Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

हंसराज कॉलेज नॉनवेज विवाद : "खाना तो बहाना है, छात्रों को बस एक ही सांचे में ढालना है"

हंसराज कॉलेज में नॉनवेज पर लगी रोक को हटाने को लेकर SFI ने प्रदर्शन कर कॉलेज प्रिंसिपल को ज्ञापन सौंपा लेकिन प्रिसिंपल ने कहा कि फ़ैसला वापस नहीं लिया जाएगा।
Hansraj College

एसएफआई के छात्रों ने हंसराज कॉलेज की कैंटीन के मेनू से हटाए गए नॉनवेज को फिर से शुरू करने की मांग करते हुए शुक्रवार को प्रदर्शन किया और कॉलेज के प्रिंसिपल को एक ज्ञापन सौंपा। कॉलेज के गेट के पास प्रदर्शन कर रहे कुछ छात्रों को पुलिस ने अपनी हिरासत में लिया लेकिन उन्हें बाद में छोड़ दिया गया। छात्रों का आरोप है कि पुलिस जबरन उन्हें वहां से ले गई जिससे कुछ छात्रों को चोटें आई हैं। कॉलेज के गेट के बाहर प्रदर्शन कर रहे एसएफआई के छात्रों का आरोप है कि गेट के अंदर से कुछ छात्रों ने हमलोगों के प्रदर्शन के विरोध में नारेबाज़ी की और उन्होंने पानी और थूक फेंके। उनका कहना है कि कॉलेज के भीतर से जो छात्र हमारे ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की वे एबीवीपी से जुड़े हैं।


एसएफआई से जुड़े छात्रों कहना है कि, ''अंदर 'जय श्री राम' के नारे लग रहे हैं, 'भारत छोड़ों' के नारे लग रहे हैं, यहां हम शांति से प्रोटेस्ट कर रहे हैं, नारेबाज़ी कर रहे हैं, हम बात कर रहे हैं, मेमोरेंडम अंदर देने जा रहे हैं, और यहां हमें हिंसक तरीक़े से (पुलिस ने) उठाया है। उनका कहना है कि हमारे कॉलेज ( हंसराज) में कोविड से पहले नॉनवेज मिलता था, कैंटीन में अंडा मिलता था और हॉस्टल में हफ़्ते में तीन दिन नॉनवेज का ऑप्शन था जिसे बिना किसी नोटिस के और छात्रों से बात किए बिना बंद कर दिया गया है, और जब 12 एप्लीकेशन दिए गए तब भी कॉलेज प्रिंसिपल रमा शर्मा ने कुछ नहीं किया उल्टा आकर हमें कहा कि ''90 फ़ीसदी छात्र शाकाहारी हैं''। छात्रों का कहना है कि हमने (SFI) अपना सर्वे किया हमें पता चला था कि 75 फ़ीसदी छात्र नॉनवेजिटेरियन हैं। नाराज़ छात्रों का कहना है कि, अगर हंसराज कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय के अधीन है और अपने आप को पब्लिक इंस्टिट्यूशन कहता है, तो यह क्यों कहता है? भारत में ज़्यादातर लोग नॉन वेजिटेरियन हैं, हमारे ऊपर वेजिटेरिज़्म क्यों थोपना है इन लोगों को?

ये कहना है स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इंडिया ( SFI) की कार्यकर्ता समा का, शुक्रवार दोपहर क़रीब डेढ़ बजे SFI के कार्यकर्ता हंसराज हॉस्टल पहुंचे। ये लोग हॉस्टल प्रशासन को एक ज्ञापन (मेमोरेंडम) देने पहुंचे थे। छात्रों का आरोप है कि कोरोना वायरस महामारी के बाद पिछले साल फ़रवरी में जब कॉलेज खुला तो कैंटीन और हॉस्टल के मेन्यू में बदलाव कर दिया गया था और हॉस्टल में नॉनवेज नहीं दिया जा रहा था( जो कि पहले दिया जाता था)। इसको लेकर बार-बार कॉलेज की प्रिंसिपल को एप्लीकेशन दी जा रही थी लेकिन फिर भी कोई सुनवाई नहीं हुई जिसके बाद SFI हॉस्टल प्रशासन को एक ज्ञापन देने पहुंचा तो हॉस्टल का गेट नहीं खोला गया।

गेट न खुलने पर छात्रों का प्रदर्शन

गेट न खुलने पर SFI के छात्रों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। एसएफआई के छात्रों ने नारेबाज़ी की जिसके जवाब में गेट के अंदर से भी कुछ छात्रों ने नारेबाज़ी की। SFI का आरोप है कि अंदर जो छात्र नारेबाज़ी कर रहे थे वो ABVP के छात्र थे और वो उकसावे वाले नारेबाज़ी कर रहे थे। दोनों तरफ़ से होती नारेबाज़ी से माहौल गर्माने लगा और पुलिस ने SFI के छात्रों को प्रदर्शन बंद करने की अपील की लेकिन छात्र मानने को तैयार नहीं थे और वे हॉस्टल प्रशासन को ज्ञापन देने पर अड़े थे।

हिरासत में लिए गए छात्र

पुलिस ने SFI के छात्रों को गेट से हटाने की कोशिश की तो गुस्साए छात्रों ने हटने से इनकार कर दिया। इस दौरान कुछ छात्रों ने हॉस्टल के अंदर जाने की कोशिश की लेकिन उन्हें नहीं जाने दिया गया। आरोप है कि SFI के छात्रों को गेट से हटाने के लिए हॉस्टल के अंदर जमा कुछ छात्रों (जिन्हें ABVP का बताया जा रहा था) ने उन पर पानी और थूक फेंका। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों को गेट से जबरन हटाया। इस दौरान कुछ छात्राओं को हल्की चोट भी आईं। 15 से 20 छात्रों को घसीटते हुए बसों में बैठाया गया। हिरासत में लिए गए एक छात्र ने न्यूज़क्लिक से कहा कि, ''हंसराज में नॉनवेज को बैन कर दिया गया है। कितने भी प्रतिशत छात्र वेज खाएं या नॉनवेज ये उनका अधिकार है, ये उनका मन है।"

उनका कहना है कि, "कॉलेज का भगवाकरण किया जा रहा है। हंसराज कॉलेज धर्म के आधार पर नहीं चल सकता है। ये देश धर्म निरपेक्ष है।''

छात्रों ने ये भी आरोप लगाया कि हंसराज गेट के अंदर से लगातार उकसाने के नारे लगाए जा रहे थे। पुलिस ने उन्हें कुछ नहीं कहा। इसके उलट पुलिस ज्ञापन देने पहुंचे छात्रों को ही उठाकर ले जा रही है। 

पीटीआई के मुताबिक़ डीसीपी (नॉर्थ) सागर सिंह ने बताया कि हिरासत में लिए गए छात्रों को बाद में छोड़ दिया गया।

आख़िरकार हॉस्टल प्रशासन ने ज्ञापन ले लिया

कुछ छात्रों को भले ही पुलिस हिरासत में ले गई वहीं कुछ छात्रों ने अपना प्रदर्शन जारी रखा और शाम होते होते SFI के दो छात्रों समा और अमन को बातचीत के लिए अंदर बुलाया गया। दोनों छात्रों के मुताबिक़ भले ही ज्ञापन ले लिया गया हो लेकिन इस बात का कोई आश्वासन नहीं दिया गया कि कॉलेज में फिर से नॉनवेज को परोसना शुरू किया जाएगा या नहीं। वहीं जब इन छात्रों ने पूछा कि किस आधार पर कॉलेज में नॉनवेज को बंद किया गया है तो उन्हें जवाब मिला कि 90 फ़ीसदी छात्र वेजिटेरियन हैं इसलिए ये क़दम उठाया गया है। वहीं जब इन दोनों छात्रों ने कॉलेज प्रशासन से पूछा कि क्या वो सर्वे पब्लिक डोमेन में जारी किया जा सकता है जिससे ये साफ हो जाए कि छात्रों से बात करने के बाद ये फ़ैसला लिया गया है। इसपर कॉलेज प्रशासन ने साफ़ इनकार कर दिया। हालांकि PTI के मुताबिक़ प्रिसिंपल ने ये साफ़ कर दिया है कि ये फ़ैसला वापस नहीं लिया जाएगा।

प्रदर्शन कर रहे छात्रों से आख़िरकार बातचीत कर ली गई लेकिन इस बातचीत का नतीजा क्या है ये तय करना मुश्किल है क्योंकि कॉलेज प्रशासन की तरफ़ से साफ़ कर दिया गया है कि नॉनवेज न परोसने का फैसला वापस नहीं लिया जाएगा। ऐसे में संदेश साफ़ था कि देश की राजनीति का असर स्कूल कॉलेज पर भी पड़ रहा है जहां एक ही पढ़ाई, एक ही तरफ का खाना खाने की ज़बरदस्ती थोपी जा रही है। ऐसे में जिस संस्थान में विविध तरीक़े की सोच-समझ को विकसित करने की जगह होनी चाहिए थी वहां एक ही सांचे में छात्रों को गढ़ने की कोशिश की जा रही है।

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest