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दिल्ली मेयर चुनाव: जल्द मिलेगा दिल्ली को मेयर,"न्यायालय का आदेश लोकतंत्र की जीत"

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मेयर चुनाव पर उच्चतम न्यायालय के आदेश को ‘लोकतंत्र की जीत’ क़रार दिया।
MCD elections

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के महापौर (मेयर) के चुनाव को लेकर उच्चतम न्यायालय ने भाजपा और उपराज्यपाल को झटका दिया। न्यायालय ने शुक्रवार को स्पष्ट कर दिया कि मनोनीत पार्षद मेयर चुनाव में मतदान नहीं कर पाएंगे। जबकि भाजपा नियम को ताक पर रख कर मत दिलाने के लिए अड़ी हुई थी।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मेयर चुनाव पर उच्चतम न्यायालय के आदेश को ‘लोकतंत्र की जीत’ करार दिया। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि न्यायालय का आदेश यह साबित करता है कि उपराज्यपाल और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोनों ‘अवैध और असंवैधानिक आदेश’ दे रहे थे। मेयर का चुनाव कराने के लिए सदन की बैठक बुलाने की नयी तारीख के प्रस्ताव वाला एक पत्र उपराज्यपाल को आज शनिवार शाम तक भेजे जाने की उम्मीद है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। क्योंकि कोर्ट ने 24 घंटे मे अधिसूचना जारी करने को कहा।

छह जनवरी के बाद से नवनिर्वाचित निगम के तीन बार नया मेयर चुनने में विफल रहने के बाद शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय ने मेयर डिप्टी मेयर, स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की तारीख तय करने के लिए एमसीडी की पहली बैठक बुलाने को लेकर 24 घंटे के भीतर नोटिस जारी करने का आदेश दिया।

चार दिसंबर को हुए निगम चुनावों के दो महीने के अंतराल और सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के बीच राजनीतिक घमासान के बाद, दिल्ली में जल्द महापौर का चुनाव होगा। शीर्ष अदालत के आदेश से महापौर चुनाव कराने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली नगर निगम के मनोनीत सदस्य मेयर के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला की पीठ ने निर्देश दिया कि दिल्ली के मेयर का चुनाव निगम की पहली बैठक में कराया जाएगा और मेयर के निर्वाचन के बाद वह डिप्टी मेयर के चुनाव की अध्यक्षता करेंगे।

केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘उच्चतम न्यायालय का आदेश जनतंत्र की जीत। उच्चतम न्यायालय का बहुत बहुत शुक्रिया। ढाई महीने बाद अब दिल्ली को मेयर मिलेगा। ये साबित हो गया कि उपराज्यपाल और भाजपा मिलकर आये दिन दिल्ली में कैसे ग़ैरक़ानूनी और असंवैधानिक आदेश पारित कर रहे हैं।’

दिल्ली नगर निगम अधिनियम, 1957 के अनुसार, निगम चुनावों के बाद सदन के पहले ही सत्र में महापौर और उप महापौर का चुनाव किया जाना है। हालांकि चुनाव हुए दो महीने से ज्यादा हो चुके हैं।

उच्चतम न्यायालय का आदेश दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से मेयर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय की याचिका पर आया है, जिसमें यह चुनाव जल्द से जल्द कराने का अनुरोध किया गया था।

एमसीडी के सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि महापौर और अन्य पदों के लिए चुनाव कराने के संबंध में निगम के सदन की बैठक की नयी तारीख का प्रस्ताव वाला एक पत्र उपराज्यपाल को शनिवार शाम तक भेजे जाने की संभावना है।

आप ने 134 वार्ड में जीत के साथ एमसीडी में भाजपा के 15 साल के शासन को समाप्त कर दिया। भाजपा 104 वार्ड जीतकर दूसरा स्थान पर रही, जबकि कांग्रेस ने 250 सदस्यीय सदन में नौ सीट पर जीत हासिल की।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

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