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ज्ञानवापी मामले में बार-बार समय मांगने पर जिला जज ने अंजुमन इंतजामिया कमेटी पर लगाया जुर्माना

ज्ञानवापी प्रकरण पर हो रही सुनवाई में गुरुवार को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से जवाबी बहस की जानी थी, लेकिन मुख्य अधिवक्ता अभय यादव के निधन से सुनवाई प्रभावित हुई। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने वरिष्ठ योगेंद्र सिंह को मुकदमा लड़ने के लिए दायित्व सौंपा है।  
Gyanvapi

वाराणसी के बहुचर्चित ज्ञानवापी मामले में दाखिल बाद की पोषणीयता पर जिला जज की अदालत ने गुरुवार को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी पर पांच सौ रुपये जुर्माना भी लगा दिया। इस मामले में बार-बार समय मांगे जाने से जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश नाराज हो गए। इस मामले की अगली सुनवाई अब 22 अगस्त को होगी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी दर्शन मामले में दाखिल वाद की पोषणीयता पर जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई हो रही है। 26 मई से शुरू सुनवाई में चार तिथियों पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की ओर से सिविल प्रक्रिया संहिता आदेश 07 नियम 11 (मेरिट) के तहत केस को खारिज करने लिए बहस की गई। इसके बाद वादी अधिवक्ताओं की ओर से बहस की गई है। 04 अगस्त 2022 को प्रतिवादी की ओर से दलीलों का जवाब दाखिल करना था। तारीख के दो दिन पहले हृदयगति रुकने के कारण प्रतिवादी अधिवक्ता अभयनाथ का निधन हो गया। इसके बाद चार अगस्त को कोर्ट से जवाब देने के लिए समय मांगा गया था।

महिला वादी पक्ष की दलील है कि ज्ञानवापी मस्जिद मामले में विशेष उपासना स्थल कानून 1991 लागू नहीं होता। दूसरी ओर, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि इस मामले में भी पूजा कानून लागू होता है। आजादी के समय धर्मस्थलों की जो स्थिति थी, उसमें बदलाव नहीं किया जा सकता है।

ज्ञानवापी प्रकरण पर हो रही सुनवाई में गुरुवार को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से जबाबी बहस की जानी थी, लेकिन मुख्य अधिवक्ता अभय यादव के निधन से सुनवाई प्रभावित हुई। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने वरिष्ठ योगेंद्र सिंह को मुकदमा लड़ने के लिए दायित्व सौंपा है।

करीब एक पखवारे बाद गुरुवार को दोबारा जिला जज की अदालत में इस मामले में सुनवाई शुरू हुई। बताया जा रहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद मामले को अदालत में देख रही मुस्लिम पक्ष की ओर से अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के मुख्‍य अधिवक्‍ता अभयनाथ यादव का निधन होने के बाद से ही मुस्लिम पक्ष के सामने असमंजस की स्थिति में है। इस लिहाज से अदालत से इस मामले की सुनवाई के लिए समय मांगा गया था। जिसपर अदालत ने लगभग पखवारे भर बाद 18 अगस्‍त का समय मुस्लिम पक्ष को दिया था।

उल्लेखनीय है कि अदालत में श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन की मांग को लेकर वादी राखी सिंह सहित पांच महिलाओं ने गुहार लगाई थी। इस मामले में सभी पक्षकारों ने अदालत के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत कर दिया है। वादी पक्ष की ओर से प्रस्तुत की गईं दलीलों पर मस्जिद पक्ष की ओर से आपत्ति दाखिल की जानी है। आज दोबारा समय मांगे जाने पर जिला जज ने अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी पर नाराज हो गए और पांच सौ रुपये का जुर्माना लगने के साथ ही सुनवाई की अगली तारीख 22 अगस्त तय कर दी।

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