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फ़्रांस : संकटग्रस्त विश्वविद्यालय के छात्रों ने सरकार से मदद की मांग की

फ़्रांस भर में ऑनलाइन कक्षाओं तक सीमित और पार्ट टाइम नौकरियों से अपनी आय और छात्रवृत्ति से वंचित विश्वविद्यालय के छात्र भारी वित्तीय, शैक्षणिक और मनोवैज्ञानिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।
फ़्रांस

सरकार से COVID-19 प्रतिबंधों से प्रभावित अपने पीड़ित साथियों की मदद के लिए ठोस कार्रवाई की मांग करते हुए बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के छात्रों ने पेरिस, लिली,बोर्डोक्स, रेनेस सहित फ्रांस के प्रमुख शहरों में रैली निकाली। पेरिस में बैनर लिए प्रदर्शनकारियों ने शिक्षा मंत्रालय तक मार्च किया। इन बैनरों पर लिखा था, 'वी विल नॉट बी दी सैक्रीफाइस्ड जेनरेशन'। इस रैली का आह्वान छात्रों की यूनियनों यूनियन ऑफ कम्युनिस्ट स्टूडेंट्स (यूईसी), नेशनल यूनियन ऑफ स्टूडेंट्स ऑफ फ्रांस(यूएनईएफ), स्टूडेंट्स सॉलिडैरिटी और यंग कम्युनिस्ट मूवमेंट ऑफ फ्रांस (एमजेसीएफ), यंग रिबेल्स, यंग इकोलॉजिस्ट आदि ने किया था।

नाराज़ छात्रों को नाराजगी दूर करने के लिए 21 जनवरी को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने पेरिस-सैकले विश्वविद्यालय में एक बैठक की। इस बैठक में मैक्रोन ने कहा है कि "शैक्षणिक वर्ष के दूसरे सेमेस्टर में सामान्य स्थिति का लौटना संभव नहीं है और हमें गर्मी तक स्वास्थ्य संबंधी नियमों के साथ ही रहना होगा"। उन्होंने यह भी कहा कि वह चाहते हैं कि युवा सप्ताह में एक दिन विश्वविद्यालय जा सकें और जरूरत पड़ने पर सभी छात्रों के लिए विश्वविद्यालय के रेस्तरां में एक यूरो में एक दिन में दो वक्त का भोजन देने का वादा किया। फ्रांस भर में विश्वविद्यालय के छात्र - ऑनलाइन कक्षाओं तक सीमित हैं और पार्ट टाइम नौकरियों से अपनी आय और छात्रवृत्ति से वंचित हैं -गंभीर वित्तीय, शैक्षणिक और मनोवैज्ञानिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।

बुधवार को नेशनल यूनियन ऑफ स्टूडेंट्स ऑफ फ्रांस (यूएनईएफ) के अध्यक्ष मेलैनी लूसे ने मीडिया को बताया कि "असुरक्षा चरम पर है और यह अब हम तक पहुंच रही है। हमें अब सिर्फ जवाब चाहिए, छह महीने में नहीं, पांच साल में नहीं जो वे हमेशा हमसे वादा कर रहे हैं।”

इस लामबंदी को लेकर यूनियन ऑफ कम्युनिस्ट स्टूडेंट्स (यूईसी) के राष्ट्रीय सचिव अनैस फ्ले ने क्लार्टे में कहा है कि "अधिकारियों को छात्रों द्वारा सामना की जाने वाली समस्याओं की अनदेखी करना बंद करना चाहिए"। लॉकडाउन की शुरुआत के बाद से यूईसी छात्रों के लिए आय की मांग कर रहा है जो सोशल सिक्योरिटी द्वारा वित्तपोषित है।

छात्र/युवा प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि वे 26 जनवरी को छात्रों और शिक्षकों के एक बड़े राष्ट्रव्यापी आंदोलन का आयोजन करेंगे और 4 फरवरी को ट्रेड यूनियनों द्वारा राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल में शामिल होंगे।

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