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लखीमपुर खीरी हिंसा : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आशीष मिश्रा की ज़मानत याचिका ख़ारिज की

न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की पीठ ने कहा कि आशीष राजनीतिक रूप से इतना प्रभावशाली है कि वह गवाहों और मामले की सुनवाई को प्रभावित कर सकता है।
Ashish Mishra

लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। 
     
इस हिंसा में चार किसानों की मौत हो गई थी।
     
न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की पीठ ने कहा कि आशीष राजनीतिक रूप से इतना प्रभावशाली है कि वह गवाहों और मामले की सुनवाई को प्रभावित कर सकता है।
     
पीठ ने मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद 15 जुलाई को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
     
लखनऊ पीठ ने 10 फरवरी को आशीष को जमानत दे दी थी, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने इसे रद्द कर दिया था और उच्च न्यायालय को निर्देश दिया था कि वह पीड़ित पक्ष को पर्याप्त मौका देकर जमानत याचिका पर फैसला सुनाए। इसके बाद उच्च न्यायालय ने जमानत याचिका पर नए सिरे से सुनवाई की थी। 
     
मालूम हो कि पिछले साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया इलाके में अजय मिश्रा के गांव में एक कार्यक्रम में शिरकत करने जा रहे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का किसानों द्वारा विरोध किए जाने के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में आशीष मुख्य अभियुक्त है।

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