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मेरी गिरफ़्तारी राजनीतिक थी, ऐसी ‘बदले की सियासत’ कभी नहीं देखी: संजय राउत

मुंबई की एक विशेष अदालत ने बुधवार को राउत को जमानत देते हुए कहा कि उनकी गिरफ्तारी ‘अवैध’ थी। उन्हें मुंबई की आर्थर रोड जेल से बुधवार को 100 दिन बाद रिहा किया गया।
Sanjay Raut

धनशोधन मामले में जेल से रिहाई के एक दिन बाद शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि उनकी गिरफ्तारी राजनीतिक थी और इस तरह की ‘बदले की भावना वाली सियासत’ देश में पहले कभी नहीं देखी गयी।

मुंबई की एक विशेष अदालत ने बुधवार को राउत को जमानत देते हुए कहा कि उनकी गिरफ्तारी ‘अवैध’ थी। उन्हें मुंबई की आर्थर रोड जेल से बुधवार को 100 दिन बाद रिहा किया गया।

उन्होंने बृहस्पतिवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि वह जल्द पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात करेंगे। राकांपा उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना की सहयोगी है।

राउत ने कहा कि वह आने वाले दिनों में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से भी मुलाकात करेंगे। उन्होंने भविष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने की भी बात कही, लेकिन इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं (विनायक दामोदर) सावरकर और (बाल गंगाधर) तिलक की तरह एकांत कारावास में था। मेरी गिरफ्तारी राजनीतिक थी लेकिन मैंने अच्छे उद्देश्य से समय बिताया। मेरी पार्टी, मेरे परिवार और मुझे झेलना पड़ा। हमने सहा है। मेरे परिवार का बहुत नुकसान हुआ। जिंदगी में और राजनीति में यह होता है।’’

राउत ने कहा, ‘‘लेकिन देश ने कभी इस तरह की राजनीति नहीं देखी। हमारा देश 150 साल तक विदेशी शासन के अधीन रहा, लेकिन हमने देश में इस तरह का राजनीतिक प्रतिशोध नहीं देखा। यहां तक कि दुश्मनों के साथ भी अच्छा बर्ताव होता था।’’

राउत ने दावा किया कि महाराष्ट्र को उप मुख्यमंत्री फडणवीस चला रहे हैं और एकनाथ-फडणवीस सरकार ने कुछ अच्छे फैसले लिये हैं।

आपको बता दें कि ईडी ने संजय राउत को पात्रा चॉल जमीन मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ़्तार किया था और उनकी पत्नी वर्षा राउत को भी पूछताछ के लिए तलब किया था। 

ईडी ने वर्षा पर आरोप लगाया था कि उनके खाते से लेन-देन के जानकारी मिली है।

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