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हरियाणा: कोरोना संकट के बीच क्या सीएम और डिप्टी सीएम राजनीति कर रहे हैं?

सैनिटाइजर बोतलों पर सीएम मनोहर लाल खट्टर और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या ये बीजेपी-जेजेपी का चुनावी प्रचार है?
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साभार : जनज्वार

“BJP-JJP को लग रहा है कि देश में बीमारी नहीं, उनकी चुनावी रैली चल रही है। बीमारी का इस्तेमाल अपने चेहरे चमकाने के लिए करना राजनीति का क्रूर चेहरा है। Sanitiser के बाद क्या मास्क पर नेता चिपकेंगे? ये बोतल बरसों तक लोगों को BJP-JJP की संवेदनहीनता याद दिलाएगी। समय राजनीति का नहीं सेवा का है।”

ये टिप्पणी कोरोना महामारी के बीच हरियाणा सरकार की सैनिटाइजर बोतलों पर लगी सीएम और डिप्टी सीएम की तस्वीर के साथ हरियाणा से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने एक ट्वीट में की है।

एक ओर देश में कोरोना संकट जारी है तो वहीं दूसरी ओर इस बीमारी के बीच राजनीति भी जमकर हो रही है। इस बीमारी से पार पाने के लिए लोग केंद्र और राज्य सरकारों के राहत कोष में पैसा दे रहे हैं, गरीबों की मदद कर रहे हैं। कई राज्यों और मंत्रालयों के तो सरकारी कर्मचारियों की तन्ख्वाह तक इस राहत फंड में जमा हो रही है लेकिन हैरानी है कि कई राजनेता इस कठिन परिस्थिति में भी राजनीति से बाज नहीं आ रहे।

हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी यानी बीजेपी-जेजेपी सरकार है। कोरोना वायरस के बचाव के लिए प्रदेश सरकार ने कुछ शराब बनाने वाली डिस्टलरी कंपनियों को हैंड सैनिटाइजर बनाने का लाइसेंस दिया। जिसके बाद जब सैनिटाइजर बन कर आए तो बवाल शुरू हो गया है। वजह सैनिटाइजर बोतलों पर सीएम मनोहर लाल खट्टर और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की फोटो है। विपक्ष इसे सस्ती राजनीति बता रहा है तो वहीं सीएम खट्टर साहब खुद राजनीति ना करने की सलाह दे रहे हैं।

क्या है पूरा मामला?

कोविड-19 से बचाव के मद्देनजर हैंड सैनिटाइजर की बढ़ती मांग को देखते हुए हरियाणा सरकार ने कुछ शराब फैक्ट्रियों को अल्कोहल बेस्ट सैनिटाइजर निर्माण करने के लिए कहा था। खबरों के अनुसार ये सैनिटाइजर गरीबों में और सरकार के अलग-अलग विभागों में कोरोना वायरस (Corona Virus) की रोकथाम के लिए बांटे जाने थे। लेकिन जैसे ही ये सेनिटाइजर बांटने के लिए तैयार हुए, उस पर सीएम मनोहर लाल और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की फोटो देखकर विवाद हो गया। सीएम और डिप्टी सीएम की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। जिस पर जमकर सरकार की आलोचना भी हुई। लेकिन मामले को संभालने की बजाय सीएम मनोहर लाल ने अपने ट्वीटर से नसीहत दे दी कि इस तरह के मामलों पर चर्चा नहीं होनी चाहिये।

उधर मामले क तूल पकड़ते ही विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी सरकार को आड़े हाथ ले लिया। उन्होंने कहा कि कम से कम इस मौके पर तो नेता अपनी राजनीति न चमकायें। देश और प्रदेश की जनता के लिए यह सबसे मुश्किल वक्त है। इस वक्त सरकार को जनता के साथ खड़ा होना चाहिए। लेकिन यहां तो राहत के नाम पर भी राजनीति हो रही है।

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी सैनिटाइजर की तस्वीर  ट्वीट करते हुए लिखा, “ये समय राजनीति का नहीं सेवा का है। आदरणीय खट्टर जी-दुष्यंत जी, क्या कोरोना वाइरस के कहर में आपको सस्ती राजनीति व स्वयंभू प्रचार से आगे कुछ नजर नहीं आता? त्रासदी देखी और सरकारी पैसे से भुनाना शुरू। इसीलिए जनता का विश्वास राजनीतिक तंत्र से उठ रहा है। विनम्र अनुरोध की इसे दुरुस्त करें।

सोशल मीडिया पर सैनिटाइजर बोतलों पर सीएम मनोहर लाल खट्टर और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की फोटो खूब वायरल हो रही है। लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या ये बीजेपी-जेजेपी का चुनावी प्रचार है?, क्या हरियाणा सरकार राहत फंड का इस्तेमाल अपनी राजनीति चमकाने के लिए कर रही है। कई लोगों ने इसे तुच्छ राजनीति करार दिया तो वहीं कुछ लोग इसका समर्थन भी करते नज़र आए।

इस मामले में यूथ फॉर चेंज के सदस्य सतेंद्र राणा ने मीडिया से बातचीत में कहा, “ये सभी के लिए एक मुश्किल समय है। कम से कम मनोहर लाल से यह उम्मीद नहीं थी। वह तो खुद को खासा संवेदनशील नेता दिखाने की कोशिश करते हैं, लेकिन इस मौके पर ऐसा करना उन्हें कतई शोभा नहीं देता।”

उन्होंने आगे कहा कि कोई और मौका होता तो शायद यह सब चल जाता, लेकिन इस वक्त तो हर कोई मदद के लिए सरकार की ओर ही देख रहा है। ऐसे में सीएम और डिप्टी सीएम का यह व्यवहार तो सामंती लग रहा है, जिससे ऐसा महसूस हो रहा है कि वह मदद नहीं, बल्कि खैरात बांट रहे हैं।

प्रदेश के सामाजिक कार्यकर्ता अशोक धनखड़ ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा, “ये समय राजनीति का नहीं है, बल्कि एकजुटता का है। मुख्यमंत्री को इस पर तुरंत लोगों से माफी मांगनी चाहिए, उन्हें जवाब देना चाहिए। ऐसा कैसे हो सकता है कि बीना सीएम कार्यालय को सूचित किए को सीएम की फोटो छाप देगा। यदि वह ऐसा नहीं करते तो यहीं माना जायेगा कि इस मुश्किल घड़ी भी वह सिर्फ और सिर्फ अपनी राजनीति ही चमका रहे हैं।”

न्यूज़क्लिक ने इस संबंध में हरियाणा सीएम कार्यालय से संपर्क करने की कोशिश की है। लेकिन खबर लिखे जाने तक हमें कोई जवाब नहीं प्राप्त हुआ है।

गौरतलब है कि हरियाणा में अब तक कुल कोरोना के 29 केस पॉजिटिव मिले हैं। जिसमें से 10 मरीज ठीक होकर वापस घर भी पहुंच गए हैं। लेकिन प्रदेश सरकार की ऐसी राजनीति इस समय किसी को रास नहीं आ रही है। आम जनता प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देखना चाहती है न कि राजनेताओं का प्रचार-प्रसार।

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