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मार्च और नारेबाज़ी ही नहीं, कांग्रेस नेताओं ने काले कपड़ों से भी जताया विरोध

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने काले रंग का कुर्ता और इसी रंग का साफा भी बांध रखा था। लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी काले रंग की पैंट और शर्ट पहने हुए थे।
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नयी दिल्ली: महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ कांग्रेस के प्रदर्शन में शामिल नेताओं ने न सिर्फ नारेबाजी, मार्च, धरने और बैनर के माध्यम से विरोध जताया, बल्कि काले कपड़े पहनकर भी अपना प्रतिरोध व्यक्त किया।

कांग्रेस ने महंगाई, बेरोजगारी और कई खाद्य वस्तुओं को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के दायरे में लाए जाने के खिलाफ शुक्रवार को प्रदर्शन किया, जिसके बाद पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा समेत कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने काले रंग का कुर्ता और इसी रंग का साफा भी बांध रखा था। लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी काले रंग की पैंट और शर्ट पहने हुए थे।

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम और दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने काले रंग की शर्ट पहन रखी थी। हुड्डा ने काले रंग की टोपी भी पहन रखी थी।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश समेत कुछ नेताओं ने सफेद रंग के कपड़े पहने थे, हालांकि उन्होंने बांह पर काली पट्टी बांधकर विरोध जताया।

राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस सांसदों ने संसद भवन से राष्ट्रपति भवन के लिए मार्च निकाला। हालांकि, पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक दिया और हिरासत में ले लिया।

कांग्रेस ने महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ शुक्रवार को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की थी। इसके तहत कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्यों एवं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की प्रधानमंत्री आवास का ‘घेराव करने’ की योजना थी। पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता इसी के लिए कांग्रेस मुख्यालय में जमा हुए थे।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा भी प्रधानमंत्री आवास के घेराव के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए ‘24 अकबर रोड’ स्थित कांग्रेस मुख्यालय पहुंचीं, जहां से उन्हें हिरासत में ले लिया गया।

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काले रंग की सलवार-कमीज ओर दुपट्टा पहने प्रियंका पार्टी मुख्यालय के सामने पुलिस द्वारा लगाए गए अवरोधक को लांघकर दूसरी तरफ पहुंचीं और सड़क पर धरने पर बैठ गईं। कुछ देर बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

संसद भवन से पार्टी सांसदों का मार्च शुरू होने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी इसमें थोड़ी देर के लिए शामिल हुईं।

हिरासत में लिए जाने से पहले राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि देश में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘इस तानाशाह सरकार को डर लग रहा है। भारत के हालत से, कमरतोड़ महंगाई और ऐतिहासिक बेरोजगारी से, अपनी नीतियों से लाई बर्बादी से। जो सच्चाई से डरता है, वो ही आवाज उठाने वालों को धमकाता है!’’

प्रियंका ने आरोप लगाया, ‘‘इतनी महंगाई है कि सभी लोग तड़प रहे हैं। मोदी जी ने पूरे देश की संपत्ति बेच दी। दो-चार लोग और अमीर हो रहे हैं, जबकि पूरा देश तड़प रहा है। उन्हें (मंत्री) महंगाई इसलिए नहीं दिखती, क्योंकि उनके पास पैसा ही पैसा है।’’

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, ‘‘आज एक बार फिर कांग्रेस सांसदों को महंगाई, बेरोजगारी और जीएसटी के खिलाफ प्रदर्शन करने के लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित कर दिया गया। विजय चौक पर हमें पुलिस वैन में भर दिया गया। एक चीज साफ है, जो डरते हैं, वही डराने का प्रयास करते हैं!’’

रमेश ने दावा किया, ‘‘पिछले तीन महीनों से जब से कांग्रेस अध्यक्ष ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक ‘भारत जोड़ो’ यात्रा की घोषणा की है, धमकी-जीवी ने कांग्रेस पार्टी एवं हमारे नेताओं के खिलाफ प्रतिशोध और डर की जहरीली राजनीति तेज कर दी है। यह सिर्फ संयोग नहीं है।’’ दिल्ली पुलिस ने नयी दिल्ली जिले में निषेधाज्ञा लागू होने का हवाला देते हुए शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस को प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

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