राहुल समेत कई विपक्षी नेताओं ने रक्षा कंपनी में ‘एलारा’ और अडानी समूह की हिस्सेदारी को लेकर सवाल खड़े किए
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं ने उस खबर को लेकर बुधवार को सरकार पर निशाना साधा जिसमें दावा किया गया है कि अडानी समूह के एक प्रमुख निवेशक इस कारोबारी समूह की एक रक्षा कंपनी में हिस्सेदार हैं।
समाचार पत्र ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर में दावा किया गया है कि ‘एलारा इंडिया अपारच्यूनिटीज फंड (एलारा आईओएफ) मॉरीशस में पंजीकृत उन चार प्रमुख इकाइयों में से एक है जो अडानी समूह की कंपनियों में प्रमुख शेयरधारक हैं।
खबर के मुताबिक, रिकॉर्ड से पता चलता है कि बेंगलुरू आधारित रक्षा कंपनी ‘अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड’ में अडानी समूह के साथ एलारा आईओएफ भी मालिकों में से एक है। यह कंपनी 2003 में बनी थी और यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) एवं रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ मिलकर काम करती है। इस कंपनी को 2020 में रक्षा मंत्रालय के साथ 590 करोड़ रुपये का एक ठेका मिला था जो पिचोरा मिसाइल एवं रडार प्रणाली को उन्नत बनाने से संबंधित था।
राहुल गांधी ने इस खबर का स्क्रीन शॉट साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘भारत की मिसाइल एवं रडार प्रणाली को उन्नत बनाने का अनुबंध एक ऐसी कंपनी को दिया गया जिसका स्वामित्व अडानी समूह और एलारा नामक एक संदिग्ध विदेशी इकाई के पास है।’’
India's missile & radar upgrade contract is given to a company owned by Adani & a dubious foreign entity called Elara.
Who controls Elara? Why is India's national security being compromised by giving control of strategic defence equipment to unknown foreign entities? pic.twitter.com/DJIw7rxPB8— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 15, 2023
उन्होंने सवाल किया, ‘‘एलारा को कौन नियंत्रित करता है? गुमनाम विदेशी इकाइयों को रणनीतिक रक्षा उपकरण का नियंत्रण देकर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता क्यों किया जा रहा है?’’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर संसद में चर्चा क्यों नहीं चाहते और इसकी जांच क्यों नहीं हो रही?
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘देश के एक प्रमुख अखबार ने मॉरीशस की एक संदिग्ध कंपनी की अडानी ग्रुप की फर्म के साथ मालिकाना साझेदारी का खुलासा किया। अडानी ग्रुप की इस फर्म को इसरो-डीआरडीओ व रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण ठेके मिले हुए हैं। लेकिन, प्रधानमंत्री जी न संसद में इस पर चर्चा चाहते हैं, न कोई जांच। क्यों?’’
देश के एक प्रमुख अखबार ने मॉरीशस की एक संदिग्ध कंपनी की अडानी ग्रुप की फर्म के साथ मालिकाना साझेदारी का खुलासा किया। अडानी ग्रुप की इस फर्म को ISRO-DRDO व रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण ठेके मिले हुए हैं।
लेकिन, प्रधानमंत्री जी न संसद में इस पर चर्चा चाहते हैं, न कोई जांच। क्यों? pic.twitter.com/COLXCnhDQb— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) March 15, 2023
शिवसेना (उद्धव) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि अडानी समूह में बड़ी शेयरधारक कंपनी ही रक्षा कंपनी में इसी समूह के साथ हिस्सेदार है तथा यह रक्षा कंपनी इसरो और डीआरडीओ के साथ मिलकर काम करती है।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ‘‘यह अद्भुत संयोग है।’’
(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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