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भारत के कई राज्यों में जलवायु ख़तरों के कारण मानव निर्मित पर्यावरण को नुक़सान का उच्च जोखिम

यह पहली बार है जब दुनिया के हर राज्य, प्रांत और क्षेत्र की तुलना करते हुए विशेष रूप से निर्मित पर्यावरण पर केंद्रित एक भौतिक जलवायु जोखिम विश्लेषण किया गया है।
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प्रतीकात्मक तस्वीर। साभार: Urban Update

बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब सहित भारत के नौ राज्य दुनिया के शीर्ष 50 क्षेत्रों में शामिल हैं जहां जलवायु परिवर्तन के खतरों के कारण मानव निर्मित पर्यावरण को नुकसान का खतरा है।

एक नयी रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। यह रिपोर्ट सोमवार को प्रकाशित हुई है।

क्रॉस डिपेंडेंसी इनिशिएटिव (एक्सडीआई) ने 2050 में दुनिया भर के 2,600 से अधिक राज्यों और प्रांतों में मानव निर्मित पर्यावरण के लिए भौतिक जलवायु जोखिम का आकलन किया है। एक्सडीआई जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान का पता लगाने के लिए प्रतिबद्ध कंपनियों के एक समूह का हिस्सा है।

मनुष्य ने अपनी जरूरत के अनुसार अपने पर्यावरण में कई बदलाव किए हैं। मानव निर्मित पर्यावरण में हर वह वस्तु शामिल है, जिसका निर्माण इंसान ने किया है। मकान, भवन, हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशन, मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा, अस्पताल, आदि मानव निर्मित पर्यावरण के अंग हैं।

एक्सडीआई सकल घरेलू जलवायु जोखिम डेटा सेट ने इन क्षेत्रों की तुलना चरम मौसम और जलवायु परिवर्तन जैसे बाढ़, जंगल की आग, हीटवेव और समुद्र के स्तर में वृद्धि से इमारतों और संपत्तियों को नुकसान के मॉडल अनुमानों के अनुसार की।

इसमें चीन और भारत पर विशेष ध्यान दिया गया है। इस सूची में एशिया को उच्चतम खतरा है क्योंकि शीर्ष 200 क्षेत्रों में से आधे से अधिक (114) एशियाई क्षेत्र के हैं।

विश्लेषण के अनुसार, 2050 में शीर्ष 50 सबसे अधिक जोखिम वाले राज्यों और प्रांतों में से 80 प्रतिशत चीन, अमेरिका और भारत में हैं।

शीर्ष 50 राज्यों में चीन के बाद सबसे अधिक नौ राज्य भारत के हैं, जिनमें बिहार (22वां), उत्तर प्रदेश (25वां), असम (28वां), राजस्थान (32वां), तमिलनाडु (36वां), महाराष्ट्र (38), गुजरात (48), पंजाब (50) और केरल (52वां स्थान) शामिल हैं।

असम में मानव निर्मित पर्यावरण के लिए जलवायु जोखिम में 1990 की तुलना में 2050 तक अधिकतम 330 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी जाएगी।

शीर्ष 100 में पाकिस्तान के कई प्रांत भी हैं, जिनमें सिंध प्रांत भी शामिल है। जून और अगस्त 2022 के बीच विनाशकारी बाढ़ ने पाकिस्तान के 30 प्रतिशत क्षेत्र को प्रभावित किया और सिंध प्रांत में नौ लाख से अधिक घरों को आंशिक रूप से या पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया।

यह पहली बार है जब दुनिया के हर राज्य, प्रांत और क्षेत्र की तुलना करते हुए विशेष रूप से निर्मित पर्यावरण पर केंद्रित एक भौतिक जलवायु जोखिम विश्लेषण किया गया है।

क्षति जोखिम के लिए शीर्ष 100 में अत्यधिक विकसित और विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण एशियाई आर्थिक केंद्रों में बीजिंग, जकार्ता, हो चि मिन्ह सिटी, ताइवान और मुंबई शामिल हैं।

चीन में जोखिम वाले राज्य और प्रांत यांग्त्ज़ी और पर्ल नदियों के बाढ़ के मैदान और डेल्टा के साथ विश्व स्तर पर जुड़े पूर्व और दक्षिण में केंद्रित हैं।

अमेरिका में आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण कैलिफोर्निया, टेक्सास और फ्लोरिडा सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।

शीर्ष 50 में कई प्रांतों और राज्यों वाले अन्य देशों में ब्राजील, पाकिस्तान और इंडोनेशिया शामिल हैं। यूरोप में, उच्च रैंकिंग वाले राज्यों में लंदन, मिलान, म्यूनिख और वेनिस शहर शामिल हैं।

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