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दिल्ली पुलिस ने ज़ुबैर को अदालत में किया पेश; कहा- अब पूछताछ की नहीं है ज़रूरत

पुलिस ने मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवरिया से कहा कि हिरासत में लेकर अब उनसे पूछताछ की जरूरत नहीं है। पुलिस की इस अर्जी के बाद ज़ुबैर ने अदालत में ज़मानत याचिका दायर की।
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नई दिल्ली: फ़ैक्ट चेकिंग करने वाली वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ AltNews के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को आज  शनिवार को दिल्ली पुलिस ने एक अदालत के समक्ष पेश किया और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे जाने का अनुरोध किया। 2018 में कथित ‘‘आपत्तिजनक ट्वीट’’की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) यूनिट ने गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस के मुताबिक उनके ऊपर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप है।

शनिवार को ज़ुबैर के पांच दिन की हिरासत की अवधि समाप्त होने पर अदालत में पेश किया गया।  जहाँ पुलिस ने मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवरिया से कहा कि हिरासत में लेकर अब उनसे पूछताछ की जरूरत नहीं है।

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हालंकि इस बीच ज़ुबैर केस में दिल्ली पुलिस ने FIR में तीन और धाराएं जोड़ दी है। इसमें सबूत मिटाने, साज़िश रचने और  विदेश  से चंदा लेने का आरोप भी लगया गया है। पुलिस की इस अर्जी के बाद ज़ुबैर ने अदालत में जमानत याचिका दायर की।

अदालत संभवत: जल्द ही जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी।

जुबैर की वकील वृंदा ग्रोवर ने अदालत से कहा कि पुलिस द्वारा जब्त किया गया फोन उस समय का नहीं है, जब उन्होंने ट्वीट किया था।

उन्होंने कहा, ‘‘ट्वीट 2018 का है और यह फोन मैं (जुबैर) इस समय इस्तेमाल कर रहा हूं। मैंने ट्वीट करने से इनकार भी नहीं किया है।’’

जुबैर के खिलाफ शुरुआत में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 153 (दंगा करने के इरादे से जानबूझकर भड़काना) और 295 (किसी वर्ग के धर्म का अपमान करने के इरादे से पूजा स्थल को नुकसान पहुंचाना या अपवित्र करना) के तहत मामला दर्ज किया गया था। बाद में उनके खिलाफ 295ए (धार्मिक भावनाओं को आहत करने के उद्देश्य से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करना) के तहत भी मामला दर्ज किया गया था।

आपको बता दें कि हाल ही में  मोहम्मद ज़ुबैर ने ही एक टीवी बहस की एक क्लिप पोस्ट कर पैगंबर मुहम्मद पर बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा की टिप्पणी को देश के सामने उजागर किया था, जिसके बाद नूपुर को पार्टी से सस्पेन्ड भी कर दिया गया था।

पुलिस ने गिरफ़्तारी के बाद जानकारी दी है कि इस महीने ज़ुबैर के खिलाफ आईपीसी की धारा 153-ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 295-ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से किया गया दुर्भावनापूर्ण कृत्य) के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। पुलिस ने रिपोर्ट एक व्यक्ति की शिकायत पर दर्ज की थी जब उसने ज़ुबैर पर उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया था और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की थी।

आपको यहां यह भी बता दें कि ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर और संस्थापक प्रतीक सिन्हा को शांति अनुसंधान संस्थान ओस्लो (PRIO) ने नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अपनी वार्षिक शॉर्टलिस्ट में नामित किया था।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

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