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इथियोपिया और सूडान के अधिकारियों की सीमा-संघर्ष की पृष्ठभूमि में सीमा निर्धारण वार्ता संपन्न

15 दिसंबर को इथियोपियाई सैनिकों द्वारा सूडानी सेना के गश्ती दल पर हमले के एक सप्ताह बाद भूमि की सीमा निर्धारण करने के लिए दोनों पक्षों के बीच बैठक हुई।
इथियोपिया और सूडान के अधिकारियों की सीमा-संघर्ष की पृष्ठभूमि में सीमा निर्धारण वार्ता संपन्न

सूडान और इथियोपिया के बीच सीमा पर हाल ही में हुई झड़पों की पृष्ठभूमि में दोनों देशों के बीच 1,600 किलोमीटर लंबी सीमा के निर्धारण के लिए वार्ता बुधवार 23 दिसंबर को संपन्न हुई। इथियोपिया उत्तरी प्रांत टिग्रे में सशस्त्र संघर्ष में फंसा है।

सूडान की राजधानी खार्तूम में आयोजित दो दिवसीय बैठक में इथियोपिया के विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री डेमेके मेकोनेन प्रभारी कैबिनेट मंत्री उमर मनीस के नेतृत्व में सूडान के प्रतिनिधिमंडल से मिले।

दोनों देशों ने स्थानीय निवासियों और किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए सीमा निर्धारण मुद्दों को हल करने पर सहमति व्यक्त की। इस वार्ता ने दोनों देशों के बीच मौजूदा सीमा समझौतों का पालन करने और झड़पों से बचने की आवश्यकता पर जोर दिया।

इस बैठक के लिए विशेष आग्रह मान लिया गया था क्योंकि 15 दिसंबर को सीमा पर इथियोपियाई सैनिकों ने सूडानी गश्ती दल पर हमला करने के केवल एक हफ्ते के बाद हुआ था। इस हमले में एक अधिकारी समेत तीन सैनिकों की मौत हो गई थी और अन्य 20 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

अल तेय्यूर क्षेत्र जहां 15 दिसंबर को सूडान के सैनिकों पर अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर संघर्ष के बढ़ने के क्रम में हमला हुआ था वह टिगरे की पश्चिमी सीमा पर पूर्वी सूडानी राज्य एल गेडारेफ में अल फाशगा क्षेत्र के भीतर है।

अल फाशगा क्षेत्र जो लगभग 600 वर्ग किलोमीटर है वह सूडान की सबसे उपजाऊ भूमि है जिसे 1902 में इसके तत्कालीन उपनिवेशक ब्रिटेन द्वारा इसके मानचित्र में शामिल किया गया था। हालांकि, दोनों देश इस भूमि का सीमांकन करने में कभी भी सफल नहीं हुए।

हालांकि इथियोपियाई संघीय सरकार ने यह दावा कभी नहीं किया कि अल फाशगा का क्षेत्र सूडान में है। मुख्य रूप से अमहारन मूल के बड़ी संख्या में इथियोपियाई किसान इस क्षेत्र में बसे हुए हैं। अमहारन टिग्रे प्रांत के दक्षिण में हैं। अमहारन मिलिशिया विद्रोही टिग्रे पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट (टीपीएलएफ) के खिलाफ अपने युद्ध में संघीय सैनिकों का समर्थन कर रहे हैं।

इथियोपिया की संसदीय समिति का आरोप है कि सूडान द्वारा टीपीएलएफ को समर्थन करने से ये स्थिति और जटिल हो गई। इस समिति का गठन टिग्रे में घोषित इमर्जेंसी की स्थिति पर नजर रखने के लिए नियुक्त किया गया था।

इथियोपियाई संघीय सरकार के मेकले के नियंत्रण के बाद जीत के दावे के बावजूद ऐसा लगता है कि लड़ाई खत्म नहीं हुई है। रिपोर्टों से पता चलता है कि टीपीएलएफ का नेतृत्व बरकरार है और इसकी सेना पहाड़ों से पीछे हट गई है जहां से टिग्रे के विभिन्न हिस्सों में संघीय सैनिकों और अमराहन मिलिशिया के साथ टकराव में यह हमले करता है।

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