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उत्तराखंड में भाजपा सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में बिजली-पानी महंगा, शराब सस्ती: विपक्ष

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष करन माहरा ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में प्रदेश की हालत अजीब हो गयी है जहां शराब सस्ती हो रही है लेकिन बिजली-पानी महंगा हो रहा है।
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उत्तराखंड में विपक्षी दलों ने बिजली और पानी की दरों में प्रस्तावित वृद्धि तथा शराब की कीमतों में कमी को लेकर बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पुष्कर सिंह धामी सरकार की आलोचना की।

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष करन माहरा ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में प्रदेश की हालत अजीब हो गयी है जहां शराब सस्ती हो रही है लेकिन बिजली-पानी महंगा हो रहा है।

उन्होंने कहा, “सरकार हमारे प्रदेश में गैस आधारित बिजली उत्पादन करने वाली निजी कंपनियों को बिना एक यूनिट बिजली पैदा किए सैकड़ों करोड़ रुपये दे रही है। बिजली की रोस्टिंग भी कर रही है और एक वर्ष के अंदर तीसरी बार बिजली की कीमतें बढ़ाकर उपभोक्ताओं पर बोझ डाल रही है।”

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार 'घर-घर नल, घर-घर जल' के तहत सरकार ने नल तो लगा दिए लेकिन उनमें आठ-आठ दिन तक पानी नहीं आता जबकि उपभोक्ताओं को 200 से 300 रुपये तक के बिल दिए जा रहे हैं।

शराब के एक ब्रांड का नाम लेते हुए उन्होंने कहा, 'हमारे प्रदेश में अब नया नारा चल पड़ा है-'ब्लैंडर (शराब) सस्ता, सिलेंडर (रसोई गैस) महंगा'

माहरा ने सरकार की गन्ने के समर्थन मूल्य में इस बार कोई वृद्धि नहीं करने के लिए भी आलोचना की और कहा कि इससे किसान आहत हैं।

आम आदमी पार्टी (आप) ने भी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार जश्न मनाने में डूबी हुई है जबकि आम जनता महंगाई की मार से जूझ रही है।

‘आप’ के प्रदेश संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट ने यहां जारी एक बयान में कहा कि 2017 से अब तक 77,000 करोड़ रू का कर्ज प्रदेश पर लाद दिया गया है और प्रदेश की जनता महंगाई के बोझ तले कराह रही है।

उन्होंने कहा, “सरकार बिजली, पानी के दाम बढ़ाती जा रही है। रसोई गैस सिलेंडर, खाद्य सामग्री के दाम बढ़ाकर उन्होंने गरीब के जलते चूल्हे पर पानी डालने का काम किया है। इसके अलावा, सरकार ने नयी आबकारी नीति में शराब के दाम घटाने का फैसला करके युवा पीढ़ी को नशे का शिकार बनाने का अपराध किया है।'

उत्तराखंड में एक अप्रैल से उपभोक्तओं को बिजली और पानी के लिये जेबें अधिक ढीली करनी होंगी।

सरकारी सूत्रों ने बताया कि प्रदेश में बिजली की दरों में 12 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी के उत्तराखंड उर्जा निगम के प्रस्ताव को विद्युत नियामक आयोग के इस सप्ताह होने वाली अपनी बैठक में मंजूरी दे सकता है। इससे प्रदेश के 27.50 लाख उपभोक्ता प्रभावित होंगे।

दूसरी तरफ, उत्तराखंड जल संस्थान ने सरकार से पानी की दरों में 15 फीसदी वृद्धि करने की मंजूरी ले ली है। इससे पहली अप्रैल से प्रदेश भर में पानी प्रति तिमाही 150 से 200 रुपये मंहगा हो जाएगा। 

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