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मध्यप्रदेश उपचुनाव: सिंधिया को झटका, समर्थक इमरती देवी समेत 12 मंत्रियों में से 3 चुनाव हारे

चुनावी मैदान में उतरे सभी मंत्री ज्योतिरादित्य के समर्थक थे और सभी मार्च में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता और विधायक पद से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल हुए थे।
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मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर हुए उपचुनावों में भाजपा को भले ही 19 सीटों पर जीत हासिल हुई है, लेकिन परिणाम उसके लिए बिल्कुल सकारात्मक नहीं कहे जा सकते। इस उपचुनाव में कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी झटका लगा है। चुनावी मैदान में उतरे प्रदेश के 12 मंत्रियों में से तीन मंत्री चुनाव हार गये हैं। ये सभी मंत्री ज्योतिरादित्य के समर्थक हैं और सभी मार्च में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता और विधायक पद से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल हुए थे। सिंधिया की कट्टर समर्थक कही जाने वालीं प्रदेश सरकार में मंत्री इमरती देवी भी ग्वालियर जिले की डबरा सीट से चुनाव हार गईं।

भाजपा की उम्मीदवार इमरती देवी तब चर्चा में आई थीं जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने चुनाव प्रचार के दौरान एक चुनावी सभा में उनके लिए आपत्तिजनक  शब्द का प्रयोग किया था। कमलनाथ की इस टिप्पणी पर राजनीतिक हल्कों में काफी जुबानी जंग भी हुई थी।

चुनाव अधिकारी ने बताया कि कांग्रेस के उम्मीदवार सुरेश राजे ने डबरा से भाजपा उम्मीदवार इमरती देवी को 7,633 मतों के अंतर से पराजित किया है। इमरती देवी को 68,056 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंदी कांग्रेस के उम्मीदवार को 75,689 वोट मिले। बसपा उम्मीदवार संतोष गौड़ को 4,883 मत तथा नोटा के हिस्से में 1,690 वोट आए हैं।

 

विधानसभा चुनाव 2018 में डबरा सीट से इमरती देवी ने कांग्रेस उम्मीदवार के तौर भाजपा उम्मीदवार कप्तान सिंह को 57,446 वोटों से हराया था।

मालूम हो कि इमरती देवी सहित कांग्रेस के 22 विधायक मार्च में कांग्रेस की सदस्यता और विधायक पद से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल हो गये थे। इससे प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार अल्पमत में आकर गिर गयी। इसके बाद प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार बनी और कांग्रेस छोड़ने वाले अधिकांश सिंधिया समर्थकों को बिना चुनाव जीते सरकार में मंत्री बनाया गया।

मध्यप्रदेश की 28 सीटों पर 3 नवंबर को वोट डाले गए थे, जबकि मतगणना बिहार के साथ ही मंगलवार, 10 नवंबर को हुई।

इन उपचुनावों में चुनावी मैदान में उतरे प्रदेश के 12 मंत्रियों में से तीन मंत्री चुनाव हार गये हैं जबकि नौ मंत्री चुनाव जीतने में कामयाब रहे।

उपचुनाव के घोषित हुए परिणामों के अनुसार इमरती देवी के अलावा प्रदेश सरकार में सिंधिया समर्थक मंत्री गिर्राज दंडोतिया दिमनी से 26,467 वोटों के अंतर से चुनाव हार गये हैं। इसके अलावा एक अन्य मंत्री एदल सिंह कंषाना भी सुमावली सीट से 10,947 मतों से चुनाव हार गये हैं।

एदल सिंह कंषाना ने सुमावली सीट से कांग्रेस की टिकट पर इन्ही अजब सिंह कुशवाह को भाजपा प्रत्याशी के तौर पर 13,313 मतों से पराजित किया थाजिससे वह इस बार हार गये हैं। इस बार उपचुनाव में कुशवाह भाजपा छोड़ कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े हैं।

विधानसभा चुनाव 2018 में गिर्राज दंडोतिया ने दिमनी सीट से कांग्रेस की टिकट पर भाजपा के शिव मंगल सिंह तोमर को 18,477 मतों से पराजित किया था।

मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार में नौ मंत्री ओपीएस भदौरिया (मेहगांव)प्रद्यम्न सिंह तोमर (ग्वालियर)सुरेश धाकड़ (पोहरी)महेन्द्र सिंह सिसोदिया (बामोरी)ब्रजेन्द्र सिंह यादव (मुंगावली)डॉक्टर प्रभुराम चौधरी (सांची)राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव (बदनावर) (सभी सिंधिया समर्थक) तथा बिसाहूलाल सिंह (अनूपपुर)और हरदीप सिंह डंग (सुवासरा) से विजयी रहे।

वहीं गैर विधायक के तौर पर छह माह का मंत्री पद का कार्यकाल पूरा होने पर कुछ दिन पहले ही मंत्री पद से त्यागपत्र देने वाले सिंधिया के कट्टर समर्थक तुलसीराम सिलावट (सांवेर) अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से 53 हजार से अधिक मतों से जीत गए हैं। इसके अलावा गोविंद सिंह राजपूत सुरखी सीट से चुनाव जीत गये हैं।

मध्यप्रदेश में 28 सीटों के उपचुनाव में 12 मंत्रियों सहित 355 उम्मीदवार मैदान में थे। उपचुनाव में देर रात 12 बजे तक की मतगणना के अनुसार भाजपा को 49.46 प्रतिशतकांग्रेस को 40.49 फीसदबसपा को 5.75 तथा अन्य को 2.96 प्रतिशत मत मिले हैं।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

 

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