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अदालत ने पत्रकार मोहम्मद ज़ुबैर की पुलिस हिरासत चार दिन बढ़ाई

पुलिस ने जुबैर की हिरासत में पूछताछ की एक दिन की अवधि समाप्त होने के बाद उसे मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवरिया के समक्ष पेश किया।
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नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को धार्मिक भावनाओं को आहत करने और दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में दिल्ली पुलिस द्वारा कल गिरफ्तार किए जाने के बाद उन्हें चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।

दिल्ली पुलिस ने ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को कथित तौर पर एक हिंदू देवता के खिलाफ 2018 में ‘आपत्तिजनक ट्वीट’ करने से जुड़े मामले में मंगलवार को यहां एक अदालत में पेश किया था।

सीएमएम स्निग्धा सरवरिया ने मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जुबैर "जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और ट्वीट करने के लिए इस्तेमाल किए गए उकरणों की रिकवरी अभी बाकी है।

आदेश में सरवारिया ने कहा कि, "विवादित ट्वीट पोस्ट करने के लिए ज़ुबैर द्वारा इस्तेमाल किया गया मोबाइल फोन/लैपटॉप की उनके बैंगलोर स्थित आवास से बरामद किया जाना बाकी है और जुबैर असहयोगी बने हुए हैं। क्योंकि आरोपी को बैंगलोर ले जाना बाकी है इसलिए उन्हें 4 दिन की पुलिस कस्टडी पर भेजा जाता है।"

पुलिस ने जुबैर की हिरासत में पूछताछ की एक दिन की अवधि समाप्त होने के बाद उसे मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवरिया के समक्ष पेश किया।

एडवोकेट वृंदा ग्रोवर ने अदालत में जुबैर की पैरवी की। दिल्ली पुलिस ने मोहम्मद जुबैर की 5 दिन की और रिमांड मांगी थी। पुलिस अदालत को बताया कि ज़ुबैर के खिलाफ अलग-अलग मामलों में अन्य FIR भी दर्ज हैं। 

ग्रोवर ने अदालत को बताया कि खुद एफआईआर 194/2020 में दिल्ली पुलिस द्वारा दायर स्टेटस रिपोर्ट कहती है कि जांच में उनका ट्वीट आपत्तिजनक नहीं पाए गए हैं। लेकिन सोमवार को पुलिस ने इसी मामले में उन्हें नोटिस देकर जांच में शामिल होने के लिए कहा था।

जुबैर ने अदालत के सामने दलील रखी  कि उन्हें  जिस फोटो को ट्वीट करने के लिए गिरफ्तार किया गया और जिसके लिए रिमांड बढ़ाने के लिए पुलिस इतनी बेताब है, वो एक हिंदी सिनेमा की प्रसिद्ध फिल्म का दृश्य है। उसे कई दूसरे लोगों ने भी शेयर किया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने फोटो के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की है और यह दृश्य ऋषिकेश मुखर्जी की मशहूर फिल्म 'किसी से न कहना' की है जो 1983 में बनी थी।

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