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इज़रायलः गतिरोध समाप्त, नेतन्याहू और गैंट्ज़ के बीच 'यूनिटी गवर्नमेंट' बनाने को लेकर समझौता

इस समझौते में यह तय किया गया है कि नेतन्याहू पहले डेढ़ साल के लिए प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करेंगे, इसके बाद अगले डेढ़ साल के लिए गैंट्ज़ पीएम बनेंगे।
इज़रायल

एक साल से ज़्यादा समय से जारी राजनीतिक संकट को समाप्त करते हुए इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी व इजरायली सेना के पूर्व प्रमुख बेनी गैंट्ज सोमवार 20 अप्रैल को यूनिटी 'नेशनल इमर्जेंसी गवर्नमेंट' बनाने के लिए तैयार हो गए हैं। यह समझौता एक साल से भी कम समय में मार्च की शुरुआत में इज़़रायल के तीसरे आम चुनाव के बाद गहन बातचीत का नतीजा था।

इस समझौते के अनुसार, नेतन्याहू पहले डेढ़ साल तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करते रहेंगे इसके बाद गेंट्ज़ प्रधानमंत्री का पदभार संभालेंगे। इन तीन वर्षों के पूरा होने के बाद क्या होगा फिलहाल इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। नई सरकार दुनिया भर में फैले COVID-19 महामारी को देखते हुए पहले 6 महीनों के लिए 'आपातकालीन भूमिका' में काम करेगी। लंबी अवधि के लिए यूनिटी गवर्नमेंट की योजनाएं भविष्य के लिए के लिए तैयार की जा रही हैं।

नई यूनिटी गवर्नमेंट की घोषणा का मतलब है कि देश को एक साल से थोड़ा अधिक समय में लगातार चौथे आम चुनाव का सामना करना नहीं होगा। प्रधानमंत्री के रूप में नेतन्याहू के कार्यकाल के दौरान गेंट्ज़ इज़रायल के रक्षा मंत्री के रूप में काम करेंगे।

गैंट्ज़ की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी को प्रमुख विदेश मामलों सहित कैबिनेट के महत्वपूर्ण विभाग भी मिलेंगे और नेतन्याहू की लिकुड पार्टी के साथ समान रूप से विभाग भी आवंटित किए जाएंगे।

इस डील के अनुसार, नेतन्याहू को प्रमुख न्यायिक नियुक्तियां करने का अधिकार प्राप्त होगा। भ्रष्टाचार के तीन मामलों के आरोप में नेतन्याहू की आगामी ट्रायल के बावजूद एक सच्चाई यह है कि इसपर विश्लेषकों, राजनीतिक टिप्पणीकारों और साथ ही इजरायल के विपक्षी नेताओं का भी ध्यान है कि इस ट्रायल की कार्रवाई न्यायलय में ही होगी। इसलिए न्यायिक नियुक्तियों का अधिकार प्रमुख मांगों में से एक था जिसे नेतन्याहू ने यूनिटी गवर्नमेंट के गठन के लिए गैंट्ज़ के साथ बातचीत में आगे रखा था।

इस समझौते में आगे कहा गया है कि आपातकालीन शासन के पहले छह महीनों में कोरोनावायरस महामारी से संबंधित क़ानून को छोड़कर यूनिटी गवर्नमेंट किसी भी नए क़ानूनों को लागू नहीं करेगी। 21 अप्रैल तक इज़़रायल में कोरोनोवायरस के 13,883 मामले सामने आए हैं जबकि इससे मरने वालों की संख्या क़रीब 170 तक पहुंच गई है।

हालांकि, पहले छह महीनों के दौरान ग़ैर-कोरोनोवायरस कानूनों के नियम के अपवाद के तौर पर इज़रायली उपनिवेशीकरण, क्षेत्र को शामिल करने और फिलिस्तीनी भूमि पर क़ब्ज़े से संबंधित कानूनों को छूट दिया गया है। नेतन्याहू की योजना इस साल 1 जुलाई से शुरू होने वाले फिलिस्तीनी वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों को अवैध तरीक़े से क़ब्ज़ा करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ने की है।

यूनिटी गवर्नमेंट के गठन की ख़बर ने फिलिस्तीनी नेताओं और सरकारी अधिकारियों को चौंका दिया है। फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन के एक वरिष्ठ अधिकारी हनान अशरवी ने कहा कि फिलिस्तीनियों को “बहुत गंभीर, चुनौतीपूर्ण दिनों” का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने आगे कहा कि “यह न केवल फिलिस्तीन के लिए, इजरायल के लिए, इस क्षेत्र के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए बेहद ख़तरनाक है।”

साभार : पीपल्स डिस्पैच

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