर की भी ईडी के अधिकारियों ने तलाशी ली थी।

केंद्रीय एजेंसी इस मामले में अब तक 103 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी कर चुकी है। एजंसी ने पिछले महीने शराब कारोबारी और शराब बनाने वाली कंपनी इंडोस्पिरिट के प्रबंध निदेशक समीर महेंद्रू को गिरफ्तार किया था।

धनशोधन का कथित मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक प्राथमिकी से सामने आया है, जिसमें दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को एक आरोपी के रूप में नामजद किया गया था।

उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद यह योजना जांच के दायरे में आई।

उन्होंने इस मामले में 11 आबकारी अधिकारियों को निलंबित भी किया था।

दिल्ली के मुख्य सचिव की जुलाई में दी गई रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन अधिनियम 1991, कार्यकरण नियम (टीओबीआर)-1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम-2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियमावली-2010 का प्रथम दृष्टया उल्लंघन पाए जाने की बात कही गई थी।

केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई द्वारा 17 अगस्त को ये मामला दर्ज किया गया था। सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के मुताबिक आबकारी विभाग के मंत्री मनीष सिसोदिया को सबसे पहला और मुख्य आरोपी बनाया गया था।

एफआईआर के मुताबिक आरोपियों में मनीष सिसोदिया, पूर्व एक्साइज कमिश्नर अरवा गोपी कृष्णा, सहायक एक्साइज कमिश्नर पंकज भटनागर, आबकारी विभाग के डेप्युटी कमिश्नर आनंद तिवारी आदि शामिल हैं।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

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