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गुजरात चुनावः उच्च शिक्षा के दावे और सच्चाई

प्रधानमंत्री मोदी सिर्फ़ एक आंकड़ा बता रहे हैं ताकि माहौल बनाया जा सके, पूरी जानकारी नहीं दे रहे हैं। आइए करते हैं पड़ताल
gujrat students

24 नवंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के बावला शहर में एक चुनावी रैली को संबोधित किया। इस 'विजय संकल्प सम्मेलन' में बोलते हुए उन्होंने गुजरात में उच्च शिक्षा के बारे में कई दावे किए।

उन्होंने कहा कि “20 साल पहले अहमदाबाद में केवल एक विश्वविद्यालय था जबकि आज अहमदाबाद में 23 विश्वविद्यालय हैं।” गुजरात भाजपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस कथन को ट्वीट भी किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी सिर्फ ये आंकड़ा बता रहे हैं ताकि माहौल बनाया जा सके, पूरी जानकारी नहीं दे रहे हैं। ये नहीं बता रहे कि इन विश्वविद्यालयों की स्थिति क्या है? इनमें से कितने प्राइवेट विश्वविद्यालय हैं? नैक टीम का गुजरात के विश्वविद्यालयों के बारे में क्या कहना है?

आइये, पड़ताल करते हैं कि इस दावे में कितनी सच्चाई है और आंकड़ों की पीछे की कहानी क्या है?

अहमदाबाद स्थित विश्वविद्यालयों का ब्योरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि अहमदाबाद में 23 विश्वविद्यालय हैं। जब हमने यूजीसी की वेबसाइट पर खोजबीन की तो पाया कि अहमदाबाद में 22 विश्वविद्यालय हैं। ये आंकड़ा 25 नवंबर 2022 तक का है यानी अपडेटेड है। लेकिन ये आंकड़ा गुजरात में उच्च शिक्षा की पूरी कहानी बयां नहीं करता। मोदी जी ने भी पूरी बात नहीं बताई है।

असल में इन 22 विश्वविद्यालयों में से 15 प्राइवेट यूनिवर्सिटी हैं और 1 डीम्ड यूनिवर्सिटी है। अहमदाबाद में केवल 6 स्टेट यूनिवर्सिटी हैं। यानी अहमदाबाद में 72% निजी विश्वविद्यालय हैं। तो क्या प्रधानमंत्री निजी विश्वविद्यालयों को भी सरकारी उपलब्धि में शामिल कर रहे हैं? निजी विश्वविद्यालयों की ये भरमार सिर्फ अहमदाबाद में नहीं है बल्कि पूरे गुजरात में निजी विश्वविद्यालय तेजी से फल-फूल रहे हैं।

यूजीसी के अनुसार गुजरात में कुल 94 विश्वविद्यालय हैं जिनमें से 63 निजी विश्वविद्यालय हैं। यानी लगभग 67% निजी विश्वविद्यालय हैं। अब सवाल उठता है कि प्रधानमंत्री मोदी जिसे उच्च शिक्षा के विकास के मॉडल की तरह पेश कर रहे हैं, वो उच्च शिक्षा के विकास का मॉडल है या उच्च शिक्षा के निजीकरण का?

गुजरात विश्वविद्यालयों के बारे में नैक की राय

नैक यानी राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद, यूजीसी की एक स्वायत संस्था है। ये संस्था यानी नैक कॉलेज एवं विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन करती है और उनको उसके हिसाब से ग्रेड जारी करती है। मूल्यांकन के दौरान शिक्षा की गुणवत्ता से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर आदि तक बहुत सी बातों का मूल्यांकन किया जाता है और उसके बाद नैक उस उच्च शिक्षण संस्थान को ग्रेड प्रदान करती है।

नैक की नवंबर 2021 की रिपोर्ट के अनुसार गुजरात की मात्र 17% स्टेट प्राइवेट यूनिवर्सिटी का ही मूल्यांकन किया गया है। ऐसा इसलिये है कि राज्य के ज्यादातर निजी विश्वविद्यालय नये हैं और अभी मूल्यांकन के मापदंड भी पूरे नहीं कर पाए हैं।

कुल मिलाकर इससे पता चलता है कि गुजरात में उच्च शिक्षा की स्थिति क्या है। मोदी जी जिसे विकास के मॉडल की तरह पेश कर रहे हैं वो असल में उच्च शिक्षा के निजीकरण का मॉडल है। इन निजी विश्वविद्यालयों की स्थिति ये है कि अभी नैक मूल्यांकन के मापदंड भी पूरे नहीं कर पा रही हैं कि इनका मूल्यांकन किया जा सके।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। आप सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते हैं।)

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